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30 जून 2017

1 जुलाई 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान



पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून का प्रदर्शन गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश, और कोंकण और गोवा पर जोरदार रहा।
सक्रिय मॉनसून की स्थिति तटीय कर्नाटक, केरल, पूर्वी मध्य प्रदेश, ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड के कुछ हिस्सों और बचे हुए पूर्वोत्तर राज्यों पर बनी रही। जबकि दक्षिण राजस्थान, तटीय आंध्रा प्रदेश, विदरभा और बाकी गुजरात के हिस्सों में मॉनसून रहा। हालांकि पश्चिमी मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक, तमिल नाडु और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह पर मॉनसून कमजोर रहा।
पिछले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र के भीरा में 239 मिलीमीटर वर्षा रेकॉर्ड की गई। महाबलेश्वर में 180 और अम्बिकापुर में 156 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
पश्चिमी तट, गुजरात और मध्य भारत मे अच्छी मॉनसूनी वर्षा के चलते 29 जून तक कुल वर्षा का आंकड़ा 2 प्रतिशत अधिक हो गया है। उत्तर-पश्चिम में सामान्य से 42 प्रतिशत और दक्षिण भारत सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है। वहीं, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में वर्षा में 17 प्रतिशत की कमी देखी गई।
मानसून की उत्तरी सीमा, बारमेर, चित्तोडगढ़, गूना, सतना, सिद्धि, और पटना से गुजर रही है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून अब उत्तर मैदानी और पहाड़ी इलाकों के साथ मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरयाणा, और राजस्थान के बाकी हिस्सों में अगले 24 से 48 घंटों में भी अपना आगमन दर्ज़ करेगा।
अगले 24 घंटों में मानसून सौराष्ट्र, कच्छ, और कोंकण गोवा पर जोरदार रहेगा। मुंबई में भी माध्यम से भारी बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता।
तटीय कर्नाटक, केरल, दक्षिण राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, विदरभा, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून सकरिए रहेगा। सामान्य मॉनसून की स्थिति पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, तटीए आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिमी मध्य प्रदेश पर देखि जाएगी।
जबकि, बाकी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, और मराठवाडा के कुछ हिस्सो पर मॉनसून कमजोर रहेगा।.......www.skymet.com

कपास, दलहन और मोटे अनाजों की बुवाई बढ़ी, धान और तिलहन की घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में कपास, दलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई बढ़ी है जबकि तिलहन और धान की रौपाई पिछड़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की बुवाई बढ़कर 222.30 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 187.03 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। पूरे देश में मानसूनी बारिश होने से खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आई है।
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई घटकर चालू रबी में 38.93 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 39.08 लाख हैक्टेयर में रौपाई हो चुकी थी। दलहन की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 18.80 लाख हैक्टेयर में ही चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में दालों की बुवाई 13.04 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। दलहन में जहां चालू खरीफ में अरहर की बुवाई में कमी आई है, वहीं मूंग और उड़द की बुवाई बढ़ी है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 25.90 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 28.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों में जहां सोयाबीन की बुवाई पिछड़ रही है, वहीं मूंगफली की बुवाई आगे चल रही है। मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 38.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है तथा पिछले साल इस समय तक 35.41 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। मोटे अनाजों में मक्का और बाजरा की बुवाई पिछे चल रही है जबकि ज्वार की बुवाई बढ़ी है।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 46.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 19.07 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 47.52 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 44.82 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।......  आर एस राणा

पैकेड कमोडिटी के नए नियम पहली जनवरी 2018 से

आर एस राणा
नई दिल्ली। पैकेज कमोडिटी की भर्ती, मानक तथा कीमतों में गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नए नियमों का मंजूरी दे दी है। नए नियम पहली जनवरी 2018 से लागू होंगे, तथा जो भी कमोडिटी पैक करके बेची जायेगी, वह सभी इसके दायरे में आयेंगी। केंद्र सरकार उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए नए नियम लाई हैं।
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम-2011 को पूर्व पैक की गई वस्तुओं को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया है। इन नियमों के तहत पहले ही पैक की गई वस्तुओं को कुछ आवश्यक लेबल लगाने की जरुरतों का पालन करना होता है, नए नियमों के तहत निर्माता, पैकर, और आयातक का नाम, पता, वस्तु का नाम, पूरा वजन, खुदरा बिक्री मूल्य के साथ ही उपभोक्ता देखरेख शिकायत कहां की जा सकती है का पूरा विवरण देना होगा।........ आर एस राणा

