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07 जुलाई 2016

बारिश में देरी, गुजरात में कम हुई बुआई


गुजरात में मॉनसून के देर से पहुंचने का बुरा असर फसलों की बुआई पर दिख रहा है। अब तक पिछले साल इस समय के मुकाबले सिर्फ एक तिहाई बुआई ही हो पाई है। जिन फसलों की बुआई घटी है, उनमें कपास, मूंगफली और दालें भी शामिल हैं।  आम तौर पर गुजरात में जून के मध्य तक मॉनसून पहुंच जाता है लेकिन इस साल राज्य में बारिश जून के आखिरी हफ्ते में शुरू हुई। इससे राज्य में फसलों की बुआई काफी प्रभावित हुई है। गुजरात में अभी तक सिर्फ 15 लाख हेक्टेयर से कुछ ज्यादा जमीन में फसलों की बुआई हुई है जबकि पिछले वर्ष अब तक करीब 42.5 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई जा चुकी थीं। इस सीजन में राज्य में धान, बाजरा, मक्का, अरहर, मूंग और उड़द, कपास और मूंगफली की खेती की जाती है।  गुजरात सरकार की चिंता खास कर खाने-पीने की चीजों की कम बुआई को लेकर ज्यादा है। एक तरफ उनका जोर अरहर, उड़द और मूंगफली जैसी चीजों की ज्यादा बुआई पर था वहीं पर इन चीजों की बुआई एक तिहाई होने से सरकार की चिंता बढ़ी है। हालांकि सरकार का कहना है कि बारिश करीब 15 दिन देरी से आई है लेकिन जैसे ही बारिश बढ़ेगी बुआई के आंकड़े भी बढ़ जायेंगे।  गुजरात में आम तौर पर 86 से 87 लाख हेक्टेयर जमीन में खरीफ फसलों की बुआई होती है। यानी अभी राज्य में कुल जमीन के 17.5 फीसदी इलाके पर ही फसलें लग पाई हैं। आने वाले दिनों में बुआई बढ़ने की उम्मीद तो है, लेकिन इसका दारोमदार काफी हद तक अच्छी बारिश पर ही टिका है।

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