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30 नवंबर 2017

प्याज हुई बेलगाम, सरकार ने भी खड़े किए हाथ

तमाम कोशिशों के बावजूद प्याज की कीमतें फिलहाल कम नहीं होंगी। कम से कम सरकार ने तो कुछ ऐसा ही संकेत दिया है। देश भर में प्याज 50 रुपये किलो के ऊपर है। दिल्ली में इसका भाव 80 रुपये तक पहुंच गया है। यानि थोक के मुकाबले रिटेल में दोगुना भाव। चौंकाने वाली बात ये है कि इंपोर्ट शुरु हुआ, एक्सपोर्ट का दाम तय किया गया, सरकारी एजेंसी नैफेड खुद नासिक में प्याज खरीद रही है। इसके बावजूद प्याज की कीमतें आसमान पर हैं।
चौंकाने वाली बात ये भी है कि सरकार को ये सब बात पता है। इसके बावजूद कोई एक्शन नहीं। सरकार जानती है कि मंडियों में प्याज 30 रुपये किलो बिक रहा है और कैसे ये रिटेल में 60 से 80 रुपये किलो हो जा रहा है, ये भी पता है। लेकिन इससे निपटने के लिए करें क्या, ये नहीं मालूम। कम से कम केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान के बयान से तो यहीं संकेत मिल रहा है।
इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि सरकार प्याज के अपने हाथ खड़े कर दी है। नई फसल की जोरदार आवक हो रही है। इस महीने नासिक की मंडियों में आवक बढ़कर 3 गुनी हो गई है। इसके बावजूद कीमतों पर कोई असर नहीं और सबकुछ जानते हुए सरकार सिर्फ पब्लिक को बाजार की जानकारी दे रही है। खाद्य मंत्री राम विलास पासवान का बयान है कि कीमतों पर काबू पाना सरकार के हाथ में नहीं।

बासमती चावल के निर्यात में कमी, गैर बासमती का बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के अक्टूबर महीने में जहां बासमती चावल के निर्यात में हल्की गिरावट आई है, वहीं गैर-बासमती चावल का निर्यात इस दौरान दौगुने के करीब हुआ है। अक्टूबर महीने में बासमती चावल का निर्यात घटकर 2.34 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर महीने में इसका निर्यात 2.37 लाख टन का हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात अक्टूबर में बढ़कर 7.46 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर में केवल 3.33 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात ही हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बासमती चावल के कुल निर्यात में हल्की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान बासमती चावल का निर्यात 23.65 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात 23.03 लाख टन का ही हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बढ़कर 48.87 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 37.49 लाख टन का हुआ था।..................   आर एस राणा

अक्टूबर में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 24 हजार टन ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के अक्टूबर महीने में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 24 हजार टन बढ़कर कुल निर्यात 56,000 टन का हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर में इनका निर्यात केवल 32,000 टन का ही हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 2.82 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 1.96 लाख टन का ही हुआ था।   ..........   आर एस राणा

डॉलर में हल्की रिकवरी

डॉलर में आई हल्की रिकवरी से ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया है। कॉमैक्स पर इसमें 1285 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है।  आज डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 0.25 फीसदी कमजोर हो गया है। एक डॉलर की कीमत 64.5 रुपये के स्तर पर चली गई है। विएना में आज ओपेक की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में अगले साल मार्च के बाद क्रूड उत्पादन में कटौती जारी रखने पर सहमति बन सकती है। इसीलिए कच्चे तेल में आज तेजी देखी जा रही है। हालांकि दूसरी ओर अमेरिका में क्रूड का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। और अगले महीने वहां रोजाना उत्पादन का स्तर 99 लाख बैरल तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में कच्चे तेल में बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। वहीं उत्पादन कटौती पर सहमति को लेकर बाजार में अनिश्चितता भी है। इससे भी क्रूड की दिशा तय नहीं हो पा रही है।


29 नवंबर 2017

गुजरात में जीरा की बुवाई 68 फीसदी पूरी

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में जीरा की बुवाई 68 फीसदी पूरी हो चुकी है। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार 27 नवंबर तक राज्य में जीरा की बुवाई बढ़कर 1.91 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में केवल 1.41 हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। राज्य में सामान्यतः जीरा की बुवाई 2.80 लाख हैक्टेयर में होती है। मौसम में ठंड बढ़ने से गुजरात के साथ ही राजस्थान में भी जीरा की बुवाई में तेजी आई है। ...............   आर एस राणा

राजस्थान में चना के साथ सरसों की बुवाई कम, उत्पादन घटने की आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में राजस्थान में चना के साथ ही सरसों की बुवाई में कमी आई है, इनकी बुवाई का समय भी अब लगभग समाप्त हो चुका है अतः चालू रबी सीजन में राज्य में इनकी पैदावार में कमी आने की आशंका है।
राजस्थान कृषि निदेशालय के अनुसार राज्य में 27 नवंबर तक चना की बुवाई 12.30 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 15.79 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। राज्य के कृषि निदेशालय ने बुवाई का लक्ष्य चालू रबी में 15 लाख हैक्टेयर में तय किया था।
सरसों की बुवाई भी चालू रबी में राजस्थान में घटकर केवल 19.92 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 24.88 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हो चुकी थी। राज्य के कृषि निदेशालय ने बुवाई का लक्ष्य 26 लाख हैक्टेयर का तय किया है पिछले साल कुल बुवाई 25.04 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
अन्य फसलों में गेहूं की बुवाई चालू रबी में राजस्थान में अभी तक केवल 15.05 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 18.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। राज्य में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य 32 हजार का तय किया हुआ है। जौ की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 2.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 2.21 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। राज्य में जौ की बुवाई का लक्ष्य 3 लाख हैक्टेयर का है जबकि पिछले साल जौ की कुल बुवाई 2.21 लाख हैक्टेयर में हुई थी।....   आर एस राणा

क्रूड की कीमतों में करीब 0.5 फीसदी की गिरावट



अमेरिका में भंडार बढ़ने से क्रूड की कीमतों में करीब 0.5 फीसदी की गिरावट आई है। कल एपीआई की इन्वेंट्री रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक अमेरिका में क्रूड का भंडार करीब 18 लाख बैरल बढ़ गया है। आज अमेरिकी एनर्जी डिपार्टमेंट की इन्वेंट्री रिपोर्ट पर भी बाजार की नजर है। पिछले दिनों की गिरावट के बाद आज लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर और निकेल में हल्की रिकवरी आई है। वहीं आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी है। हालांकि इसके बावजूद डॉलर की कीमत 64.5 रुपये के नीचे है। उत्तर कोरिया में फिर से मिसाइल परीक्षण से सोने की चमक बढ़ गई है। ग्लोबल मार्केट में इसका दाम 1295 डॉलर के पार चला गया है। इसमें करीब 1.5 महीने के ऊपरी स्तर पर कारोबार हो रहा है। वहीं कल की गिरावट के बाद चांदी में भी रिकवरी आई है। अमेरिका में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस 17 साल के ऊपरी स्तर पर चला गया है। वहीं भारत में सोने की मांग घट गई है। ऐसे में यहां सोने पर 1 डॉलर प्रति औंस का डिस्काउंट चल रहा है।


28 नवंबर 2017

एफसीआई ने 9.58 लाख टन गेहूं की मांगी निविदा

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 9.58 लाख टन गेहूं बेचने के लिए निविदा मांगी है। ओएमएसएस के तहत गेहूं खरीदने के लिए निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,790 रुपये प्रति क्विंटल है।
ओएमएसएस के तहत सबसे ज्यादा गेहूं का आवंटन महाराष्ट्र के लिए 2.84 लाख टन, हरियाणा के लिए 2.69 लाख टन, मध्य प्रदेश के लिए 1.15 लाख टन, पश्चिमी बंगाल के लिए 60 हजार टन, उड़ीसा के लिए 50 हजार टन, तमिलनाडु के लिए 26 हजार टन, कर्नाटका के लिए 24,100 टन, उत्तर प्रदेश के लिए 15 हजार टन, केरल के लिए 12,200 टन, चंडीगढ़ के लिए 10,500 टन, जम्मू-कश्मीर के लिए 7,500 टन, आंध्रप्रदेश के लिए 6,500 टन, असम के लिए 3,000 टन का आवंटन किया है।
अन्य राज्यों में बिहार के लिए 2,000 टन, हिमाचल प्रदेश के लिए 1,500 टन, छत्तीसगढ़ के लिए 1,500 टन, गुजरात के लिए 1,500 टन, झारखंड के लिए 1,000 टन और गोवा के लिए 500 टन का आवंटन किया है।..... आर एस राणा

मूल्य के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 57 फीसदी बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मूल्य के हिसाब से ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 56.87 फीसदी बढ़कर 2,269.07 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 1,446.47 करोड़ रुपये का ही हुआ था।............  आर एस राणा

आज डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी

 आज डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी है। एक डॉलर की कीमत 64.5 रुपये के ऊपर है।  बेस मेटल में कल भारी गिरावट के बाद आज आज चीन में निकेल का दाम करीब 2.5 फीसदी लुढ़क गया है। हालांकि लंदन मेटल एक्सचेंज पर इसमें सपाट कारोबार हो रहा है। लेकिन 1 साल के ऊपरी स्तर से निकेल का दाम करीब 10 फीसदी फिसल चुका है। ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1.5 महीने के ऊपरी स्तर पर है। कॉमैक्स पर इसमें 1295 डॉलर के पास कारोबार हो रहा है। वहीं चांदी भी 17 डॉलर के ऊपर है। एमसीएक्स पर सोना 0.07 फीसदी की कमजोरी के साथ 29475 रुपये के आसपास दिख रहा है। वहीं, चांदी 0.01 फीसदी की मामूली कमजोरी के साथ 39265 रुपये के करीब दिख रही है। ओपेक की बैठक से पहले कच्चे तेल में दबाव दिख रहा है। नायमैक्स पर क्रूड का दाम करीब 0.5 फिसल गया है। ब्रेंट में भी गिरावट पर कारोबार हो रहा है।