कच्चे तेल में आज भी तेजी जारी

कच्चे तेल में आज भी तेजी जारी है और इसका दाम करीब 0.5 फीसदी बढ़ गया है। डॉलर में गिरावट से ग्लोबल मार्केट में कीमतों को सपोर्ट मिला है। पिछले हफ्ते 10 महीने का निचला स्तर छूने के बाद इस हफ्ते कच्चे तेल का दाम करीब 4.5 फीसदी उछल गया है। ब्रेंट 47.5 डॉलर और डब्ल्यूटीआई क्रूड 45 डॉलर के ऊपर हैं।  कल की गिरावट के बाद से सोना फिर से संभलने की कोशिश कर रहा है। हालांकि कॉमैक्स पर सोने का दाम 1250 डॉलर के नीचे है।  घरेलू बाजार में इस हफ्ते मांग बढ़ने से सोने पर प्रीमियम बढ़कर 7 महीने की ऊंचाई पर चला गया है, यानि घरेलू बाजार में सोना ग्लोबल मार्केट के मुकाबले महंगा है। वहीं ग्लोबल मार्केट में चांदी में भी रिकवरी आई है। लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर का दाम 6000 डॉलर के पास चला गया है जो पिछले तीन महीने का ऊपरी स्तर है और इस छमाही कॉपर की कीमतों में करीब 7 फीसदी की तेजी आ चुकी है। पूरे बेस मेटल में लेड का प्रदर्शन शानदार रहा है और इस साल इसकी कीमतों में अब तक करीब 14 फीसदी की तेजी आ चुकी है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में सुस्ती है।

29 जून 2017

केंद्रीय पूल में 19.11 लाख टन दलहन का स्टॉक, राज्यों की मांग कमजोर

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में दलहन का करीब 19.11 लाख टन दलहन का स्टॉक है, जिसकों बेचने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को खरीददार नहीं मिल रहा है। राज्य सरकारें केंद्रीय पूल से दलहन की खरीद नहीं कर रही हैं जबकि मानसूनी बारिश के बाद दलहन की क्वालिटी प्रभावित होगी इसलिए केंद्रीय पूल से आगे दलहन की बिक्री बढ़ेगी। दलहन में मांग जुलाई से बढ़ेगी, जिससे भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन कुल उपलब्धता ज्यादा होने से बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
आयातित दालों की कीमतों में मंगलवार को हल्का सुधार देखा गया। मुंबई में लेमन अरहर के भाव बढ़कर 525 डॉलर और उड़द एफएक्यू का भाव 670 डॉलर तथा एसक्यू का भाव 855 डॉलर प्रति टन हो गया। आस्ट्रेलियाई चना का भाव मुंबई में बढ़कर 5,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों के अनुसार चना की कीमतों में जुलाई-अगस्त में 500 से 600 रुपये की तेजी आने का अनुमान जबकि अन्य दालों के भाव 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आ सकता है।
केंद्रीय एजेंसियों ने घरेलू मंडियों से 15.33 लाख टन दलहन की खरीद घरेलू मंडियों से की है, जिसमें सबसे ज्यादा अरहर की खरीद 11.62 लाख टन, मूंग की 2.19 लाख टन, उड़द की 89,000 टन, चना 49,000 टन और मसूर की खरीद 14,000 टन की है। इसके अलावा सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से 3.78 लाख टन दलहन का आयात किया है। केंद्रीय पूल में से अभी तक केवल 44,000 टन अरहर, 43,000 टन मूंग और 15,500 टन उड़द की ही बिक्री की है।
वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 66.16 लाख टन दलहन का आयात किया है जोकि अभी तक का रिकार्ड आयात है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में 57.97 लाख टन दलहन का आयात किया था। कृषि मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल से दिसंबर तक दलहन का आयात 54.20 लाख टन का हुआ था। इस दौरान कुल आयात में मटर की हिस्सेदारी 26.57 लाख टन, चना का आयात 4.21 लाख टन का, मूंग और उड़द का 4.68 लाख टन का तथा मसूर का 4.47 लाख टन और अरहर का आयात 5.73 लाख टन का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दलहन का उत्पादन बढ़कर 224 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 163.5 लाख टन का ही हुआ था। अतः एक तो दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी साथ ही आयात भी बढ़ने से घरेलू बाजार में दलहन की कुल उपलब्धता ज्यादा है। हालांकि चालू खरीफ में दलहन की बुवाई में कमी आने की आशंका है, इसके बावजूद भी अरहर, मूंग और उड़द के भाव में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।...........   आर एस राणा

