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19 जनवरी 2018

रबी में दलहन की बुवाई में भारी बढ़ोतरी, गेहूं और तिलहन की घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में जहां दलहन की बुवाई में भारी बढ़ोतरी हुई है, वहीं तिलहनों के साथ ही गेहूं की बुवाई में कमी आई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में दालों की कुल बुवाई बढ़कर 163.11 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुवाई केवल 155.76 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई बढ़कर 106.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि​ पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 98.47 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मसूर की बुवाई बढ़कर चालू रबी में 17.27 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 17.21 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई घटकर चालू रबी में अभी तक केवल 298.67 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक देशभर में गेहूं की बुवाई 311.17 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। धान की रौपाई चालू रबी में बढ़कर 22.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 15.99 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी।
तिलहनों की बुवाई चालू रबी सीजन में घटकर 79.11 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक देशभर में तिलहनों की बुवाई 82.08 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई घटकर 66.60 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 70.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई बढ़कर 5.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 4.59 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। 
मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में घटकर 54.58 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुवाई 55.99 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई 30.33 लाख हैक्टेयर में, मक्का की बुवाई 15.74 लाख हैक्टेयर में और जौ की बुवाई 7.59 लाख हैक्टेयर में ही हुई है। मक्का की बुवाई में चालू रबी में जहां बढ़ोतरी हुई है, वहीं ज्वार और जौ की बुवाई पिछले साल की तुलना में घटी है। 
मंत्रालय के अनुसार चालू रबी सीजन में फसलों की कुल बुवाई घटकर 617.79 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 620.99 लाख हैक्टेयर में रबी फसलों की बुवार्इ् हो चुकी थी। ...........  आर एस राणा

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