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29 अप्रैल 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी। हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।

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आर एस राणा
 rsrana2001@gmail.com
rsrana2017@yahoo.com
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मार्च में बासमती चावल का निर्यात बढ़ा, कुल निर्यात में आई कमी

आर एस राणा
नई दिल्ली। मार्च महीने में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 4.08 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल मार्च महीने में इसका निर्यात केवल 3.27 लाख टन का ही हुआ था। हालांकि वित्त वर्ष 2016-17 में बासमती चावल के कुल निर्यात में थोड़ी कम आई है।
वित्त वर्ष 2016-17 में बासमती चावल का निर्यात 39.99 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 40.45 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था।
गैर-बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान बढ़कर 68.13 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 64.64 लाख टन का निर्यात हुआ था।
डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से इस समय बामसती चावल के निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं, जिससे घरेलू बाजार में पूसा 1,121 बासमती चावल और धान की कीमतों में गिरावट आई है।..........आर एस राणा

ग्वार गम उत्पादों का निर्यात मार्च में दोगुने से ज्यादा हुआ

आर एस राणा
नई दिल्ली। मार्च महीने में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर दोगने से भी ज्यादा का हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मार्च में 57,000 टन ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल मार्च में इसका निर्यात केवल 28,000 टन का ही हुआ था।
वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 4.23 लाख टन हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान इनका निर्यात 3.25 लाख टन का हुआ था।
ग्वार गम उत्पादों का निर्यात पिछले चार महीने दिसंबर से मार्च के दौरान बढ़ा है। व्यापारियों के अनुसार इस समय ग्वार गम पाडर के निर्यात सौदे 1,400 डॉलर प्रति टन की दर हो रहे हैं। ग्वार सीड का स्टॉक किसानों के पास ज्यादा है तथा नीचे भाव में किसानों की बिकवाली कम आ रही है इसलिए मौजदा कीमतों में ज्यादा मंदा तो नहीं आयेगी, लेकिन तेजी जून में मानसून के दूसरे अग्रिम अनुमान आने के बाद ही बनने की संभावना है।
प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में चालू सीजन में ग्वार सीड का उत्पादन घटकर 14.04 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में 22.23 लाख टन का उत्पादन हुआ था। हालांकि उत्पादन में तो कमी आई थी, लेकिन पिछले साल का स्टॉक ज्यादा मात्रा में बचा हुआ था, जिससे कुल उपलब्धता पिछले साल के लगभग बराबर ही थी।
शनिवार को जोधपुर मंडी में ग्वार गम के भाव 8,375 रुपये और ग्वार सीड के भाव 3,900 रुपये प्रति क्विंटल रहे। गंगानगर मंडी में ग्वार सीड का भाव 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रहा जबकि ग्वार सीड की दैनिक आवक घटकर इस समय केवल 10,000 क्विंटल की हो रही है।................आर एस राणा

28 अप्रैल 2017

रुपये की मजबूती और ईरान की मांग कम होने से बासमती चावल नरम

आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती और उंचे भाव में ईरान की आयात मांग कम होने से घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान की कीमतों में नरमी आई है। हरियाणा की करनाल मंडी में 1,121 पूसा बासमती धान का भाव 3,500 रुपये और 1,121 पूसा बासमती चावल सेला का भाव 6,500-6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चालू महीने में जहां चावल के भाव में 5,00 से 6,00 रुपये और धान की कीमतों में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है।
डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत बना हुआ है तथा इस समय एक डॉलर की कीतम 64 रुपये हो गई है। रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 6.5 से 7 फीसदी मजबूत हुआ है इससे विदेश में बासमती चावल और महंगा हो गया है। जिसका असर बासमती चावल की निर्यात मांग पर पड़ा है बासमती चावल के सबसे बड़े आयातक ईरान ने पहले 880 डॉलर प्रति टन की कैप लगाई थी, लेकिन वाया दुबई 1,165 से 1,175 डॉलर प्रति टन की दर से सौदे हुए थे।
इस समय ईरान के साथ ही अन्य आयातक देशों से बासमती चावल के नए निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं, तथा पुराने सौदों का ही भुगतान हो रहा है। पुराने सौदों के भुगतान में भी डॉलर के मुकाबले रुपया की मजबूती का प्रभाव देखा जा रहा है। घरेलू बाजार में पूसा 1,121 बासमती चावल सेला के मौजूदा भाव के आधार पर ईरान को निर्यात सौदे इस समय 1,210 से 1,225 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ)े की दर से होने चाहिए। घरेलू बाजार में बासमती चावल के उंचे भाव होने का असर भी नए निर्यात सौदों पर पड़ा है।
बासमती चावल के एक प्रमुख निर्यातक के अनुसार अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच युद्व की आशंका का असर भी चावल के निर्यात सौदों पर पड़ सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्दी ही कोई बड़ा निर्यात सौदा नहीं हुआ तो फिर घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान की कीमतों में गिरावट आ सकती है, हॉ अगर अगले सप्ताहभर में एक-डेढ़ लाख टन चावल के निर्यात सौदे हो गए तो फिर भाव में पुरानी तेजी भी बन सकती है। जानकारों का मानना है कि ईरान के पास चावल का स्टॉक कम है।
एपिडा के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान बासमती चावल का निर्यात 35.91 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 37.18 लाख टन का हुआ था।........................आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल से ज्यादा हुई