30 जून 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान



पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानसून कोंकण गोवा और तटीय कर्नाटक पर जोरदार रहा। सक्रिय मॉनसून की स्थिति केरल, दक्षिणी गुजरात, विदर्भ के कुछ हिस्से, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश पर बनी रही। जबकि तमिलनाडू, आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाडा, पश्चिमी मध्य प्रदेश, झारखंड और बचे हुए पूर्वोत्तर राज्यों मे मॉनसून कमजोर रहा।
पिछले 24 घंटों के दौरान माथेरन में जोरदार 226 मिलीमीटर वर्षा रेकॉर्ड की गई। अलीबाग में 119 और भीरा में 151 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
पश्चिमी तट और मध्य भारत मे अच्छी मॉनसूनी वर्षा के चलते 28 जून तक कुल वर्षा का आंकड़ा सामान्य हो गया है। उत्तर-पश्चिम में सामान्य से 26 प्रतिशत और दक्षिण भारत सामान्य से 14 ज्यादा वर्षा हुई है। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 16 प्रतिशत की कमी देखी गई।
मानसून की उत्तरी सीमा, बारमेर, चित्तोडगढ़, गूना, सतना, सिद्धि, और पटना से गुजर रही है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरयाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के हिस्सो में और आगे बढ़ सकता है वही राजस्थान के बाकी बचे हिस्सो को भी अगले दो से तीन दिनो में कवर कर लेगा।
अगले 24 घंटों में मानसून कोंकण गोवा, दक्षिणी गुजरात और तटीए कर्नाटक पर काफी सक्रिय रहेगा। मुंबई में भी भारी बारिश होने की संभावना है।
केरल, छत्तीसगढ़ और पूवी मध्य प्रदेश में मॉनसून रहेगा। सामान्य मॉनसून की सीतिथि गंगिए पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, तटीए आंध्रा प्रदेश, बिहार के तराई वाले हिस्सो, दक्षिणपूर्वी राजस्थान पर बनी रहेगी। जबकि, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सो पर मॉनसून कमजोर रहेगा।

मॉनसून ने पकड़ा जोर

शुक्रवार से मौसम का कमोबेश पूरे देश में बदल गया है। मध्य और दक्षिण भारत के कई इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक गोवा और मुंबई समेत महाराष्ट्र के ज्यादातर इलाकों में आज भी बारिश जारी रहेगी और अगले 24 घंटों के दौरान इन इलाकों के अलावा गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा दक्षिण भारत के कर्नाटक और केरल में भी जोरदार बारिश होने का अनुमान है।

 इस बार राजस्थान में सबसे ज्यादा बारिश हो रही है। खास करके पश्चिमी राजस्थान, जहां आमतौर पर मॉनसून सबसे देर में पहुंचा है लेकिन इस बार 27 साल में पहली बार जून के महीने में बाड़मेर में बारिश हुई है। कल पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से करीब 10 गुना ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई वहीं पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 2 गुना बारिश हुई। इस तरह से पूरे राजस्थान में इस साल अच्छी बारिश देखी जा रही है।

बारिश के बाद राजस्थान में खेती की शुरुआत हो गई है। राज्य सरकार का दावा है मौसम को देखते हुए खेती की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं और किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। राजस्थान सरकार की तैयारी की बात करें तो इस साल 154 लाख हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए 8.30 लाख क्विंटल बीज की व्यवस्था की गई है। जिसमें 2 लाख क्विंटल सोयाबीन बीज और 1.10 लाख क्विंटल बाजरा बीज का बीज शामिल है। सरकार ने 14 लाख टन खाद की व्यवस्था भी कर ली है।