27 नवंबर 2017

उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 173 फीसदी ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर से शुरु हुए चालू पेराई सीजन 2017-18 में उत्तर प्रदेश में 24 नवंबर 2017 तक चीनी का उत्पादन 173 फीसदी बढ़कर 9.93 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में केवल 5.74 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) के अनुसार राज्य में 100 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है तथा राज्य में अब केवल 19 चीनी मिलों में ही पेराई आरंभ होनी है। पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 84 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई थी। चालू पेराई सीजन में राज्य की चीनी मिलें अभी तक 1,091.49 क्विंटल गन्ने की पेराई कर चुकी है तथा औसतन रिकवरी की दर 9.75 फीसदी है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटका के अलावा अन्य राज्यों में भी गन्ने की पेराई में तेजी आई है, तथा आगे चीनी का उत्पादन और बढ़ेगा। केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2017 तक चीनी पर स्टॉक लिमिट लगा रखी है, जबकि चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना के कारण स्टॉकिस्टों की मांग काफी कमजोर है। ऐसे में आगे चीनी की कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है। दिल्ली में सोमवार को एम ग्रेड चीनी का भाव 3,825 से 3,875 रुपये प्रति क्विंटल रहा।.............   आर एस राणा

बजट: कमोडिटी सेक्टर की सीटीटी हटाने की मांग

बजट से पहले कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार करने वालों ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी सीटीटी हटाने की मांग की है। कारोबारियों ने मांग की है कि कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानि सीटीटी के हटाया जाए और इसको नॉन रिफंडेबल टैक्स का दर्जा मिले। फिलहाल सीटीटी को खर्च का दर्जा दिया जाता है। कारोबारियों ने ये भी मांग की है कि सीटीटी को सेक्शन 88ई के तहत लाया जाए। बता दें कि इसके 88ई के तहत आने पर टैक्स का बोझ कम होगा। कारोबारियों पर डबल टैक्सेशन का बोझ हटाने की मांग की गई है। इसके अलावा सभी डेरिवेटिव्स को नॉन स्पैक्यूलेटिव करने और बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने की भी मांग की गई है।

डॉलर 2 महीने के निचले स्तर पर

डॉलर 2 महीने के निचले स्तर पर है। ऐसे में ग्लोबल मार्केट में सोने को सपोर्ट मिला है और कॉमैक्स पर सोने का दाम 1290 डॉलर के पास है। जबकि चांदी में 17 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। डॉलर में आई नरमी और चीन में फिर से मांग बढ़ने के अनुमान से मेटल में तेजी आई है। एलएमई पर कॉपर का दाम 1 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। इसमें 7 हजार डॉलर प्रति टन के ऊपर कारोबार हो रहा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आई है। एक डॉलर की कीमत 68.80 पैसे के पास है।  इस हफ्ते विएना में ओपेक की अहम बैठक है। इस बैठक से पहले कच्चे तेल का दाम पिछले 2 साल के ऊपरी स्तर के पास पहुंच गया है। ब्रेंट में 64 डॉलर के बेहद करीब कारोबार हो रहा है। जबकि नायमैक्स क्रूड का दाम 58.5 डॉलर के ऊपर है। हालांकि ऊपरी स्तर से कुछ दबाव भी दिख रहा है। दरअसल बैठक में मार्च के बाद भी क्रूड उत्पादन कटौती जारी रखने पर सहमति बनने की संभावना है। इस बीच कनाडा से अमेरिका को जाने वाली तेल की पाइपलाइन बंद होने से भी कीमतों को सपोर्ट मिला है।

25 नवंबर 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........
एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के लिए ----------------हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।

आर एस राणा
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एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी की दैनिक टिप्स

प्रिय पाठकों,
एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी में दैनिक आधार पर किस भाव पर खरीद करें, क्या स्टोप लोस लगाए तथा टारगेट क्या है। ट्रायल लेने के लिए हमें फोन करें या ई-मेल करें,। यह सर्विस मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी। इस सेवा के लिए हमें ई मेल
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धन्यवाद,
आर एस राणा
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चना की बुवाई मध्य प्रदेश और कर्नाटका में ज्यादा, राजस्थन और यूपी में कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई जहां मध्य प्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र में बढ़ी है, वहीं राजस्थान के साथ ही उत्तर प्रदेश में बुवाई पिछे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार अभी तक चना की कुल बुवाई बढ़कर 72.98 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 62.83 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। सामान्यतः रबी में चना की बुवाई 86.80 लाख हैक्टेयर में होती है।
प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में चना की बुवाई बढ़कर अभी तक 27.52 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 19.60 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। इसी तरह से कर्नाटका में बुवाई बढ़कर चालू रबी में अभी तक 12.20 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में केवल 8.68 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। महाराष्ट्र में चना की बुवाई बढ़कर चालू रबी में 10.37 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 9.34 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
उधर राजस्थान में चालू रबी में चना की बुवाई घटकर अभी तक केवल 10.92 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 14.40 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश में भी चालू रबी में अभी तक केवल 4.50 लाख हैक्टेयर में ही चना की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.38 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। अन्य राज्यों में आंध्रप्रदेश में चना की बुवाई 3.31 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 1.71 लाख हैक्टेयर में और छत्तीसगढ़ में 44 हजार हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। ..........  आर एस राणा

24 नवंबर 2017

रबी फसलों की कुल बुवाई पिछड़ी, दलहन और मोटे अनजों की बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में फसलों की कुल बुवाई पिछड़ी है जबकि दलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई आगे चल रही है। रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई भी पिछे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में कुल फसलों की बुवाई घटकर अभी तक केवल 315.86 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल के समान अवधि में 320.55 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
मंत्रालय के अनुसार गेहूं की बुवाई घटकर 110.66 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 126.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। रबी दलहन की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 101.43 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 89 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। चना के साथ ही मसूर की बुवाई भी आगे चल रही है। चना की बुवाई बढ़कर 72.96 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 62.83 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। इसी तरह से मसूर की बुवाई भी बढ़कर चालू रबी में 11.73 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 9.72 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी।
मोटे अनाजों की बुवाई बढ़कर भी चालू रबी में अभी तक 36.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय 33.93 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई बढ़कर 25.51 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 24.54 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। जौ की बुवाई चालू रबी में घटकर 3,70 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.92 लाख हैक्टेयर में जौ की बुवाई हो चुकी थी।
चालू रबी में तिलहनों की बुवाई घटकर 57.93 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 63.96 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई अभी तक केवल 51.37 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 57.86 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। तिलहनी फसलों में मूंगफली और अलसी की बुवाई पिछले साल की तुलना में आगे चल रही है। रबी में मूंगफली की बुवाई 2.56 लाख हैक्टेयर में और अलसी की बुवाई 2.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।...  आर एस राणा

प्याज निर्यात पर एमईपी की शर्त लगी

प्याज की बेलगाम कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। उसने प्याज के निर्यात के लिए एमईपी यानी मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस तय कर दिया है।  31 दिसंबर के लिए एमईपी 850 डॉलर प्रति टन तय किया गया है। रुपए के लिहाज से इसे देखा जाए तो  करीब 55 रुपए  किलो बैठता है। यानी देश से अगर किसी को प्याज का निर्यात करना होगा तो कम से कम इस भाव पर करना पड़ेगा। इस भाव से नीचे प्याज का निर्यात नहीं किया जा सकेगा। दरअसल कुछ समय प्याज की रिटेल कीमतें बढ़ रही हैं और ज्यादातर शहरों में ये 50 रुपये किलो से ऊपर बनी हुई है।

कच्चे तेल की कीमतों में हल्की कमजोरी

कच्चे तेल की कीमतों में हल्की कमजोरी आई है लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके दाम 2 साल की ऊंचाई पर बने हुए हैं। कनाडा की कीस्टोन पाइपलाइन बंद होने और अमेरिका में भंडार घटने से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 19 लाख बैरल घटा है। मार्च के ऊपरी स्तर से इसमें 15 फीसदी की गिरावट आई है। ऊपरी स्तर पर मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण कल कॉमेक्स पर सोने करीब 1 फीसदी बढ़ा है। चांदी पर आज ज्यादा दबाव है, कॉमेक्स पर इसके दाम 0.5 फीसदी से ज्यादा गिरे हैं। बेस मेटल्स की बात करें तो शंघाई में एल्युमिनियम 0.75 फीसदी ऊपर है, वहीं कॉपर में भी हल्की बढ़त देखी जा रही है।