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 230.12 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 197.80 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। पिछले साल एमएसपी पर केवल 229.61 लाख टन गेहूं की ही खरीद हो पाई थी, जबकि खरीद का लक्ष्य 300 लाख टन का था। चालू रबी विपणन सीजन में खरीद का लक्ष्य 330 लाख टन का तय किया गया है।
अभी तक हुई गेहूं की कुल सरकरी खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब की 102.06 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 93.25 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 67.83 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 62.70 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 46.88 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 35.20 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 6.80 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 2.64 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 6.42 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.91 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
अन्य राज्यों में उत्तराखंड से 105 टन, चंडीगढ़ से 7,458 टन, गुजरात से 3,581 टन और हिमाचल प्रदेश से 246 टन गेहूं एमएसपी पर खरीदा गया है।...........आर एस राणा

कच्चे तेल में रिकवरी

कच्चे तेल में रिकवरी आई है और इसका दाम 1 फीसदी बढ़ गया है। हालांकि इसके बावजूद लगातार दूसरे हफ्ते इसमें गिरावट आई है और इस महीने क्रूड करीब 9 फीसदी फिसल चुका है। आज डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी है। आज अक्षय तृतीया है और इस मौके पर सोने में निवेश की परंपरा रही है। मान्यता है कि आज का निवेश सदैव फलदायी होता है। लेकिन कीमतों पर गौर करें तो पिछले साल के मुकाबले सोने की कीमतें इस साल नीचे हैं। लेकिन 2 साल पहले के मुकाबले सोना करीब 10 फीसदी ऊपर है। कोरिया को लेकर अमेरिका और रुस के बीच तनाव की खबरों के बीच पिछले दिनों सोने में आई तेजी अब खत्म हो रही है। पिछले 7 हफ्तों में इस हफ्ते सोना सबसे ज्यादा टूटा है। डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हो रहा है और इससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतों पर दोहरा दबाव है। ऊपर से केंद्र सरकार की सोने पर टेढ़ी नजर है। 2 लाख से ज्यादा कैश में खरीद नहीं कर सकते है, इसके ऊपर की रकम पर पैन कार्ड देना होगा, और 3 लाख रुपये के ऊपर तो पैन कार्ड के बावजूद नकद पेमेंट पर रोक है, इसके ऊपर तो सिर्फ ऑन लाइन या चेक से ही भुगतान संभव है। ऐसे में देखना होगा आज अक्षय तृतीया के दिन सोना निवेशकों और ज्वेलरी खरीदारों को कितना लुभा पा रहा है।

27 अप्रैल 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 222.71 लाख टन के पार

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 222.71 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 193.54 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद जहां 100 लाख टन के पास पहुंचने वाली है, वहीं हरियाणा में सरकार खरीद पिछले साल के लगभग बराबर ही होने वाली है। मध्य प्रदेश से खरीद पिछले साल से ज्यादा हो चुकी है। यूपी से गेहूं की सरकारी खरीद सीमित मात्रा में ही हो पा रही है, तथा अभी तक खरीद पिछले साल से ज्यादा हुई है, लेकिन खरीद तय लक्ष्य 30 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद कम है। बिहार से 5 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अभी तक खरीद चालू ही नहीं हो पाई है।
अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब की 98.14 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 90.66 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 66.87 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 61.95 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 45.48 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 34.87 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 6.11 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 2.35 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 6.04 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.61 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।...........आर एस राणा

सरसों की दैनिक आवक घटी, बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं

आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक कम हो गई है, इसलिए इसकी मौजूदा कीमतों में 75 से 100 रुपये का मंदा और आ सकता है, लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है। जयपुर मंडी में सरसों के भाव 3,800 रुपये, अलवर में 3,575 रुपये तथा भरतपुर मंडी में 3,500 से 3,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है।
चालू सीजन में सरसों की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है, कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार 79.12 लाख टन उत्पादन का अनुमान था जबकि आज तीसरे आरंभिक अनुमान में इसके उत्पादन अनुमान में और बढ़ोतरी की संभावना है।
इस समय आयातित तेल सस्ते हैं, मलेशिया और इंडोनेशिया में पॉम तेल के भाव नीचे बने हुए हैं, साथ ही अमेरिका में सोया रिफाइंड तेलों में भी मंदा है। डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने से आयातित तेल सस्ते पड़ रही है, इसीलिए सरसों तेल में मांग कमजोर है। सरसों तेल के साथ सरसों खल में भी मांग कमजोर होने से तेल मिलों को अभी भी पेरिटी नहीं लग रही है। ऐसे में सरसों की कीमतों में तेजी जुलाई-अगस्त के बाद ही बनेगी, तथा आगे इसकी कीमतों में तेजी काफी हद तक मानसूनी बारिश कैसी होती है, इस पर भी निर्भर करेगी। व्यापारियों का मानना है कि जुलाई-अगस्त के बाद 42 फीसदी कंडीशन की सरसों का भाव बढ़कर 3,900 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल बन सकता है।..............   आर एस राणा

