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12 मई 2017

जीएम सरसों से उत्पादन में होगी बढ़ोतरी-उद्योग

आर एस राणा
नई दिल्ली। जेनेटिक इंजिनियरिंग एप्राइजल समिति (जीईएसी) ने अपने प्रेजेंटशन में कुछ शतों के साथ जीएम सरसों को मंजूरी की सिफारिश का उद्योग ने स्वागत किया है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी वी मेहता के अनुसार इस समय देश में सरसों का सालाना उत्पादन 70 लाख टन का होता है, जीएम सरसों की मंजूरी से सरसों का उत्पादन 2025 तक 150 लाख टन होने का अनुमान है। उद्योग के अनुसार 2020 तक सरसों उत्पादन का अनुमान 100 लाख टन का है।
जीएम सरसों को मंजूरी देने से जहां किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, वहीं देश में खाद्य तेलों के आयात में भी कमी आयेगी। जीईएसी ने मंत्रालय से इसके व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए सिफारिश करते हुए कुछ शतों को भी रखा है।
हालांकि जीएम सरसों का देश में कुछ संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं, संगठनों का मानना है कि जीएम सरसों से जहां पर्यावरण को नुकसान होगा, वहीं उसके उपयोग से नागरिकों के स्वास्थय पर भी खराब असर पड़ेगा। देश में एक जीएम कॉटन का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है, हालांकि कई राज्यों के किसान अब जीएम कॉटन के बजाए देशी कपास की बुवाई को ज्यादा तरजीह दे रहे है।...............आर एस राणा

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