23 नवंबर 2017

सोया डीओसी के निर्यात पर इनसेंटिव दौगुना करने की मांग - सोपा


आर एस राणा
नई दिल्ली। उद्योग ने केंद्र सरकार से सोया डीओसी के निर्यात पर इनसेंटिव को दौगुना करने की मांग की है। उद्योग के अनुसार सोया डीओसी के निर्यात पर इस समय 5 फीसदी इनसेंटिव मिल रहा है, तथा इसे बढ़ाकर 10 फीसदी करने के लिए पत्र लिखा है।
सोया प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर डीओसी पर मिलने वाले इनसेंटिव को 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने की मांग की है, सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक के अनुसार इसका सीधा फायदा किसानों को होगा, उद्योग किसानों से सोयाबीन की ज्यादा खरीद करेगा, जिससे उन्हें उचित भाव मिलेगा। इसलिए केंद्र सरकार को इनसेंटिव को बढ़ा देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि पिछले साल तेल वर्ष 2016-17 (अक्टूबर-16 से सितंबर-17) के दौरान करीब 20 लाख टन सोया डीओसी का निर्यात हुआ था, जबकि चालू सीजन में घरेलू बाजार में भाव पिछले साल की तुलना में कम है, तथा सोयाबीन की उपलब्धता पिछले साल के लगभग बराबर ही बैठेगी, ऐसे में चालू तेल वर्ष 2017-18 में डीओसी का निर्यात बढ़कर 24 से 25 लाख टन होने का अनुमान है।
सोपा के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन का उत्पादन 91.46 लाख टन होने का अनुमान है जबकि नई फसल की आवक के समय 13.93 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ था। अतः कुल उपलब्धता 105.39 लाख टन की बैठेगी। चालू तेल वर्ष के अक्टूबर महीने में सोयाबीन की आवक उत्पादक मंडियों में करीब 15.50 लाख टन की हुई है जबकि सोया डीओसी का उत्पादन 5.67 लाख टन का हुआ है। इसमें से 0.67 लाख टन का निर्यात हुआ है तथा 4.25 लाख टन की खपत फीड में और हुई है। ...............   आर एस राणा

कच्चे तेल की कीमतों में हल्की कमजोरी

कच्चे तेल की कीमतों में हल्की कमजोरी आई है लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके दाम 2 साल की ऊंचाई पर बने हुए हैं। कनाडा की कीस्टोन पाइपलाइन बंद होने और अमेरिका में भंडार घटने से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 19 लाख बैरल घटा है। मार्च के ऊपरी स्तर से इसमें 15 फीसदी की गिरावट आई है। ऊपरी स्तर पर मुनाफावसूली के कारण सोने की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण कल कॉमेक्स पर सोने करीब 1 फीसदी बढ़ा है। चांदी पर आज ज्यादा दबाव है, कॉमेक्स पर इसके दाम 0.5 फीसदी से ज्यादा गिरे हैं। बेस मेटल्स की बात करें तो शंघाई में एल्युमिनियम 0.75 फीसदी ऊपर है, वहीं कॉपर में भी हल्की बढ़त देखी जा रही है।

22 नवंबर 2017

राजस्थान में सरसों के साथ ही चना की बुवाई में कमी आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में सरसों के साथ ही चना की बुवाई में कमी आने की आशंका है। राज्य में अभी तक सरसों के साथ ही चना की बुवाई पिछड़ रही है, जबकि बुवाई का समय अब लगभग पूरा हो चुका है।
राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार राज्य में सरसों की बुवाई अभी तक केवल 17.68 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 23.05 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। राज्य के कृषि निदेशालय ने बुवाई का लक्ष्य 26 लाख हैक्टेयर का तय किया है जबकि पिछले साल कुल बुवाई 25.04 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
इसी तरह से राज्य में चना की बुवाई भी चालू रबी में घटकर अभी तक केवल 9.93 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 12.97 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू रबी में चना के बुवाई का लक्ष्य 15 लाख हैक्टेयर तय किया है जबकि पिछले साल कुल बुवाई 15.48 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
अन्य फसलों में गेहूं की बुवाई राज्य में अभी तक 6.44 लाख हैक्टेयर में और जौ की बुवाई 1.17 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में इनकी क्रमशः 7.99 लाख हैक्टेयर में और 1.22 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। .................  आर एस राणा

मौसम में ठंड बढ़ने से जीरा की बुवाई में आयेगी तेजी

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों गुजरात और राजस्थान में मौसम में ठंड बढ़ने लगी है इससे जीरा की बुवाई में तेजी आने का अनुमान है। गुजरात राज्य कृषि निदेशालय के अनुसार राज्य में अभी तक 59,400 हैक्टेयर में जीरा की बुवाई हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 36,600 हैक्टेयर से ज्यादा है। सामान्यतः गुजरात में जीरा की बुवाई 2.80 लाख हैक्टेयर में होती है। उधर राजस्थान में बुवाई चालू हो गई है, आगे बुवाई में तेजी आने का अनुमान है।
उत्पादक राज्यों में जीरा का स्टॉक कम है जबकि इस समय निर्यात मांग अच्छी है, ऐसे में आगे इसके भाव में तेजी ही आने का अनुमान है। मंगलवार को उंझा मंडी में जीरा की दैनिक आवक 3,000 से 3,500 बोरी की हुई जबकि भाव 3,600 से 3,950 रुपये प्रति क्विंटल रहे। हालांकि वायदा में मुनाफावसूली से गिरावट दर्ज की गई, लेकिन हाजिर में भाव स्थिर बने रहे।
मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले छह महीनों अप्रैल से सितंबर के दौरान जीरा के निर्यात में 2.6 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 63,085 टन का ही हुआ है। विश्व बाजार में भारतीय जीरा का भाव 3.70 डॉलर प्रति किलो है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो था।  .............   आर एस राणा

कच्चे तेल में जोरदार तेजी

कच्चे तेल में जोरदार तेजी आई है और ग्लोबल मार्केट में इसका दाम करीब 1 से 1.5 फीसदी उछल गया है। ब्रेंट 63 डॉलर के पार है। जबकि नायमैक्स क्रूड में 57.5 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। अगले हफ्ते ओपेक की अहम बैठक है। इससे पहले जेपी मॉर्गन ने कहा है कि मार्च के बाद अगर ओपेक प्रोडक्शन कटौती जारी रखता है तो अगले साल बाजार का संतुलना बना रहेगा और ब्रेंट 40 से 60 डॉलर का दायरा तोड़ सकता है। लेकिन सहमति नहीं बनी तो बाजार में ओवर सप्लाई तय है। इस बीच कल एपीआई की इन्वेंट्री रिपोर्ट आई थी, जिसके मुताबिक अमेरिका में क्रूड का भंडार करीब 64 लाख बैरल गिर गया है। अमेरिका में आज फेडरल रिजर्व की पिछली बैठक का ब्यौरा जारी होगा और इससे पहले सोने की चाल सुस्त है। ये कल के लेवल के आसपास ही कारोबार कर रहा है। चांदी भी 17 डॉलर के नीचे है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती बढ़ गई है। एक डॉलर की कीमत 64.80 रुपये के नीचे आ गई है।

21 नवंबर 2017

ओएमएसएस के तहत केवल 5 लाख टन गेहूं की हुई बिक्री

आर एस राणा
नई दिल्ली। खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अभी तक केवल 5 लाख टन गेहूं की बिक्री ही कर पाई है। एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसमें से 1.84 लाख टन गेहूं की खरीद रोलर फ्लोर मिलों ने की है, जबकि अन्य गेहूं राज्य सरकारों ने खरीदा है।
एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत 10.88 लाख टन और गेहूं बेचने के लिए निविदा मांगी है, तथा गेहूं खरीदने के लिए न्यूनतम भाव एफसीआई ने 1,790 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि उत्पादक राज्यों में भाव नीचे हैं, इसीलिए फ्लोर मिलें एफसीआई से खरीद कम कर रही हैं।
एफसीआई ओएमएसएस के तहत सबसे ज्यादा गेहूं का आवंटन महाराष्ट्र के लिए 2.92 लाख टन का किया है, इसके अलावा हरियाणा के लिए 2.77 लाख टन, पंजाब के लिए 1.45 लाख टन, मध्य प्रदेष के लिए 1.15 लाख टन और पश्चिमी बंगाल के लिए 60 हजार टन गेहूं का आवंटन किया है। इसके अलावा उड़ीसा के लिए 50 हजार टन, तमिलनाडु के लिए 25 हजार टन, कर्नाटका के लिए 23,700 टन तथा राजस्थान के लिए 20 हजार टन गेहूं का आवंटन किया है। दिल्ली के लिए 16 हजार टन, उत्तर प्रदेश के लिए 15 हजार टन, तथा चंडीगढ़ के लिए 12 हजार टन, केरल के लिए 10,700 टन, आंध्रप्रदेश के लिए 6,500 टन तथा उत्तराखंड के लिए 4,500 टन गेहूं का आवंटन किया है। ................   आर एस राणा

अरहर और उड़द वायदा के लिए सेबी से मंजूरी मांगी

चना वायदा के बाद एनसीडीईएक्स पर जल्द ही अरहर और उड़द वायदा भी शुरू हो सकता है। एक्सचेंज ने इसके लिए सेबी से मंजूरी मांगी है। दूसरी तरफ सूत्रों से जानकारी मिली है कि दाल का एक्सपोर्ट खुलने के बाद सेबी इस मुद्दे पर तेजी से विचार शुरू कर दिया है।

कच्चे तेल में बेहद सुस्त कारोबार

कच्चे तेल में बेहद सुस्त कारोबार हो रहा है। बाजार की नजर 30 नवंबर को ओपेक की बैठक पर है। माना जा रहा है कि बैठक में अगले साल मार्च के बाद भी उत्पादन कटौती जारी रखने पर सहमति बन सकती है। हालांकि अमेरिका में क्रूड का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच चीन में स्टील की कीमतों में आई तेजी से निकेल का दाम करीब 1.5 फीसदी उछल गया है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती आई है। अमेरिका में कल फेडरल रिजर्व की अक्टूबर मिटिंग का ब्यौरा जारी होगा और इससे पहले सोने की चाल फिर से सुस्त पड़ गई है। कल डॉलर में उछाल से इसमें भारी गिरावट आई थी और भाव 1280 डॉलर के नीचे आ गए थे। लेकिन आज फिर से निचले स्तर से सोना सपोर्ट ले रहा है। अमेरिका और उत्तर कोरिया को लेकर चल रहे तनाव से सोने को सहारा मिला है। सोने के साथ चांदी को भी सपोर्ट मिला है, लेकिन बढ़त के बावजूद चांदी सतरह डॉलर के नीचे बनी हुई है।