दलहन में मांग कमजोर, बड़ी तेजी की संभावना नहीं

आर एस राणा
नई दिल्ली। चना, अरहर, उड़द और मूंग तथा मसूर में ग्राहकी कमजोर है जिससे इनके भाव में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। मई में मांग बढ़ने से चना और अरहर तथा मूंग व उड़द की कीमतों में हल्का सुधार आ सकता है लेकिन मसूर की कीमतांें में और भी 100 से 150 रुपये की गिरावट आने का अनुमान है। दालों में मांग जुलाई में बढ़ने का अनुमान है।
उत्पादक मंडियों में चना की दैनिक आवक कम हुई है, तथा बिकवाली कम आने से दिल्ली के लारेंस रोड़ पर आज चना के भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे। माना जा रहा है कि मई में मांग निकलने पर इसके भाव 300 से 400 रुपये की तेजी तो आ सकती है, लेकिन अभी बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। चना दाल और बेसन में मांग जुलाई के बाद ही बढ़ेगी।
अरहर का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही केंद्रीय पूल में स्टॉक है इसलिए आगामी दिनों में सरकारी एजेंसियों अपना स्टॉक निकालेगी। ऐसे में अरहर के मौजूदा भाव में 150 से 200 रुपये की तेजी तो बन सकती है लेकिन बड़ी तेजी नहीं आयेगी। आयातित लेमन अरहर के भाव आज मुंबई में 3,900 रुपये प्रति क्विंटल है।
उड़द और मूंग की बुवाई चालू हो गई है, तथा इनकी कीमतें नीचे बनी हुई है। मई में इनके भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।
मसूर की दैनिक आवक मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बढ़ रही है, तथा उत्पादक मंडियों में मसूर के भाव 3,600 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल है, इसकी कीमतों में और 100 से 150 रुपये की गिरावट आ सकती है, हालांकि अभी भाव में तेजी की संभावना नहीं है। मटर में भी मांग कमजोर है, साथ ही आयातित मटर के भाव काफी नीचे हैं, इसलिए अभी इसकी कीमतों में भी तेजी की संभावना नहीं है।...............आर एस राणा

26 अप्रैल 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 214.50 लाख टन पहुंची

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 214.50 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 188.11 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। 25 अप्रैल को करीब 10 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में खरीद 30 अप्रैल तक ज्यादा रहेगी, उसके बाद खरीद में कमी आयेगी।
चालू रबी विपणन सीजन में गेहूं की एमएसपी पर अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब की 93.66 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 87.35 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 65.91 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 60.86 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 43.80 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 34.42 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 5.43 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 2.10 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 5.58 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.28 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
कृषि मंत्रालय आज गेहूं का तीसरा उत्पादन अनुमान जारी करेगा, माना जा रहा है कि तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार गेहूं का उत्पादन 980 लाख टन होगा, जबकि दूसरे आरभिक अनुमान के अनुसार गेहूं का उत्पादन 966.4 लाख टन का हुआ था। गेहूं के आयात पर इस समय 10 फीसदी आयात शुल्क लागू है लेकिन इसके बावजूद भी आयातित गेहूं दक्षिण भारत भारत की फ्लोर मिलों को भारतीय गेहूं के मुकाबले सस्ता पड़ रहा है, इसीलिए दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से खरीद नहीं कर रही हैं। ऐसे में इन राज्यों की मंडियों में जहां सरकारी खरीद नहीं हो रही है, वहां गेहूं 1,400 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है।...............  आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में जोरदार उछाल

डॉलर के मुकाबले रुपये में जोरदार उछाल आया है। एक डॉलर की कीमत 64 रुपये के नीचे आ गई है। रुपया करीब 0.5 फीसदी की मजबूती के साथ कारोबार कर रहा है। डॉलर के मुकाबले ये पिछले 20 महीने की ऊंचाई पर चला गया है। डॉलर में दबाव से भी रुपये को सपोर्ट मिला है। ग्लोबल मार्केट में सोना 2 हफ्ते के निचले स्तर पर आ गया है। कामैक्स पर इसमें 1265 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। चांदी में हल्की रिकवरी है, इसके बावजूद ये 18 डॉलर के नीचे है। कच्चे तेल में गिरावट बढ़ गई है। ब्रेंट का दाम 52 डॉलर के नीचे आ गया है जबकि नायमैक्स पर ये 50 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है।

25 अप्रैल 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 204 लाख टन के पार, यूपी की मंडियों में भाव एमएसपी से नीचे

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 204.78 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 181.24 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। पंजाब और हरियाणा से खरीद बराबर बनी हुई है लेकिन उत्तर प्रदेश की मंडियों में जहां एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही है, वहां गेहूं 1,450 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।
चालू रबी विपणन सीजन में गेहूं की एमएसपी पर अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब की 88.34 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 83.52 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 64.26 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 59.27 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। अनुकूल मौसम से पंजाब के साथ ही हरियाणा और अन्य राज्यों में गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता ज्यादा है।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 42.13 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 33.95 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 4.81 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 1.80 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 5.13 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 2.62 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पिछले साल एमएसपी पर पंजाब से 106.94 लाख टन गेहूं खरीदा गया था जबकि इस बार 115 लाख टन खरीद का लक्ष्य तय किया है। इसी तरह से हरियाणा से पिछले साल 67.52 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जबकि चालू सीजन में खरीद का लक्ष्य 75 लाख टन का है। मध्य प्रदेश से पिछले साल 39.92 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी, जबकि चालू रबी में खरीद का लक्ष्य 85 लाख टन का है। उत्तर प्रदेश से पिछले साल केवल 7.97 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी जबकि चालू रबी में 30 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है। उधर राजस्थान से पिछले साल एमएसपी पर 7.62 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि चालू रबी में खरीद का लक्ष्य 17.50 लाख टन का है। ...........आर एस राणा

