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11 अगस्त 2016

हल्दी की बुवाई में बढ़ोतरी, आगे भाव में हल्का सुधार संभव

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में हल्दी की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है जबकि इस समय निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला कंपनियों की मांग सीमित मात्रा में ही बनी हुई है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में हल्दी की कीमतों मंे तेजी नहीं आ पा रही है। इस समय हल्दी की खपत का सीजन है तथा सर्दियों के मौसम में इसकी मांग बढ़ जाती है जबकि नई फसल आने में पांच से छह महीने बचे हुए हैं। ऐसे में आगामी दिनों में इसकी कीमतों में सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 8,500 रुपये और इरोड़ में 8,000 से 8,100 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
तेलंगाना कृषि निदेषाल के अनुसार राज्य में 3 अगस्त तक हल्दी की बुवाई 14.5 फीसदी बढ़कर 43,256 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 37,780 हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। सामान्यतः तेलंगाना में हल्दी की बुवाई 48,000 हैक्टेयर में होती है। चालू सीजन में प्रमुख उत्पादक राज्यों तेलंगाना, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में जुलाई 2016 तक हल्दी की दैनिक आवक 60 फीसदी बढ़कर 1,76,500 टन की हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,10,277 टन की हुई थी। प्रमुख उत्पादक मंडियों निजामाबाद, डुग्गीराला, सेलम, सांगली और इरोड़ में पिछले तीन महीनों में हल्दी की दैनिक आवक लगभग दोगुनी हुई है।
जानकारों के अनुसार बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम को देखते हुए फसल सीजन 2016-17 में हल्दी का उत्पादन बढ़कर 11 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 8 लाख टन का हुआ था।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 में हल्दी का निर्यात 31 फीसदी बढ़कर 21,256 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 16,151 टन का हुआ था। वित्त वर्ष 2015-16 में हल्दी का निर्यात 88,500 टन का हुआ था जबकि इसके वित्त वर्ष में इसका निर्यात 86,000 टन का हुआ था। विष्व बाजार में इस समय हल्दी के भाव 3.42 डॉलर प्रति किलो हैं जबकि पिछले महीने इसके भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो थे। हल्दी का निर्यात आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर में ज्यादा होता है जबकि इसी समय मसाला कंपनियों की मांग भी बढ़ जाती है जिससे भाव में सुधार आ सकता है।........आर एस राणा

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