20 नवंबर 2017

चालू पेराई सीजन में 13.73 लाख टन चीनी का हो चुका है उत्पादन

आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2017 से शुरु हुए चालू पेराई सीजन 2017-18 में 15 नवंबर तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 13.73 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में चीनी का उत्पादन केवल 7.67 लाख टन का ही हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन आफ इंडिया (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों में पेराई जल्दी आरंभ होने से चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। इस समय देशभर में 313 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इस दौरान केवल 222 चीनी मिलों में ही पेराई आरंभ हुई थी। चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है, जबकि केंद्र सरकार ने चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि को 31 दिसंबर 2017 तक किया हुआ है, अतः इस्मा ने केंद्र सरकार से चीनी पर लगी स्टॉक लिमिट को हटाने की मांग की है, ताकि चीनी की कीमतों में चल रही गिरावट रुक जाए।  सोमवार को दिल्ली में चीनी के भाव घटकर 3,850 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में अभी तक 5.67 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में केवल 1.93 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 78 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 55 चीनी मिलों में ही पेराई आरंभ हुई थी। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 15 नवंबर तक 3.26 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 1.92 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में 137 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 95 चीनी मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी। ............  आर एस राणा

केंद्र ने 85 हजार टन अरहर के आयात को दी मंजूरी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 85 हजार टन अरहर के आयात को मंजूरी दे दी है। इसका आयात मौजाम्बिक से किया जायेगा, तथा आयातित अरहर मुंबई, कोलकत्ता, तूतीर्कोन और हजारी बंगदरगाह पर आयेगी।
केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार ने मौजाम्बिक से 1.25 लाख टन अरहर के आयात को मंजूरी दी थी, इसमें से 40 हजार टन अरहर का आयात पहले ही हो चुका था, उसके बाद केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अरहर के आयात की 3 लाख टन की सीमा कर दी थी, जिसका आयात पहले ही हो चुका है। अतः अब 85 हजार टन अरहर के अरहर के आयात की अधिसूचना फिर से जारी की गई है।.........  आर एस राणा

डॉलर में सुस्ती के बावजूद ग्लोबल मार्केट में सोना 1 महीने के ऊपरी स्तर पर

डॉलर में सुस्ती के बावजूद ग्लोबल मार्केट में सोना 1 महीने के ऊपरी स्तर पर चला गया है। कॉमैक्स पर ये 1290 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा है। अब ऊपरी स्तर से दबाव है। वहीं पिछले हफ्ते की तेजी के बाद चांदी में करीब 1 फीसदी की गिरावट आई है। अगले महीने अमेरिका में ब्याज दरें ब‍ढ़ने का अनुमान है। ऐसे में सोने और चांदी की तेजी टिक नहीं सकी। कच्चे तेल में बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। इस महीने के अंत में विएना में ओपेक की अहम बैठक है। जिस पर बाजार की नजर है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में सुस्ती है।

18 नवंबर 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........
एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के लिए ----------------हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।

आर एस राणा
rsrana2001@gmail.com
rsrana2017@yahoo.com
mobile no.  09811470207 , 07678684719

एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी की दैनिक टिप्स

प्रिय पाठकों,
एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी में दैनिक आधार पर किस भाव पर खरीद करें, क्या स्टोप लोस लगाए तथा टारगेट क्या है। ट्रायल लेने के लिए हमें फोन करें या ई-मेल करें,। यह सर्विस मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी। इस सेवा के लिए हमें ई मेल
rsrana2001@gmail.com, rsrana2017@yahoo.com,   पर भेजे या फिर मोबाईल नं0 - 09811470207 पर संपर्क करें।
धन्यवाद,
आर एस राणा
09811470207

सरसों की बुवाई राजस्थान में पिछड़ी, हरियाणा और एमपी में बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई जहां प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में पिछे चल रही है, वहीं हरियाणा के साथ मध्य प्रदेश में बुवाई बढ़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में राजस्थान में सरसों की बुवाई अभी तक केवल 17.40 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 20.61 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
हरियाणा में चालू रबी में सरसों की बुवाई बढ़कर 5.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 4.83 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। उधर मध्य प्रदेश में सरसों की बुवाई बढ़कर चालू रबी सीजन में 6.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 5.21 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
उत्तर प्रदेश में सरसों की बुवाई 9.40 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 9.82 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। अन्य राज्यों में पश्चिमी बंगाल में 1.26 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 1.92 लाख हैक्टेयर में और असम में 1.16 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार देशभर में सरसों की बुवाई अभी तक केवल 44.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 46.84 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।  ...............  आर एस राणा

मध्य प्रदेश के साथ कर्नाटका में चना की बुवाई बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के साथ ही कर्नाटका और महाराष्ट्र में चना की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, जबकि राजस्थान में बुवाई पिछे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में मध्य प्रदेश में चना की बुवाई बढ़कर 23.63 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 14.43 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
कर्नाटका में चालू रबी में चना की बुवाई बढ़कर 11.56 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 8.37 लाख हैक्टेयर में ही चना की बुवाई हुई थी। सामान्यतः कर्नाटका में चना की बुवाई 10.15 लाख हैक्टेयर में ही होती है जबकि पिछले साल कुल बुवाई 8.97 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
महाराष्ट्र में चना की बुवाई बढ़कर चालू रबी में 7.60 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में केवल 5.23 लाख हैक्टेयर में ही चना की बुवाई हो पाई थी। राजस्थान में चना की बुवाई अभी तक केवल 9.65 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 10.16 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। अन्य राज्या में उत्तर प्रदेश में चना की बुवाई 3.11 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 1.10 लाख हैक्टेयर में और आंध्रप्रदेश में 2.76 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में चना की कुल बुवाई बढ़कर 60.69 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 43.91 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।...............   आर एस राणा

17 नवंबर 2017

रबी में दलहन की बुवाई बढ़ीए तिलहनों के साथ गेहूं की घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में दलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई आगे चल रही है लेकिन तिलहनों के साथ ही गेहूं की बुवाई पिछे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार गेहूं की बुवाई घटकर 60ण्19 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 75ण्05 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में कुल फसलों की बुवाई बढ़कर 230ण्36 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल के समान अवधि में केवल 219ण्47 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
रबी दलहन की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 81ण्24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 60ण्46 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। चना के साथ ही मसूर की बुवाई भी आगे चल रही है। चना की बुवाई बढ़कर 60ण्69 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 43ण्91 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
मोटे अनाजों की बुवाई बढ़कर भी चालू रबी में अभी तक 30ण्59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय 26ण्11 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई बढ़कर 22ण्90 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 20ण्88 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। जौ की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 2ए35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 1ण्44 लाख हैक्टेयर में ही जौ की बुवाई हो पाई थी।
चालू रबी में तिलहनों की बुवाई घटकर 49ण्78 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 51ण्30 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई अभी तक केवल 44ण्53 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 46ण्86 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। .....  आर एस राणा

राजस्थान में चना के साथ ही सरसों की बुवाई पिछड़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में चना के साथ ही सरसों की बुवाई भी पिछे चल रही है। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार राज्य में चना की बुवाई अभी तक केवल 9.65 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 10.16 लाख हैक्टेयर में चना की बुवाई हो चुकी थी।
राज्य के कृषि निदेशालय ने चालू रबी में राज्य में चने की बुवाई का लक्ष्य 15 लाख हैक्टेयर का तय किया है जबकि पिछले साल राज्य में चना की बुवाई 15.48 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
सरसों की बुवाई चालू रबी में राज्य में अभी तक 17.24 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 19.88 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। राज्य के कृषि निदेशालय ने सरसों की बुवाई का लक्ष्य 26 लाख हैक्टेयर का तय किया है जबकि पिछले साल राज्य में 25.04 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई थी।
अन्य फसलों में जौ की बुवाई चालू रबी में अभी तक केवल 60 हजार हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल राज्य में एक लाख हैक्टेयर में जौ की बुवाई हो चुकी थी। गेहूं की बुवाई जरुर आगे चल रही है। राज्य में गेहूं की बुवाई बढ़कर 4.52 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 3.99 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
राज्य में रबी फसलों की कुल बुवाई 38.49 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 38.41 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।  ...................    आर एस राणा

सोने का दाम 1280 डॉलर के ऊपर

ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल में भारी उठापटक हो रही है। ब्रेंट में दबाव है, जबकि नायमैक्स क्रूड में मजबूती देखी जा रही है। वहीं सोने का दाम फिर से 1280 डॉलर के ऊपर चला गया है और चांदी में भी 17 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। लेकिन चीन में मेटल आज फिर से कमजोर पड़ गए हैं। शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज पर निकेल में करीब 1.5 फीसदी की गिरावट आई है। मांग में कमी के अनुमान से कॉपर, एल्युमिनियम और जिंक भी कमजोर हैं। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में 1 फीसदी की जोरदार मजबूती आई है। डॉलर की कीमत 64.80 के नीचे आ गई है।

16 नवंबर 2017

केंद्र सरकार ने सभी दलहन के निर्यात को दी मंजूरी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अरहर, उड़द और मूंग के बाद चना और मसूर के निर्यात की अनुमति भी दे दी है। घरेलू बाजार में दलहन की कीमतों में गिरावट रोकने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी की बैठक में सभी दलहन के निर्यात की अनुमति दे दी है। जानकारों के अनुसार चना की कीमतों में इसका खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, मसूर की कीमतों में हल्का सुधार आ सकता है। मसूर का निर्यात बंगलादेश को होने का अनुमान है। छोटी मसूर की बंगलादेश में अच्छी खपत होती है। ..............   आर एस राणा