रुपये में मजबूती आई

  रुपये में मजबूती आई है और एक डॉलर की कीमत 64.5 रुपये के नीचे आ गई है। कच्चे तेल में तेजी आई है और इसका दाम 10 दिन के ऊपरी स्तर पर चला गया है। ब्रेंट में 47 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है।  नायमैक्स क्रूड भी 0.5 फीसदी की बढ़त के साथ 45 डॉलर के स्तर पर चला गया है।  अमेरिका में पिछले हफ्ते कच्चे तेल का उत्पादन करीब 1 लाख बैरल घट गया है। वहां गैसोलीन के भंडार में भी गिरावट देखी गई है। ऐसे में क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिला है। डॉलर में आई गिरावट से सोने को सपोर्ट मिला है और कॉमैक्स पर सोने का दाम 1250 डॉलर के ऊपर टिकने में कामयाब हुआ है। डॉलर इंडेक्स 10 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गया है। ऐसे में चांदी भी करीब 0.5 फीसदी ऊपर है।

28 जून 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 307.95 लाख टन से ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की सरकारी खरीद 307.95 लाख टन से ज्यादा की हो चुकी है जबकि साल की समान अवधि में इसकी की खरीद 229.61 लाख की हुई थी। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश में गेहूं की आवक बंद हो गई है, अब केवल राजस्थान की मंडियों में ही थोड़ी मात्रा में आवक हो रही है।
अभी तक हुई खरीद में पंजाब से 117.04 लाख टन गेहूं की हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से केवल 106.48 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 74.10 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 67.51 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 67.24 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 39.91 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 36.99 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 7.97 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर चालू सीजने में अभी तक 12.39 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.61 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
चालू रबी में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खरीद का लक्ष्य 329.50 लाख टन का तय किया है जबकि पिछले साल कुल खरीद 229.61 लाख टन की हुई थी। .............   आर एस राणा

मसाला कंपनियों की मांग से हल्दी में तेजी की उम्मीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। मसाला कंपनियों के साथ ही निर्यातकों की मांग बढ़ने हल्दी की कीमतों में ओर भी 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। बुधवार को निजामाबाद मंडी में हल्दी का भाव 6,000 रुपये और इरोड़ मंडी में 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा। निजामाबाद मंडी में हल्दी की दैनिक आवक 3,500 बोरी और इरोड़ मंडी में 2,500 बोरी (एक बोरी-70 किलो) की हुई।
हल्दी में बुवाई का सीजन चल रहा है तथा इरोड़ के साथ ही सेलम में अभी तक बारिश कम हुई है जिससे इन क्षेत्रों में बुवाई में कमी आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार इरोड़ में चालू खरीफ में बारिश सामान्य से 22 फीसदी कम हुई है जबकि सेलम में 59 फीसदी कम बारिश हुई है। हालांकि प्रमुख उत्पादक राज्य तेलंगाना के निजामाबाद में बारिष 34 फीसदी और कड़प्पा में 49 फीसदी अधिक हुई है। उधर नानंदेड में चालू खरीफ में अभी तक 26 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
हल्दी में इस समय दैनिक आवक कम हो रही है जबकि मसाला कपंनियों के साथ ही निर्यातकों की मांग भी बढ़ रही है इसलिए हल्दी की मौजूदा कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है। चालू सीजन में हल्दी की पैदावार तो ज्यादा हुई थी, साथ ही बकाया स्टॉक भी ज्यादा होने से कुल उपलब्धता ज्यादा है इसलिए बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में हल्दी का निर्यात बढ़कर 1,16,500 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में निर्यात 88,500 टन का हुआ था। विश्व बाजार में हल्दी का भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.57 डॉलर प्रति किलो था।........  आर एस राणा

उत्तर प्रदेश में मॉनसून की अभी तक दस्तक नहीं

उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के कमोबेश सभी इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। उत्तर प्रदेश में मॉनसून अभी तक दस्तक नहीं दे सका है। जबकि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में प्री मॉनसून बारिश जोरों पर है और इन इलाकों में सामान्य से 50 से 80 फीसदी तक ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं मॉनसून पूरे मध्य प्रदेश में फैल गया है। भारतीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में विदर्भ, मराठवाड़ा, पूर्वी मध्यप्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा दक्षिण में कर्नाटक और केरल के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