गेहूं, चना और सरसों के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी संभव

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2016-17 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर रिकार्ड 980 लाख टन होने का अनुमान है जबकि दूसरे अग्रिम अनुमान में केंद्र सरकार ने 966.4 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू फसल सीजन में बुवाई में हुई बढ़ोतरी के साथ ही मौसम भी अनुकूल रहा है जिससे इस बार गेहूं का रिकार्ड 980 लाख टन उत्पादन अनुमान है।
चना का उत्पादन भी चालू रबी में 94 से 95 लाख होने का अनुमान है जबकि दूसरे अग्रिम अनुमान में केंद्र सरकार ने 91.2 लाख टन उत्पादन का अनुमान जारी किया था। चना के प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश में चना उत्पादन 43.37 लाख टन, महाराष्ट्र में 17.77 लाख टन, राजस्थान में 13.82 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 6.32 लाख टन तथा कर्नाटका में 3.9 लाख टन होने का अनुमान है।
सरसों का उत्पादन भी तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार 80 लाख टन से ज्यादा होने की संभावना है। खरीफ सम्मेलन में कृषि मंत्री ने कहां खाद्यान्न का उत्पादन 2016-17 में 27.19 करोड़ टन होने का अनुमान है।......आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती

आज डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती बढ़ गई है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये 30 पैसे के पास आ गई है। बेशक इसका असर घरेलू कमोडिटी बाजार पर पड़ेगा। कल की रिकवरी के बाद नायमैक्स पर कच्चे तेल का दाम फिर से 50 डॉलर के नीचे आ गया है। हालांकि निचले स्तर से फिर से रिकवरी आई है। इस बीच ब्रेंट में बढ़त के बावजूद 52 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। रुस में कच्चे तेल का उत्पादन पिछले 30 साल के ऊपरी स्तर पर चला गया है। ऐसे में मार्गन स्टेनली ने कहा है कि कीमतों को सपोर्ट देने के लिए क्रूड के उत्पादन में ज्यादा और लंबे वक्त तक कटौती की जरूरत पड़ेगी। सोना भी कमजोर है और ये कल के स्तर के आसपास ही कारोबार कर रहा है। आज इसका भाव 1275 डॉलर के नीचे है। सोने में सुस्ती का असर चांदी पर भी दिख रहा है। साथ ही मेटल में सुस्ती छाई हुई है। 

24 अप्रैल 2017

अरहर पर आयात शुल्क 25 फीसदी करने की सिफारिश- खाद्य मंत्रालय


आर एस राणा
नई दिल्ली। अरहर की कीमतों में आई गिरावट को रोकने के लिए खाद्य मंत्रालय इसके आयात पर आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करने की सिफारिश की है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहां है कि भाव में आई गिरावट को रोकने के लिए आयात शुल्क में बढ़ोतरी की जाये।
केंद्र सरकार ने अरहर पर आयात शुल्क 10 फीसदी लगाने के बाद से इसके भाव में सुधार तो आयात था, लेकिन म्यांमार से आयात शुन्य शुल्क पर होने के कारण आयात शुल्क का असर नहीं रहा, और उत्पादक राज्यों की मंडियों में फिर से इसके भाव में गिरावट आई है। म्यांमार से इस समय अरहर का आयात लगातार हो रहा है। यही कारण है कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की मंडियों में अरहर के भाव घटकर 3,900 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
सरकारी एजेंसियों ने अरहर की एमएसपी पर खरीद बंद कर दी है तथा अभी तक एमएसपी पर 8.75 लाख टन अरहर की खरीद की है। एमएसपी पर सबसे ज्यादा अरहर की खरीद महाराष्ट्र से 3.10 लाख टन से हुई है।.......आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद 195 लाख टन के पास

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 194.93 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 175.52 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
चालू रबी में गेहूं की एमएसपी पर अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब की 83.75 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 79.04 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 61.57 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 58.90 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 40.62 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 33.41 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 4.21 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 1.46 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 4.66 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 2.62 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।..........आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती

आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती है। 1 डॉलर की कीमत 64.50 रुपये के पास है। फ्रांस में चुनाव के साथ ही सोने की तेजी भी हवा होती नजर आ रही है। ग्लोबल मार्केट में आज शुरुआती कारोबार में सोना करीब 1.5 फीसदी लुढ़क गया था, हालांकि फिलहाल ये करीब 0.5 फीसदी नीचे कारोबार कर है और भाव 1275 डॉलर के आसपास है। ​पिछले हफ्ते के ऊपरी स्तर से सोना करीब 20 डॉलर लुढ़क चुका है। सोने के साथ चांदी पर भी दबाव है और इसका दाम 18 डॉलर के नीचे बना हुआ है। कच्चे तेल में रिकवरी आई है और ये करीब 0.5 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहा है। हालांकि बढ़त के बावजूद नायमैक्स पर क्रूड का दाम 50 डॉलर के नीचे है। अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है और इसीलिए क्रूड की कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ पा रही हैं। वहीं बेस मेटल में भारी उठापटक हो रहा है। चीन में कॉपर कमजोर है, जबकि लंदन मेटल एक्सचेंज पर सपाट कारोबार हो रहा है।

21 अप्रैल 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 164.52 लाख टन हुई