कच्चे तेल में हल्की रिकवरी

कल की भारी गिरावट के बाद कच्चे तेल में हल्की रिकवरी आई है। हालांकि रिकवरी के बावजूद ब्रेंट 62 डॉलर के नीचे है। वहीं नायमैक्स क्रूड में 55 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार करीब 19 लाख बैरल बढ़ गया है। साथ ही रोजाना उत्पादन का स्तर 96.5 लाख बैरल के रिकॉर्ड स्तर पर चला गया है। पिछले 1.5 साल में अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन करीब 15 फीसदी बढ़ चुका है। ऐसे में ओपेक के उत्पादन में कटौती का असर अब कमजोर पड़ने लगा है। सोने में बेहद सुस्त कारोबार हो रहा है। इसका दाम 1280 डॉलर के नीचे है। चांदी भी 17 डॉलर के नीचे ही बनी हुई है। अगले महीने अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। चीन में आज भी बेस मेटल कमजोर हैं। एल्युमिनियम को छोड़कर सभी मेटल करीब 0.50 फीसदी नीचे है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में सुस्ती है।

15 नवंबर 2017

महाराष्ट्र में गन्ना किसानों का आंदोलन तेज

आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में गन्ना किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। राज्य के अहमदनगर जिले में आज किसान हिंसक हो गए और आगजनी भी की गई। किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
उधर राज्य की पैठण तहसील में भी किसानों ने चक्का जाम किया। पैठण में किसानों पर पुलिस ने फायरिंग भी की जिसमें दो किसान जख्मी हो गए।  ............  आर एस राणा

मध्य प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाली दाल पर हटा सकता है टैक्स

आर एस राणा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सरकार अन्य राज्य से आने वाली दाल पर से मंडी टैक्स हटाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कारोबारियों की मांग पर मंडी टैक्स को हटाने का फैसला किया है।
सूत्रों के अनुसार इसकी अधिसूचना जल्द ही जारी होने की संभावना है। मध्य प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाली दाल पर 2.2 रुपये प्रति क्विंटल मंडी टैक्स अदा करना पड़ता है।  ............   आर एस राणा

नेफेड ने एक लाख टन मूंग और 47 हजार टन उड़द खरीदी

आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ विपणन सीजन में नेफैड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 1,03,865 टन मूंग और 47,762 टन उड़द की खरीद की है। उत्पादक मंडियों में भाव एमएसपी से नीचे के कारण नेफैड राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटका के साथ ही महाराष्ट्र से मूंग और उड़द की खरीद कर रही हैं।
नेफैड के अनुसार मूंग की एमएसपी पर खरीद तेलंगाना से 2,759 टन, कर्नाटका से 19,702 टन, राजस्थान से 80,269 टन और महाराष्ट्र से 1,132 टन की खरीद हुई है। उड़द की खरीद राजस्थान से 16,789 टन की, तेलंगाना से 3,738 टन की, कर्नाटका से 2,966 टन की और महाराष्ट्र से 2,299 टन की हुई है।
सूत्रों के अनुसार नेफैड खरीफ सीजन 2016 में एमएसपी पर खरीद हुई मूंग की बिकवाली भी लगातार कर रही है। खरीफ 2016 में नेफैड ने एमएसपी पर 1,98,431 टन मूंग की खरीद की थी। ...........   आर एस राणा

सोयाबीन का उत्पादन 91.46 लाख टन होने का अनुमान-सोपा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन 2017-18 में सोयाबीन का उत्पादन घटकर 91.46 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 109.92 लाख टन का हुआ था। पिछले साल नई फसल की आवक के समय सोयाबीन का बकाया स्टॉक 4.41 लाख टन का ही बचा हुआ था जबकि चालू सीजन में बकाया स्टॉक 13.93 लाख टन का बचा हुआ है। अतः कुल उपलब्धता चालू सीजन में 105.39 लाख टन की बैठेगी, जबकि पिछले साल कुल उपलब्धता 114.33 लाख टन की थी।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार चालू खरीफ सीजन 2017-18 में सोयाबीन की कुल उपलब्धता पिछले साल की तुलना में करीब 8.94 लाख टन कम रहेगी, इसके बावजूद उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव 2,400 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि चालू खरीफ के लिए एमएसपी 3,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक 6 से 7 लाख क्विंटल की हो रही है। माना जा रहा है कि मौजूदा भाव में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा तो आ सकता है लेकिन बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। आगामी दिनों में सोया डीओसी में निर्यात मांग बढ़ने पर सोयाबीन के भाव में सुधार आने का अनुमान है।
सोपा के अनुसार अक्टूबर में सोयाबीन की आवक 15.50 लाख टन की हुई है, जबकि पिछले साल अक्टूबर में आवक 14 लाख टन की हुई थी। आगामी महीनों में सोयाबीन की आवक में कमी आयेगी। चालू फसल सीजन में करीब 85 लाख टन सोयाबीन की क्रेसिंग हो पायेगी, जबकि करीब 12 लाख टन की खपत बीज में होगी। अक्टूबर में सोया डीओसी का उत्पादन 5.67 लाख टन का हुआ है, जिसमें से केवल 0.67 लाख टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर में केवल 0.44 लाख टन ही निर्यात हुआ था।
सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में डीओसी का कुल निर्यात 17.57 लाख टन का ही हुआ था, जबकि चालू फसल सीजन 2017-18 में 19.50 लाख टन का निर्यात होने का अनुमान है। करीब 50 लाख टन सोया डीओसी की खपत घरेलू बाजार में होगी, जोकि पिछले साल के लगभग बराबर ही है। ..............  आर एस राणा

सप्लाई बढ़ने से कच्चे तेल में गिरावट

सप्लाई बढ़ने और मांग में कमी के अनुमान से कच्चे तेल में भी गिरावट बढ़ गई है। ब्रेंट 61.5 डॉलर के नीचे आ गया है। जबकि नायमैक्स क्रूड 55 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने अगले साल दुनिया में कच्चे तेल की मांग करीब 13 लाख बैरल घटने की आशंका जताई है। साथ ही आईईए ने ओपेक का उत्पादन 14 लाख बैरल बढ़ने का भी अनुमान दिया है। चीन के खराब आंकड़े बेस मेटल पर बेहद भारी पड़ रहे हैं। आज शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज पर निकेल में 6 फीसदी का निचला सर्किट लग गया है। दूसरे मेटल भी 2 से 3 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। लंदन मेटल एक्सचेंज पर भी कॉपर समेत सभी मेटल कमजोर हैं। कल भी बेस मेटल में भारी गिरावट आई थी। सोने में तेजी आई है और ग्लोबल मार्केट में इसका दाम 1280 डॉलर के पार चला गया है। वहीं चांदी में 17 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती आई है। एक डॉलर की कीमत 65.30 रुपये के पास है।

14 नवंबर 2017

ओएमएसएस के तहत 11.01 लाख टन गेहूं बेचने हेतु निविदा

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 11,01,650 टन गेहूं बेचने के लिए निविदा आमंत्रित की है, निविदा भरने का न्यूनतम भाव 1,790 रुपये प्रति क्विंटल है। केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने से गेहूं की कीमतों में 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया था, लेकिन स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से इसकी कीमतों में फिर गिरावट आई है। अतः घरेलू मंडियों में भाव नीचे होने के कारण फ्लोर मिलें ओएमएसएस के तहत गेहूं की खरीद नहीं कर रही हैं।
ओएमएसएस के तहत सबसे ज्यादा गेहूं का आवंटन महाराष्ट्र के लिए 2,95,000 टन, हरियाणा के लिए 2,93,050 टन, पंजाब के लिए 1,37,000 टन, मध्य प्रदेश के लिए 1,05,150 टन, पश्चिमी बंगाल के लिए 60,000 टन, उड़ीसा के लिए 50,000 टन, तमिलनाडु के लिए 31,500 टन, कर्नाटका के लिए 25,450 टन, राजस्थान के लिए 20,000 टन, दिल्ली के लिए 16,000 टन, उत्तर प्रदेश के लिए 15,000 टन का किया है। अन्य राज्यों में केरल के लिए 10 हजार टन, आंध्रप्रदेश के लिए 9,500 टन, चंडीगढ़ के लिए 9 हजार टन, जम्मू-कश्मीर के लिए 7,000 टन, उत्तराखंड क लिए 4,500 टन, गुजरात के लिए 3,500 टन गेहूं बेचने के लिए निविदा आमंत्रित की है।  .............   आर एस राणा

अक्टूबर में वनस्पति तेलों का आयात घटा, कुल आयात बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। अक्टूबर में जहां वनस्पति तेलों के आयात में थोड़ी कमी आई है, वहीं चालू तेल वर्ष 2016-17 (नवंबर-16 से अक्टूबर-17 के दौरान कुल आयात में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर 2017 में वनस्पति तेलों का आयात 0.50 फीसदी घटकर 1,167,397 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर में 1,173,254 टन हुआ था। चालू तेल वर्ष 2016-17 के नवंबर-16 से अक्टूबर-17 के दौरान वनस्पति तेलों का आयात बढ़कर 15,440,242 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल की समान अवधि में इनका आयात 14,738,802 टन का ही हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार तेल वर्ष 2016-17 के दौरान खाद्य तेलों के साथ ही अखाद्य तेलों के आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान खाद्य तेलों का आयात बढ़कर 150.8 लाख टन और अखाद्य तेलों का आयात 3.6 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में खाद्य तेलों का आयात 145.7 लाख टन का और अखाद्य तेलों का आयात 1.7 लाख टन का ही हुआ था।
उत्पादक राज्यों में खरीफ तिलहनों की आवक बनने के साथ ही विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी आने से सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में आयातित तेलों की कीमतों में गिरावट आई है। आरबीडी पामोलीन के भाव भारतीय बंदरगाह पर अक्टूबर में घटकर 715 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि सितंबर में इसके औसत भाव 729 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव सितंबर में 730 डॉलर प्रति टन था, जोकि अक्टूबर में घटकर 717 डॉलर प्रति टन रह गया। ................    आर एस राणा