कच्चे तेल में सुस्ती

कल की जोरदार तेजी के बाद आज कच्चे तेल में सुस्ती है और ग्लोबल मार्केट में इसमें ऊपरी स्तर से दबाव दिख रहा है।  डॉलर में आई गिरावट से सोने को सपोर्ट मिला है और कॉमैक्स पर सोने का दाम 1250 डॉलर के पार चला गया है। चांदी में भी करीब 0.5 फीसदी की तेजी आई है। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी है।

27 जून 2017

सोने का दाम पिछले 1.5 महीने के निचले स्तर पर

ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम पिछले 1.5 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। कॉमैक्स पर ये 1245 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। आज यूरोप में यूएस फेड चेयरमैन जेनेट येलेन का भाषण होने वाला है। जिस पर दुनिया भर के बाजारों की नजर है। इस भाषण से पहले येन के मुकाबले डॉलर 1 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है। वहीं सोने के साथ चांदी में भी बेहद छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। कच्चे तेल में हल्की रिकवरी आई है। ब्रेंट का दाम 46 डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है। नायमैक्स में भी 43.5 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है। एक डॉलर की कीमत 64.5 रुपये के नीचे आ गई है।
महाराष्ट्र के कई इलाकों में पिछले चौबिस घंटे से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले चौबिस घंटे में महाराष्ट्र समेत गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा में भी बारिश हो सकती है।

महाराष्ट्र में पिछले 2 दिनों से भारी बारिश

महाराष्ट्र के कई इलाकों में पिछले 2 दिनों से भारी बारिश हो रही है। मराठवाड़ा में इस महीने करीब 40 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। जबकि मध्य महाराष्ट्र में करीब 30 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। मॉनसून महाराष्ट्र के बाद गुजरात और मध्यप्रदेश के ज्यादातर इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुका है।
मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा मध्यप्रदेश के भी कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने 29 जून तक मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। हालांकि इसके बावजूद इस महीने देश भर में सामान्य से 1 फीसदी कम बारिश हुई है।

जीएसटी के विरोध में 30 जून को व्यापार बंद

जीएसटी के विरोध में 30 जून को देश की ज्यादातर मंडिया बंद रहेंगी। मध्यप्रदेश से शुरू हुई इस बंद को अब राजस्थान के कारोबारियों का भी साथ मिल गया है।
कारोबारियों की दलील है कि उनकी ओर से जीएसटी की तैयारी अभी पूरी नहीं हो सकी है। साथ ही दालों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का भी दाल मिल वाले विरोध कर रहे हैं। इस बंद में दाल, तेल और आटा-बेसन मिलवाले भी शामिल होंगे।

26 जून 2017

आधे भारत पर छाया मानसून

अपनी गति से आगे बढ़ते हुए दक्षिण पश्चिम मानसून ने करीब-करीब आधे भारत को कवर कर लिया है। यानी इस वक्त देश के आधे से ज्यादा हिस्से में बारिश हो रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून के लिए उत्तरी अरब सागर, सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों, गुजरात के और भागों, मध्य महाराष्ट्र, मराठावाड़ा़ और विदर्भ के बाकी बचे हिस्सों, पश्चिमी और पूर्वी मध्य प्रदेश के और ज्यादा भागों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं।
दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा यानी एनएलएम द्वारका, वल्लभ विद्यानगर, खांडवा, बैतुल, माडला और पटना के आसपास बनी हुई है। ये बारिश होने के लिए बहुत अच्छा संकेत है। इन इलाकों में कई हिस्सों में बारिश हो रही है और कहीं-कहीं बारिश के आसार बन रहे हैं।
अगले 72 घंटों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार के बाकी बचे हिस्सोंं में मानसून पहुंचने की उम्मीद है। पिछले 24 घंटों में गुजरात और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के कुछेक हिस्सों में बहुत तेज बारिश हुई है।

आज अगले 24 घंटों के मौसम का हाल

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार ओडिशा, गुजरात, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल में इक्का-दुक्का जगहों पर बहुत तेज बारिश के आसार हैं। बता दें कि केरल और कोंकण एवं गोवा में मानसून ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है।
छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तटीय आंध्र प्रदेश और निकोबार एवं द्वीप समूह में भी कहीं-कहीं तेज बारिश आ सकती है। तो वहीं, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप में भीं इक्का-दुक्का जगहों पर तेज बारिश हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में कहीं-कहीं तेज हवाओँ के साथ बारिश हो सकती है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछेक इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार दिखाई पड़ रहे हैं।

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी। हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........