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 164.88 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 145.82 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
चालू रबी में गेहूं की एमएसपी पर अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब की 64.34 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 57.43 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 57.13 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 54.11 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 35.90 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 31.28 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 3.21 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 1.05 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 3.83 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 1.87 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।...............आर एस राणा


डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी

आज डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी देखी जा रही है।  कच्चा तेल कमजोर है और ब्रेंट में 53 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। इस हफ्ते क्रूड में भारी उठापटक देखने को मिली है। वहीं सोने में भी सुस्ती छाई हुई है। इसका दाम 1280 डॉलर के नीचे है। साथ ही चांदी 17 डॉलर के भी नीचे आ गई है। इस हफ्ते चांदी में सोने से ज्यादा गिरावट आई है। वहीं बेस मेटल में भारी उठापटक हो रहा है। चीन में जिंक का दाम करीब 3 फीसदी उछल गया है। जबकि एलएमई पर ये कमजोर है।
मलेशिया में पॉम तेल के नीचे भाव में मांग निकलने से आज हल्की रिकवरी आई है, साथ ही अमेरिका में भी सोयाबीन के भाव में आज सुधार आया है इसका असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर भी पड़ने का अनुमान है। वैसे भी घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के भाव काफी नीचे आ चुके हैं। घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी की संभावना तो नहीं है लेकिन विदेशी बाजार में भाव में आए सुधार से यहां भी इनकी कीमतों में सुधार आ सकता है।

20 अप्रैल 2017

डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती से कपास का आयात सस्ता, भाव में तेजी नहीं

आर एस राणा
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से जहां कपास का आयात सस्ता पड़ रहा है, वहीं निर्यात पड़ते कम लग रहे हैं। आयातित कपास की क्वालिटी अच्छी होने के कारण दक्षिण भारत की यार्न मिलें बराबर मात्रा में आयात कर रही है, इसलिए कपास की कीमतों में आगे तेजी की संभावना नहीं है। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव गुरुवार को 43,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहा तथा चालू महीने में ही इसकी कीमतों में करीब 1,000 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट आ गिरावट चुकी है।
व्यापारियों के अनुसार इस समय कपास के आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हो रहे हैं, तथा डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से निर्यात सस्ता भी पड़ रहा है। चालू सीजन में करीब 30 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का कपास का आयात होने का अनुमान है। कपास के निर्यात सौदों में पहले की तुलना में कमी आई है, तथा माना जा रहा है कि चालू सीजन में कुल निर्यात करीब 48 से 50 लाख का ही हो पायेगा, जोकि पिछले साल की तुलना में कम है।
कपास की बुवाई उत्तर भारत के राज्यों में चालू हो गई है, तथा चालू सीजन में बुवाई ज्यादा होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने चालू सीजन में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है, ऐसे में कपास की कीमतों में मई-जून के बाद और भी गिरावट आयेगी। जून के बाद अमेरिका की कपास की नई फसल भी आ जायेगी। इसलिए आगे इसके भाव में मंदा ही रहेगा।.............आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद 150 लाख टन के पास

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 149.88 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 133.71 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब की 55.32 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 48.73 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। पंजाब से एक दिन में ही करीब 10 लाख टन गेहूं की खरीद हो गई है। उधर हरियाणा से एमएसपी पर अभी तक 54.20 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 52.41 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। हरियाणा से एक दिन में ही करीब पांच लाख टन गेहूं की खरीद हुई है।
मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 34.28 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 30.36 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 2.67 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 77,807 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 3.31 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 1.36 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।..........आर एस राणा

ड्यूटी लगने के बावजूद आयातित गेहूं सस्ता, दक्षिण भारत की मांग नदारद

आर एस राणा
नई दिल्ली। गेहूं के आयात को हत्तोसाहित करने के लिए केंद्र सरकार ने 28 मार्च को इसके आयात पर 10 फीसदी का आयात शुल्क लगाया था, लेकिन आयातित शुल्क लगने के बावजूद भी आयातित गेहूं सस्ता पड़ रहा है, इसीलिए दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें उत्तर भारत के राज्यों से गेहूं की खरीद नहीं कर रही है जिससे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में जहां गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हो रही है, वहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे गेहूं बिक रहा है। अतः केंद्र सरकार ने जल्दी ही गेहूं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की, तो गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।
केंद्र सरकार गेहूं के आयात पर 10 फीसदी का शुल्क लगा देने के बाद से आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं की कीतमों 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। आस्ट्रेलियाई से आयातित का भाव तुतीकोरन बंदरगाह पर 215 से 217 डॉलर प्रति टन सितंबर डिलीवरी रह गए हैं, जबकि मार्च के मध्य में इसके भाव 220 से 221 डॉलर प्रति टन थे। यूक्रेन से आयातित लाल गेहूं का भाव घटकर इस दौरान 195 डॉलर प्रति टन रह गए। तुतीकोरन बंदरगाह पर आस्ट्रेलियाई गेहूं के भाव 1,690 रुपये और लाल गेहूं के भाव 1,640 रुपये प्रति क्विंटल सितंबर डिलीवरी के चल रहे हैं।
आयातित गेहूं सस्ता होने के कारण ही दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश से गेहूं की खरीद नहीं कर रही है। चालू फसल सीजन में गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता ज्यादा है तथा दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों की खरीद नहीं हो रही है, इसीलिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में जहां गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हो रही है वहां 1,400 से 1,550 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,625 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
मध्य प्रदेश की रतलाम मंडी में गेहूं का भाव बुधवार को 1,525 रुपये, खांडवा में 1,535 रुपये प्रति क्विंटल रहा। राजस्थान की केकड़ी मंडी मेें गेहूं का भाव 1,530 रुपये और उत्तर प्रदेश की कई मंडियों में गेहूं 1,400 से 1,450 रुपये प्रति क्विंटल है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में अभी तक एमएसपी पर 134.41 लाख टन गेहूं की खरीद कर चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 120.29 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा से चालू रबी में अभी तक 50.82 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 49.46 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। पंजाब से एमएसपी पर अभी तक 45.92 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 39.84 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। उधर मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 32.61 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 29.19 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
उत्तर प्रदेश से चालू रबी में अभी तक 2.13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 76,313 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 2.84 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 95,757 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।.................आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी

आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी है।  कल की भारी गिरावट के बाद कच्चे तेल में आज रिकवरी दिख रही है और ब्रेंट का दाम फिर से 53 डॉलर के ऊपर आ गया है। हालांकि बढ़त के बावजूद कीमतें पिछले 2.5 हफ्ते के निचले स्तर के पास हैं। नामैक्स क्रूड में 51 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। इस बीच सोने की चमक फीकी पड़ गई है और ये हल्की गिरावट के साथ 1280 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। इस हफ्ते सोने में करीब  15 डॉलर की गिरावट आ चुकी है। वहीं लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर इस साल का निचला स्तर छूने के बाद करीब 0.5 फीसदी की रिकवरी दिखा रहा है।
मलेशिया में पाम तेल में गिरावट बढ़ गई है। इसका दाम पिछले 8 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गया है। कच्चे तेल में गिरावट और इंडोनेशिया और मलेशिया में उत्पादन बढ़ने के अनुमान से पाम तेल की कीमतों पर दोहरा दबाव बढ़ा है। इसका असर घरेलू बाजार में खाने के तेलों पर दिख सकता है।

19 अप्रैल 2017

दलहन का रिकार्ड 61 लाख टन आयात हुआ

आर एस राणा
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनो अप्रैल से फरवरी के दौरान रिकार्ड 60.9 लाख टन का आयात हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के अप्रैल से मार्च के दौरान कुल आयात 58 लाख टन का ही हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के अप्रैल से फरवरी के दौरान ही रिकार्ड आयात हो चुका है जबकि मार्च के आयात सौदों को देखते हुए कुल आयात 63 से 64 लाख टन होने का अनुमान है। मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से दिसंबर के दौरान ही 54.20 लाख टन दालों  का आयात हो चुका था। अप्रैल से दिसंबर के दौरान सबसे ज्यादा आयात मटर का 26.57 लाख टन, चना का आयात 4.21 लाख टन, मूंग और उड़द का 4.68 लाख टन, तथा मसूर का आयात इस दौरान 4.47 लाख टन तथा अरहर का आयात 5.73 लाख टन का हुआ था।...........आर एस राणा

चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि बढ़ाई

आर एस राणा
नई दिल्ली। चीनी की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। स्टॉक लिमिट की अवधि अप्रैल 2017 को समाप्त हो रही थी।
बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि को 6 महीने और बढ़ाने पर फैसला लिया गया। चीनी का स्टॉक कारोबारी 30 दिन के लिए 500 टन रख सकते हैं, जबकि पष्चिमी बंगाल में कारोबारी 1,000 टन चीनी का स्टॉक 30 दिन के लिए रख सकते हैं।
चालू पेराई सीजन में उद्योग के अनुसार चीनी का उत्पादन घटकर 203 लाख टन होने का अनुमान है जबकि खाद्य मंत्रालय के अनुसार उत्पादन 225 लाख टन होने का अनुमान है। देश में चीनी की सालाना खपत 245 लाख टन की होती है, हालांकि पेराई सीजन के आरंभ में पहली अक्टूबर को 72 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था।......................आर एस राणा

गेहूं की सरकारी खरीद 119 लाख टन से ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद बढ़कर 119.07 लाख टन की हो गई है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 104.68 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी हरियाणा की 47.62 लाख टन की है, जबकि पिछले साल इस समय तक हरियाणा से 44.56 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। पंजाब से एमएसपी पर अभी तक 37.42 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक पंजाब से 30.81 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। उधर मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक 30.55 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मध्य प्रदेश से 28.29 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश से अभी तक 1.56 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य से 48,639 टन गेहूं ही खरीदा गया था। राजस्थान से एमएसपी पर अभी तक 2.31 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 46,205 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन में कुल 330 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है, जिसमें पंजाब से 115 लाख टन, हरियाणा से 75 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 30 लाख टन, मध्य प्रदेश से 85 लाख टन, बिहार से 5 लाख टन, राजस्थान से 17.5 लाख टन, उत्तराखंड से 1.50 लाख टन और गुजरात से 50 हजार टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है।
पिछले रबी विपणन सीजन 2016-17 में एमएसपी पर जहां पंजाब से 106.49 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी, वहीं हरियाणा से 67.50 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 7.97 लाख टन, मध्य प्रदेश से 39.92 लाख टन, राजस्थान से 7.62 लाख टन के अलावा उत्तराखंड से 0.02 लाख टन और चंडीगढ़ से 0.07 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।..........   आर एस राणा