कच्चे तेल की तेजी पर ब्रेक

कच्चे तेल की तेजी पर ब्रेक लग गया है। ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट का दाम 63 डॉलर के नीचे आ गया है। वहीं नायमैक्स पर क्रूड में 57 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि क्रूड को 60 डॉलर के ऊपर टिकना मुश्किल है। इस बीच इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने कहा है कि इलेक्ट्रीक गाड़ियों के आने से क्रूड की मांग पर थोड़ी बहुत कमी देखने को मिल सकती है। बाजार की नजर अब 30 नवंबर को विएना में होने वाली ओपेक की बैठक पर है। माना ये जा रहा है कि इस बैठक में उत्पादन कटौती को अगले साल मार्च के बाद भी जारी रखने पर सहमति बन सकती है। अमेरिका में क्रूड का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। आज ग्लोबल मार्केट में सोने और चांदी में दबाव दिख रहा है। हालांकि चीन में निकेल का दाम करीब 2 फीसदी उछल गया है। इस साल निकेल में करीब 23 फीसदी की तेजी आ चुकी है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है और 1 डॉलर की कीमत 65 रुपये 30 पैसे के पास आ गई है।

13 नवंबर 2017

क्रूड की सप्लाई पर असर की आशंका

तेल उत्पादक देशों में तनाव से क्रूड की सप्लाई पर असर की आशंका है। ऐसे में कच्चे तेल में तेजी जारी है और आज ग्लोबल मार्केट में ये हल्की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। हालांकि अमेरिका में क्रूड का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। पिछले हफ्ते वहां ऑयल रिग में बढ़तोरी देखने को मिली है। ऐसे में वहां उत्पादन बढ़ने की संभावना है। फिलहाल अमेरिका में क्रूड का भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है। ऐसे में ऊपरी स्तर से दबाव भी दिख रहा है। डॉलर में आई रिकवरी से सोने में हल्की गिरावट आई है। ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1280 डॉलर के काफी नीचे है। चांदी में भी 17 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। लंदन मेटल एक्सचेंज पर मेटल भी बेहद छोटे दायरे में हैं। बाजार की नजर चीन के आंकड़ों पर है। माना ये जा रहा है कि चीन में अक्टूबर के आर्थिक आंकड़े कमजोर आ सकते हैं। इस बीच डॉलर में आई कमजोरी से रुपया 0.25 फीसदी कमजोर पड़ गया है। 1 डॉलर की कीमत 65 रुपये के पार चली गई है।

11 नवंबर 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........
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आर एस राणा
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एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी की दैनिक टिप्स

प्रिय पाठकों,

एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी में दैनिक आधार पर किस भाव पर खरीद करें, क्या स्टोप लोस लगाए तथा टारगेट क्या है। ट्रायल लेने के लिए हमें फोन करें या ई-मेल करें,। यह सर्विस मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी। इस सेवा के लिए हमें ई मेल
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धन्यवाद,
आर एस राणा
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सरसों की बुवाई मध्य प्रदेश, हरियाणा में बढ़ी, राजस्थान में घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में सरसों की बुवाई मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आगे चल रही है लेकिन सबसे बड़े उत्पादक राज्य राजस्थान में बुवाई पिछड़ रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार सरसों की कुल बुवाई अभी तक केवल 37.05 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 38.41 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में चालू रबी में अभी तक सरसों की बुवाई केवल 14.69 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 20.24 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। अन्य राज्यों हरियाणा में सरसों की बुवाई बढ़कर चालू रबी में अभी तक 4.49 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 4.29 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
मध्य प्रदेश में चालू रबी में सरसों की बुवाई बढ़कर 5.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में केवल 2.21 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में सरसों की बुवाई बढ़कर 8.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 8.20 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। गुजरात में 1.51 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हो चुकी है।
सरसों के भाव शनिवार को भरतपुर मंडी में 3,780 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि दैनिक आवक 2,500 से 3,000 बोरी की हुई। खाद्य तेलों में आयात शुल्क लगने की संभावना से सरसों के भाव में सुधार आया था, ऐसे में अगर केंद्र सरकार ने आयात शुल्क लगाया तो ही सरसों के भाव में तेजी बनेगी, वैसे तेजी की संभावना नहीं है।.......  आर एस राणा

10 नवंबर 2017

रबी में दलहन के साथ मोटे अनाजों की बुवाई बढ़ी, तिलहनों की घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में दलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई आगे चल रही है लेकिन तिलहनों की बुवाई पिछे चल रही है। रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार गेहूं की बुवाई बढ़कर 27.39 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 25.72 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में कुल फसलों की बुवाई बढ़कर 163.25 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल के समान अवधि में केवल 137.72 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। रबी में धान की रौपाई बढ़कर 7.73 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 5.22 लाख हैक्टेयर में ही रौपाई हुई थी।
रबी दलहन की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 63.79 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 45.48 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। चना के साथ ही मसूर की बुवाई भी आगे चल रही है। चना की बुवाई बढ़कर 47.20 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 32.93 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मसूर की बुवाई चालू रबी में अभी तक 6.82 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.91 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
मोटे अनाजों की बुवाई बढ़कर भी चालू रबी में अभी तक 23.41 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय 19.17 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई बढ़कर 19.44 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 15.96 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। 
चालू रबी में तिलहनों की बुवाई घटकर 40.94 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 42.14 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई अभी तक केवल 37.05 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 38.41 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। ..............   आर एस राणा

सोना पिछले तीन हफ्ते के ऊपरी स्तर पर

 सोना पिछले तीन हफ्ते के ऊपरी स्तर पर मजबूती के साथ टिका हुआ है। इसमें 1285 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। पिछले एक महीने में पहली बार सोने में साप्ताहिक बढ़त देखी जा रही है। इस दौरान सोना करीब 1.5 फीसदी मजबूत हुआ है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आई है और डॉलर की कीमत फिर से 65 रुपये के पार चली गई है। गोल्डमैन सैक्स ने आगाह किया है कि कच्चे तेल में आने वाले दिनों में भारी उठापटक देखने को मिल सकती है। दरअसल मांग बढ़ रही है और ओपेक सप्लाई घटा रहा है। ऊपर से सऊदी में राजनीतिक तनाव से कच्चे तेल में तेजी को सपोर्ट मिल रहा है। लेकिन दूसरी ओर अमेरिका में उत्पादन फिर से बढ़ने लगा है और क्रूड का भंडार रिकॉर्ड स्तर पर चला गया है। ऐसे में ऊपरी स्तर से दबाव बनने की भी संभावना है। फिलहाल आज कच्चे तेल में हल्की गिरावट पर कारोबार हो रहा है। ब्रेंट 63.5 डॉलर के पास है।


09 नवंबर 2017

गेहूं के आयात शुल्क को10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी

आर एस राणा
नई दिल्ली।  केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात शुल्क को भी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है इससे गेहूं की कीमतों में 50 से 75 रुपये की तेजी आ सकती है, उत्पादक राज्यों में गेहूं का स्टॉक ज्यादा है, अतः आगे गेहूं में स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ेगी, इसलिए बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ओएमएसएस के तहत 1,790 रुपये प्रति क्विंटल (परिवहन लागत अलग से) की दर से गेहूं बेच रही है अतः आगे गेहूं की कीमतें इसी पर निर्भर हो जायेंगी, तथा ओएमएसएस के तहत सरकारी बिक्री बढ़ी तो बड़ी तेजी नहीं पायेगी। वैसे भी मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं का स्टॉक ज्यादा है।......  आर एस राणा

मटर के आयात पर 50 फीसदी आयात शुल्क, सभी दलहन में तेजी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मटर के आयात पर आयात शुल्क को 50 फीसदी कर दिया है, इससे मटर का आयात महंगा हो जायेगा, अतः चना समेत सभी दालों की कीमतों में 200 से 250 रुपये की तेजी बन सकती है।..... आर एस राणा

ग्लोबल मार्केट में सोना मजबूत

ग्लोबल मार्केट में सोना पिछले तीन हफ्ते के ऊपरी स्तर के पास मजबूती से टिका हुआ है। इसमें 1280 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। चांदी भी 17 डॉलर के ऊपर है। आज अमेरिका में बेरोजगारी के साप्ताहिक आंकड़े आने वाले हैं। वहीं अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार बढ़ने और रिकॉर्ड उत्पादन से क्रूड की तेजी पर ब्रेक लग गया है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती है।