आर एस राणा
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mobile no.  09811470207

24 जून 2017

बाजरा की बुवाई बढ़ी, मक्का और ज्वार घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां बाजरा की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई पिछड़ रही है। बाजरा का पुराना स्टॉक राजस्थान और हरियाणा में ज्यादा होने से इसकी कीमतों में मंदा बना हुआ है। मक्का में दक्षिण भारत की मंडियों में भाव में और सुधार आने का अनुमान है लेकिन उत्तर भारत में भाव में तेजी नहीं है। ज्वार में बीज वालों की मांग से हल्का सुधार आने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में बाजरा की बुवाई बढ़कर 4.66 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 2.88 लाख हैक्टेयर में ही बाजरा की बुवाई हुई थी। खरीफ में मोटे अनाजों की प्रमुख फसल मक्का की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 9.44 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 9.50 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
ज्वार की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 1.42 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 1.65 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों की कुल बुवाई चालू खरीफ में 17.71 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 15.94 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।......   आर एस राणा

सोयाबीन के साथ मूंगफली की बुवाई बढ़ी, भाव में तेजी की उम्मीद नहीं

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई आगे चल रही है। सोयाबीन के साथ मूंगफली का स्टॉक उत्पादक मंडियों में ज्यादा है, जबकि तेलों में मांग कमजोर है इसलिए चालू महीने में इनकी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई बढ़कर 5.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 3.01 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। इसी तरह से मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में बढ़कर 4.70 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.15 लाख हैक्टेयर में ही मूंगफली की बुवाई हुई थी।
तिलहनों की कुल बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 11.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.23 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। ...............   आर एस राणा

23 जून 2017

कपास और तिलहन की बुवाई बढ़ी, दलहन की पिछड़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में कपास के साथ ही तिलहन की बुवाई बढ़ी है जबकि दलहन की बुवाई पिछड़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की बुवाई बढ़कर 130.74 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 119.28 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। दक्षिण भारत के राज्यों में मानसूनी बारिश हो रही है जबकि उत्तर भारत के राज्यों में प्री-मानसून की बारिश अच्छी हुई है जिससे आगे खरीफ फसलों की बुवाई में और तेजी आयेगी।
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई घटकर चालू रबी में 16.70 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 15.97 लाख हैक्टेयर में ही रौपाई हो पाई थी। दलहन की बुवाई चालू रबी में घटकर 5.97 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में दालों की बुवाई 9.01 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 11.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 7.23 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 17.71 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है तथा पिछले साल इस समय तक 15.94 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 24.70 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 19.07 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 47.52 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 44.82 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।......    आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की रिकवरी

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की रिकवरी आई है। एक डॉलर की कीमत 64.55 रुपये के पास है। डॉलर में गिरावट से रुपये को सपोर्ट मिला है। कच्चा तेल पिछले 10 महीने के निचले स्तर से संभलने की कोशिश कर रहा है। हालांकि बढ़त के बावजूद नायमैक्स पर क्रूड में 43 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। वहीं ब्रेंट का दाम 45.5 डॉलर के नीचे है। सोने और चांदी में हल्की बढ़त है। चांदी पिछले एक महीने के निचले स्तर से काफी बढ़ चुकी है।
ग्लोबल मार्केट में चीनी का दाम पिछले 16 महीने के निचले स्तर पर आ गया है और कल घरेलू बाजार में भी चीनी करीब 6 महीने के निचले स्तर पर बंद हुई। राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में प्री मॉनसून बारिश से कपास की बुआई जोरों पर है। राजस्थान के कई इलाकों में कल से ही रुक रुककर बारिश हो रही है।