कच्चे तेल में गिरावट

अमेरिका में गैसोलीन का भंडार बढ़ने से कच्चे तेल में गिरावट आई है। ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट का दाम 55 डॉलर के भी नीचे आ गया है। वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड 52.50 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। आज अमेरिकी एनर्जी डिपार्टमेंट भी इन्वेंट्री रिपोर्ट जारी करेगा, जिस पर बाजार की नजर टिकी हुई है। इस बीच सोने में दबाव लगातार बना हुआ है। कल आईएमएफ के ग्लोबल ग्रोथ पर अनुमान बढ़ाने के बाद से सोना कमजोर है। कौमेक्स पर इसका दाम 1285 डॉलर के पास है। वहीं चांदी में भी गिरावट का रुख है। चीन की चिंता में एलएमई पर कॉपर कल करीब 2 फीसदी लुढ़क गया था, आज हल्की रिकवरी जरूर है, लेकिन भाव पिछले तीन महीने के निचले स्तर के पास है। हालांकि शंघाई में आज कॉपर करीब 2 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है। जबकि जिंक का दाम करीब 4 फीसदी टूट गया है डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की रिकवरी दिख रही है। दरअसल डॉलर इंडेक्स 100 अंक के नीचे आ गया है।

18 अप्रैल 2017

मासून सामान्य रहने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहां है कि दक्षिण पष्चिमी मानसून इस ससाल सामान्य रहेगा। मौसम विभाग ने 2017 को लेकर मंगलवार को अपना अनुमान जारी कर दिया है।
आईएमडी के अनुसार इस साल मानसून सामान्य रहने के आसार हैं, जून से लेकर सितंबर तक देशभर में 96 फीसदी बारिश होने का अनुमान है। बारिश 96 फीसदी से 106 फीसदी होती है तो इस सामान्य माना जाता है, पिछले साल देशभर में 97 फीसदी बारिश हुई थी।
आईएमडी के अनुसार 106 से 110 फीसदी तक सामान्य तथा 110 से ज्यादा बारिश हो अत्याधिक मानी जाती है जबकि 90 से 95 फीसदी बारिश हो तो सामान्य से कम बारिश मानी जाती है। अगर 90 फीसदी से कम बारिश होती है तो फिर सूखाग्रस्त माना जाता है। वर्ष 2014 के दौरान देशभर में 88 फीसदी और 2015 के दौरान 86 फीसदी बारिश दर्ज हुई थी, तथा इन दो सालों में सूखा पड़ा था।
आईएमडी का मानना है कि इस समय अलनीनो का प्रभाव कम हो रहा है, लेकिन अगस्त के बाद अलनीनो का प्रभाव पड़ सकता है। आईएमडी के अनुसार अलनीनो आने की संभावना 50 फीसदी है। मौसम विभाग का दूसरा अग्रिम अनुमान जून में आयेगा, उसमें मौसम की स्टीक जानकारी मिलेगी।...........आर एस राणा

गुजरात सरकार ने केस्टर सीड उत्पादन अनुमान में कटौती

आर एस राणा
नई दिल्ली। सबसे बड़े उत्पादक राज्य गुजरात ने केस्टर सीड के उत्पादन अनुमान में कटौती कर दी है। राज्य के कृषि निदेशालय द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार राज्य में केस्टर सीड का उत्पादन घटकर 12.55 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि दूसरे अग्रिम अनुमान में 14.20 लाख टन उत्पादन का अनुमान लगाया था। राज्य में पिछले साल 14.32 लाख टन केस्टर सीड का उत्पादन हुआ था।........आर एस राणा

सामान्य बारिश होने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चालू सीजन में देश में सामान्य बारिश होने का अनुमान है, तथा वर्तमान परिस्थितियों में अलनीनो का प्रभाव कम हो रहा है।
आईएमडी द्वारा मंगलवार को जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार देश में इस बार सामान्य बारिश होगी, तथा देशभर में मानसून सामान्य रहेगा, ऐसा नहीं है कि कहीं ज्यादा तो कहीं कम बारिश होगी। आईएमडी के अनुसार लंबी अवधि के हिसाब से देशभर में 96 फीसदी बारिश होगी, इसमें पांच फीसदी कम या फिर पांच फीसदी ज्यादा।
मानसून का दूसरा आरंभिक अनुमान आईएमडी जून में जारी करेगी। हालांकि आस्ट्रेलिया समेत कुछ देशों के मौसम विभाग ने इस बार अलनीनो का प्रभाव होने के आसार जारी किए थे। ..........आर एस राणा