08 नवंबर 2017

पहली छमाही में गेहूं का आयात बढ़ा, आगे घटने की आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान गेहूं के आयात में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन विश्व बाजार में कीमतों में आए सुधार के साथ ही घरेलू बाजार में गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने से आगामी महीनों में आयात कम होने की आशंका है। घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक आयात शुल्क पर निर्भर करेंगी, आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया तो फिर मौजूदा भाव में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है, नहीं तो मौजूदा भाव में हल्की गिरावट और भी आ सकती है। दिल्ली की लारेंस रोड़ मंडी में गेहूं का भाव बुधवार को 1,815 से 1,820 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान गेहूं का आयात बढ़कर 6.55 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका आयात केवल 5.13 लाख टन का हुआ था। जानकारों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान करीब 9 लाख टन गेहूं का आयात हो चुका है तथा इसमें से करीब 8.25 लाख टन गेहूं भारतीय बंदरगाह पर पहुंच भी चुका है। आयात हो चुके सौदों में केवल दौ वैस्सल और आने हैं जोकि अगले सप्ताह तक पहुंचने की उम्मीद है।
यूक्रेन से आयात लाल गेहूं के भाव भारतीय बंदरगाह पर 216 से 217 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है, जबकि आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं का भाव 255 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) है। चालू सीजन में आस्ट्रेलिया में गेहूं का उत्पादन घटकर 206 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 350 लाख टन का उत्पादन हुआ था। आस्ट्रेलिया में औसतन 240 लाख टन गेहूं का उत्पादन होता है। पिछले साल ज्यादा उत्पादन होने के कारण गेहूं की कीमतों में विश्व बाजार में गिरावट आई थी, जबकि भारत में गेहूं की कमी थी, इसलिए पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में गेहूं का कुल आयात 57 लाख टन का हुआ था। चालू सीजन में उत्पादक राज्यों के साथ ही केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक ज्यादा है, उधर विश्व बाजार में दाम भी बढ़े हैं, इसलिए आगामी महीनों में आयात कम होने का अनुमान है।
यूक्रेन से आयातित लाल गेहूं के भाव भारतीय बंदरगाह पर 1,730 से 1,740 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि गत सप्ताह इसके भाव 1,790 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं के सौदे 1,820 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दक्षिण भारत में आयातित करीब छह से सात लाख टन गेहूं का स्टॉक जमा है, जबकि आयातक आयात शुल्क में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं।
कृषि मंत्रालय द्वारा गेहूं के आयात शुल्क को 10 फीसदी से 20 फीसदी करने के प्रस्ताव के बाद गत सप्ताह गेहूं की कीमतों में 40 से 50 रुपये की तेजी आई थी, लेकिन गत सप्ताह इस पर फैसला नहीं हो पाया, जिससे भाव में फिर गिरावट आई है। सूत्रों के अनुसार गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी पर फैसला जल्दी ही होने की संभावना है।...................   आर एस राणा

डॉलर में नरमी से सोने को फायदा

डॉलर में नरमी से सोने को फायदा मिला है और ये हल्की बढ़त के साथ 1275 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा है। ग्लोबल मार्केट में बेस मेटल हालांकि छोटे दायरे में हैं। खास करके कॉपर और निकेल में सुस्ती देखी जा रही है। लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर पड़ गया है। 1 डॉलर की कीमत 65 रुपये के ऊपर चली गई है। ओपेक ने कहा है कि अगले 5 साल में कच्चे तेल की डिमांड करीब 7 फीसदी तक बढ़ सकती है। तेल उत्पादक देशों के संगठन ने दावा किया है कि इलेक्ट्रिक कार का चलन बढ़ने के बावजूद कच्चे तेल की डिमांड पर खास असर नहीं रहेगा। भारत और चीन जैसे देशों में इसकी मांग सबसे ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। हालांकि इस दावे के बावजूद आज ग्लोबल मार्केट में क्रूड की कीमतों पर दबाव है और ब्रेंट का दाम 64 डॉलर के नीचे है। वहीं नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 57 डॉलर के स्तर पर आ गया है।


07 नवंबर 2017

ओएमएसएस में 10.67 लाख टन गेहूं की निविदा

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बेचने के लिए 10.67 लाख टन गेहूं की निविदा मांगी हैं। निविदिा भरने का न्यूनतम भाव 1,790 रुपये प्रति क्विंटल (परिवहन लागत अलग से) है जबकि मंडियों में गेहूं के दाम इसके नीचे है इसलिए फ्लोर मिलें एफसीआई के बजाए खुले बाजार से गेहूं की खरीद कर रही हैं।
ओएमएसएस के तहत सबसे ज्यादा गेहूं का आवंटन महाराष्ट्र के लिए 3.56 लाख टन, हरियाणा के लिए 2,79,800 टन, 1,10,600 टन मध्य प्रदेश के लिए, 70,700 टन पंजाब तथा 60,000 टन पश्चिमी बंगाल के लिए आवंटन किया गया है। इसके अलावा उड़ीसा के लिए 50 हजार टन, तमिलनाडु के लिए 30 हजार टन, कर्नाटका के लिए 20,800 टन, राजस्थान के लिए 20 हजार टन, दिल्ली के लिए 16 हजार टन, केरल के लिए 10 हजार टन, आंध्रप्रदेश के लिए 9,500 टन, जम्मू-कश्मीर के लिए 7,500 टन, उत्तर प्रदेश के लिए 5,000 टन, उत्तराखंड के लिए 4,500 टन, चंडीगढ़ के लिए 3,700 टन तथा गुजरात के लिए 3,000 टन गेहूं का आवंटन किया गया है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश के साथ ही राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही दक्षिण भारत के राज्यों में आयातित गेहूं का स्टॉक ज्यादा बचा हुआ है इसीलिए गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। गेहूं के आयात शुल्क को अगर केंद्र सरकार 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करती है, तो ही इसके भाव में 100 से 125 रुपये की तेजी आ सकती है, नहीं तौ मौजूदा भाव में और भी गिरावट आने का अनुमान है। ................  आर एस राणा

अक्टूबर में डीओसी निर्यात में 29 फीसदी की गिरावट

आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में मांग कम होने से अक्टूबर में डीओसी के निर्यात में 29 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 73,863 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर में इसका निर्यात 1,03,640 टन का हुआ था।
साल्वेट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान डीओसी के निर्यात में 95 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 1,358,651 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 698,169 टन का ही हुआ था।
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष में घरेलू बाजार में तिलहनों की पैदावार ज्यादा हुई है, जिससे उत्पादक मंडियों में तिलहनों के दाम पिछले साल की तुलना में कम है, इसी कारण डीओसी के कुल निर्यात में बढ़ोतरी हुई है, हालांकि सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में सोया डीओसी के साथ ही सरसों डीओसी के कुल निर्यात में कमी आई है। अक्टूबर महीने में सोया डीओसी का निर्यात घटकर केवल 47,219 टन का ही हुआ है जबकि सितंबर में इसका निर्यात 102,212 टन का हुआ था। इसी तरह से अक्टूबर में सरसों डीओसी का निर्यात घटकर केवल 17,064 टन का ही हुआ है जबकि सितंबर में इसका निर्यात 64,198 का हुआ था।
डीओसी की कीमतों में सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में गिरावट आई है। अक्टूबर में भारतीय बंदरगाह पर सोया डीओसी का भाव घटकर 375 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि सितंबर में इसका भाव 399 डॉलर प्रति टन था। सरसों डीओसी का भाव भी सितंबर के 236 डॉलर की तुलना में घटकर अक्टूबर में 222 डॉलर प्रति टन रह गया। ....    आर एस राणा

कच्चे तेल में भी गिरावट का रुख

ढाई साल के ऊपरी स्तर से कच्चे तेल में भी गिरावट का रुख है। हालांकि ब्रेंट अभी भी 64 डॉलर के ऊपर बना हुआ है और नायमैक्स क्रूड में 57 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। कल इसमें करीब 3.5 फीसदी की तेजी आई थी। सप्लाई में कमी के अनुमान से कच्चे तेल की कीमतों को सपोर्ट मिला है। वहीं ग्लोबल मार्केट में कल की तेजी के बाद आज नैचुरल गैस दबाव में है। कल की रिकवरी के बाद आज सोना फिर से दबाव में आ गया है। कॉमैक्स पर ये 1280 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। डॉलर में दबाव से कल इसमें करीब 1 फीसदी की तेजी आई थी। लेकिन सोने के साथ आज चांदी भी प्रेसर में आ गई है। ग्लोबल मार्केट में चांदी का दाम करीब 0.5 फीसदी गिर गया है। लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर आज भी मजबूती के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं चीन में निकेल का दाम करीब 1 फीसदी बढ़ गया है। पिछले एक हफ्ते में निकेल में करीब 10 फीसदी की तेजी आई है। सप्लाई में कमी और मांग बढ़ने के अनुमान से इसका दाम बढ़ा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी है।

06 नवंबर 2017

विश्व बाजार में बासमती चावल के भाव तेज, निर्यात प्रभावित होने की आशंका

आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों में आई तेजी का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसके भाव पर पड़ा है। अक्टूबर में विश्व बाजार में पूसा 1,121 बासमती स्टीम चावल के औसत भाव 9.22 फीसदी बढ़कर 1,170 डॉलर प्रति टन (एफओबी) हो गए, जबकि सितंबर में इसके औसत भाव 1,070 डॉलर प्रति टन (एफओबी) थे।
चालू खरीफ में बासमती चावल का उत्पादन कम होने की आशंका है, साथ ही नई फसल के समय बासमती चावल का बकाया स्टॉक भी पिछले साल की तुलना में करीब 10 लाख टन कम माना जा रहा है, यहीं कारण है कि घरेलू बाजार में नई फसल की आवक के समय ही बासमती धान और चावल की कीमतों में तेजी आई है। जानकारों का मानना है कि उंचे भाव के कारण विश्व बाजार से बासमती चावल की निर्यात मांग प्रभावित हो सकती है, इसलिए आगे बासमती धान के साथ ही चावल की कीमतों में घरेलू बाजार में गिरावट आ सकती है।
घरेलू मंडियों में बासमती धान पूसा 1,121 और डीपी की आवकों का दबाव बना हुआ है, तथा ट्रेडिशनल बासमती धान की आवक चालू महीने के मध्य के बाद और बढ़ेगी। पूसा बासमती धान 1,509 की दैनिक आवक अब कम हो गई है। उत्पादक मंडियों में पूसा 1,121 बासमती धान का भाव 3,100 से 3,300 रुपये, डीपी धान का 3,000 से 3,100 रुपये और पूसा 1,509 किस्म के धान का भाव 2,700 से 2,900 रुपये तथा ट्रेडिशनल बासमती धान का 3,850 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल है।
एपिडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात 21.31 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात 20.66 लाख टन का हुआ था।
यूएन फूड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन (एफएओ) के अनुसार पाकिस्तानी बासमती चावल का भाव भी सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में विश्व बाजार में 6.25 फीसदी बढ़कर औसतन 1,168 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि सितंबर में इसका भाव 1,100 डॉलर प्रति टन था।..................  आर एस राणा

डॉलर में बढ़त से सोने की तेजी पर ब्रेक

डॉलर में बढ़त से सोने की तेजी पर ब्रेक लग गया है और ग्लोबल मार्केट में ये दबाव के साथ कारोबार कर रहा है। कॉमैक्स पर सोने का दाम 1270 डॉलर के नीचे है। डॉलर इंडेक्स 3.5 महीने के ऊपरी स्तर पर है। जेपी मॉर्गन ने अगले साल अमेरिका में करीब 4 बार ब्याज दरें बढ़ने की संभावना जताई है। मांग बढ़ने के अनुमान से चांदी मजबूत है और इसमें करीब 0.5 फीसदी ऊपर कारोबार हो रहा है। बेस मेटल को भी मांग का सपोर्ट मिला है और लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर में तेजी देखी जा रही है। वहीं निकेल का भाव करीब 1 फीसदी बढ़कर 2 साल के ऊपरी स्तर पर चला गया है। कच्चे तेल में भी तेजी का रुख है और ब्रेंट का दाम 62 डॉलर के पार चला गया है जो पिछले 2 साल का ऊपरी स्तर है। अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन घटने का अनुमान है। वहां तेल के कुंवों की संख्या पिछले 1.5 साल के निचले स्तर पर आ गई है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी है और एक डॉलर की कीमत 64.70 रुपये के पास है।

04 नवंबर 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........
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आर एस राणा
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एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी की दैनिक टिप्स

प्रिय पाठकों,
एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर एग्री कमोडिटी में दैनिक आधार पर किस भाव पर खरीद करें, क्या स्टोप लोस लगाए तथा टारगेट क्या है। ट्रायल लेने के लिए हमें फोन करें या ई-मेल करें,। यह सर्विस मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी। इस सेवा के लिए हमें ई मेल
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धन्यवाद,
आर एस राणा
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सरसों की बुवाई राजस्थान में पिछड़ी, मध्य प्रदेश में बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में सरसों की बुवाई पिछड़ रही है जबकि मध्य प्रदेश में बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार देशभर में सरसों की बुवाई अभी तक केवल 26.57 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 26.81 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में सरसों की बुवाई अभी तक केवल 9.94 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 16.34 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हो चुकी थी। उधर मध्य प्रदेश में चालू रबी में सरसों की बुवाई बढ़कर 5.08 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 0.69 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में सरसों की बुवाई बढ़कर 7.89 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 7.15 लाख हैक्टेयर में ही सरसों की बुवाई हुई थी।
अन्य राज्यों हरियाणा में सरसों की बुवाई 2.54 लाख हैक्टेयर में, पश्चिमी बंगाल में 44 हजार हैक्टेयर में और असम में 42 हजार हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हो चुकी है।...............  आर एस राणा

चना की बुवाई मध्य प्रदेश और कर्नाटका में बढ़ी, राजस्थान में घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में मध्य प्रदेश के साथ ही कर्नाटका में चना की बुवाई आगे चल रही है, जबकि राजस्थान में पिछड़ रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में चना की बुवाई बढ़कर 30.57 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 20.74 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी।
प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में चना की बुवाई बढ़कर 13.40 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 3.34 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। कर्नाटका में चना की बुवाई बढ़कर अभी तक 8.02 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक कर्नाटका में केवल 7.09 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
उधर राजस्थान में चालू रबी में अभी तक केवल 3.09 लाख हैक्टेयर में ही चना की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 5.60 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश में चना की बुवाई 2.92 लाख हैक्टेयर में, महाराष्ट्र में 1.77 लाख हैक्टेयर में और आंध्रप्रदेश में 96 हजार हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई है। .................   आर एस राणा

दलहन और तिलहन की गिरावट रोकने हेतु बेंचमार्क प्राइस

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार दलहन और तिलहन की कीमतों में चल रही गिरावट को रोकने के लिए दीर्घावधी की पालिसी बनाने पर विचार कर रही है, गत सप्ताह ग्रुप आफ मिनिस्टिर की मीटिंग में इस पर विचार हुआ है।
सूत्रों के अनुसार सरकार बेंचमार्क प्राइस लागू करके दलहन और तिलहनों की गिरती कीमतों को रोकने की कवायद कर रही है। बेंचमार्क प्राइस के तहत बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सकेगा। बेंचमार्क प्राइस न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 20 फीसदी उपर और नीचे होंगी। निर्यात और आयात पर रोक बेंचमार्क प्राइस के आधार पर लगेगी। आयात-निर्यात डयूटी भी बेंचमार्क प्राइस के आधार पर तय होगी। इसके साथ ही स्टॉक लिमिट का फैसला भी बेंचमार्क प्राइस से ही तय होगा।
माना जा रहा है कि एक बार यह नीति लागू होने के बाद कीमतों में ना तो असमान उछाल आयेगा, और ना ही कीमतों में भारी गिरावट आयेगी। इस समय दलहन के साथ ही तिलहनों और मोटे अनाजों में बाजरा और मक्का के भाव एमएसपी से काफी नीचे बने हुए हैं।..............   आर एस राणा

03 नवंबर 2017

चालू रबी में दलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में दलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई आगे चल रही हैं। हालांकि अभी रबी फसलों की बुवाई शुरुआती चरण में है तथा आगे बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होगी, वैसे भी कुल बुवाई क्षेत्रफल में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले बढ़ोतरी ही हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में फसलों की बुवाई 103.33 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल के समान अवधि में केवल 81.35 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
रबी दलहन की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 42.01 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 28.59 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। चना के साथ ही मसूर की बुवाई भी आगे चल रही है। इसी तरह से मोटे अनाजों की बुवाई बढ़कर अभी तक 16.80 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय 15.14 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
चालू रबी में गेहूं की बुवाई बढ़कर 8.43 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 3.88 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। तिलहनों की बुवाई चालू रबी में 29.45 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 29.57 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई 26.57 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 26.81 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। ............   आर एस राणा

पूरे देश में समान मंडी टैक्स लागू करने की कवायद

आर एस राणा
नई दिल्ली। पूरे देश में मंडी टैक्स और मार्केट फीस को एक समान करने की कवायदा शुरु हो गई है, प्रधानंत्री कार्यालय ने वाणिज्य मंत्रालय को पत्र लिखकर पूरे देश में एक समान मंडी टैक्स की संभावनाएं तलाशी जाएं।
इस समय राज्यों में अगल-अलग मंडी टैक्स लगता है। जैसे पंजाब में 6 फीसदी, हरियाणा में 4 फीसदी, दिल्ली में 1 फीसदी, एमपी में 0.20 फीसदी और राजस्थान में 1.60 फीसदी मंडी टैक्स लगता है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसासिएशन ने पीएमओ को इस बारे में चिट्टी लिखी थी, जिसके बाद पीएमओ ने यह कदम उठाया है। ...............  आर एस राणा

कच्चे तेल में निचले स्तर से खरीदारी

कच्चे तेल में निचले स्तर से खरीदारी देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड 61 डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है। वहीं नायमेक्स में इसके दाम 0.5 फीसदी बढ़े हुए हैं। ओपेक की सप्लाई कटौती जारी रहने की संभावना से क्रूड को सपोर्ट मिला है। हालांकि, अमेरिका से बढ़ते एक्सपोर्ट के कारण कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ पा रही हैं। सोने में छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है, डॉलर में कमजोरी से कीमतों को थोड़ा सपोर्ट मिल रहा है। कॉमेक्स पर दाम 1280 डॉलर के नीचे हैं।

02 नवंबर 2017

एमएसपी पर 103 लाख टन चावल की हो चुकी है खरीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ विपणन सीजन 2017-18 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 27 अक्टूबर 2017 तक 103.15 लाख टन चावल की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 100 लाख टन चावल की खरीद ही हो पाई थी।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार अभी तक खरीद में पंजाब से 68.49 लाख टन की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 68.58 लाख टन चावल की खरीद हुई थी।
हरियाणा से चालू खरीफ में अभी तक एमएसपी पर 33.93 लाख टन चावल की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 30.86 लाख टन चावल की खरीद ही हुई थी। अन्य राज्यों में केरल से 0.04 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 0.54 लाख टन और उत्तराखंड से 0.03 लाख टन चावल की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है। ..............  आर एस राणा

पीली मटर और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला टला

आर एस राणा
नई दिल्ली। पीली मटर के साथ ही खाद्य तेलों और तिलहनों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला टल गया। नितिन गड़करी की अध्यक्षता में पहली नवंबर 2017 को ग्रुप आफ मिनिस्टर की बैठक में मटर के आयात पर 15 फीसदी शुल्क लगाने पर चर्चा तो हुई लेकिन इस पर अंतिम फैसला नहीं हो सका।
सूत्रों के अनुसार खाद्य तेलों और तिलहनों पर भी आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार किया गया, इस पर भी एक राय नहीं होने के कारण सहमति नहीं पाई। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह होने वाली बैठक में पीली मटर, तिलहनों और खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोतरी पर फैसला होने की संभावना है।
गेहूं के आयात पर शुल्क बढ़ने का प्रस्ताव इस बैठक के एजेंटे में नहीं होने के कारण इस पर विचार नहीं हुआ। गेहूं के आयात शुल्क पर भी फैसला अगले सप्ताह होने की संभावना है।
मालूम हो कि घरेलू बाजार में दलहनों के साथ ही तिलहनों की कीमतों में चल रही गिरावट रोकने के लिए कृषि मंत्रालय ने इनके आयात पर शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है, तथा खाद्य मंत्रालय भी इसके पक्ष में है। .......   आर एस राणा