अरहर पर आयात शुल्क बेअसर, म्यांमार से शुन्य शुल्क पर आयात जारी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अरहर के आयात को हत्तोसाहित करने के लिए 28 मार्च 2017 को इसके आयात पर तत्काल प्रभाव से 10 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया था, लेकिन अरहर के सबसे बड़े निर्यातक देश म्यांमार से शुन्य शुल्क पर आयात जारी है जिससे इसकी कीमतों में अपेक्षित सुधार नहीं आया।
कृषि मंत्रालय के अनुसार अरहर आयात का आयात म्यांमार, तंजानिया, मौजाम्बिक, मलावी और सुडान से होता है। कुल आयात में म्यांमार की हिस्सेदारी 46.35 फीसदी है, तथा म्यांमार और भारत दोनों ही एएसईएएन संगठन के सदस्य देश है, अतः एएसईएएन ट्रेड एग्रीमेंट के तहत म्यांमार से भारत को आयात होने वाली अरहर पर आयात शुल्क लागू नहीं होता, इसलिए म्यांमार से अरहर का शुन्य शुल्क पर आयात जारी है, जिससे घरेलू बाजार में अरहर की कीमतों में गिरावट आई है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 10 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान 5.73 लाख टन अरहर का आयात हुआ है, तथा आयातकों के अनुसार मार्च तक अरहर का कुल आयात बढ़कर 7 लाख टन के करीब होने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में अरहर का कुल आयात 4.62 लाख टन का ही हुआ था। अतः अरहर की घरेलू पैदावार ज्यादा होने के साथ ही आयात में भी हुई बढ़ोतरी के कारण ही इसकी कीमतों में गिरावट आई है।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार अरहर की पैदावार 2016-17 में रिकार्ड 42.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 25.6 लाख टन का ही हुआ था। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2016-17 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि उत्पादक मंडियों में अरहर 4,000 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। जानकारों के अनुसार आयात ऐसे ही जारी रहा तो चालू सीजन में अरहर की बुवाई में कमी आने की आशंका है।
केंद्र सरकार ने अरहर की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद 24 अप्रैल तक जारी रखने का निर्णय लिया है जबकि पहले खरीद 15 अप्रैल को बंद होनी थी।...............आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की कमजोरी दिख रही है। 1 डॉलर की कीमत 64.50 रुपये के ऊपर है। पिछले चार दिनों में करीब 3 फीसदी की तेजी के बाद सोना पांच महीने के ऊपरी स्तर से फिसल गया है और ग्लोबल मार्केट में ये 1285 डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है। वहीं चांदी में भी दबाव दिख रहा है और इसका दाम 18.5 डॉलर के नीचे आ गया है। कच्चे तेल में लगातार दूसरे दिन गिरावट का रुख है। ब्रेंट 55 डॉलर के पास है। नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई क्रूड में 52.5 डॉलर के पास कारोबार हो रहा है। इस बीच मांग बढ़ने के अनुमान से चीन में एल्युमीनियम का दाम बढ़ गया है। लेकिन शंघाई में कॉपर और जिंक में गिरावट पर कारोबार हो रहा है।

17 अप्रैल 2017

गेहूं की सरकारी खरीद 100 लाख टन के पार, भाव में तेजी की उम्मीद नहीं

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2017-18 में अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की सरकारी खरीद 100.98 लाख टन की गई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 96.60 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अभी तक हुई कुल खरीद में ज्यादा हिस्सेदारी हरियाणा की 41.05 लाख टन, मध्य प्रदेश की 29.22 लाख टन और पंजाब से 28.20 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर हो चुकी है। इसके अलावा राजस्थान से 1.72 लाख टन और उत्तर प्रदेश से 73,000 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है।
चालू रबी विपणन सीजन में गेहूं की खरीद का लक्ष्य केंद्र सरकार ने 330 लाख टन तय किया है जबकि पिछले साल 229.61 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर हुई थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 966.4 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 922.9 लाख टन का ही हुआ था। चालू रबी में मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल रहा है जिससे प्रति हैक्टेयर उत्पादन अच्छी होने से उत्पादन रिकार्ड होने का अनुमान है।
उधर केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगा रखा है, इसके बावजूद भी आयात हो रहा है। आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों को सस्ता पड़ रहा है, इसलिए आगामी दिनों में दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों की मांग उत्तर भारत से कम रहेगी, जिससे गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।.................आर एस राणा

18 अप्रैल 2017 का मौसमी पूर्वानुमान




देश भर में बने मौसमी सिस्टम
बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात मारूथा अब कमजोर होकर डिप्रेशन बन गया है। इस समय यह म्यांमार के ऊपर है और धीरे-धीरे उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ते हुए निष्प्रभावी हो जाएगा।
तेलंगाना से अरब सागर के मध्य पूर्व तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों और उससे सटे मध्य प्रदेश अपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र तक पहुँच रही है।
बिहार के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक सिस्टम से उत्तर-पूर्वी ओड़ीशा तक एक ट्रफ रेखा भी विकसित हो गई है। दक्षिण में दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे श्रीलंका पर भी एक चक्रवाती सिस्टम हवाओं में बना हुआ है।
देश के विभिन्न भागों में दर्ज की गई मौसमी गतिविधियां
बीते 24 घंटे के दौरान तटीय ओड़ीशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में हल्की बारिश हुई है।
दक्षिणी-आंतरिक कर्नाटक, केरल और आंतरिक तमिलनाडु में भी कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। तटीय आंध्र प्रदेश में भी एक-दो स्थानों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों में भीषण लू का प्रकोप जारी रहा। राजस्थान के बाकी हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ भागों, तटीय तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और विदर्भ में भी एक-दो स्थानों पर लू जारी रही।
आगामी 24 घंटों का मौसमी पूर्वानुमान
अगले 24 घंटों के दौरान नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।
तटीय ओड़ीशा और उत्तरी तटवर्ती आंध्र प्रदेश में एक-दो स्थानों पर वर्षा हो सकती है जबकि दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं।
राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में अधिकांश जगहों पर जबकि विदर्भ, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ इलाकों में लू का प्रकोप कल भी जारी रहने का अनुमान है।………..www.skymetweather.com