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20 जुलाई 2016

राजस्थान में खरीफ फसलों की बुवाई पिछड़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। जहां देष के अधिकांष राज्यों में चालू खरीफ में अभी तक सामान्य से ज्यादा मानसूनी बारिष हुई है वहीं राजस्थान के कुछ जिलों में बारिष की कमी का असर फसलों की बुवाई पर पड़ रहा है। राज्य में ग्वार की बुवाई सबसे ज्यादा कम क्षेत्रफल में हुई है। राज्य सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्य के मुकाबले अभी तक आधे क्षेत्रफल में ही खरीफ फसलों की बुवाई हो पाई है।
राज्य के कृषि मंत्रालय के अनुसार 15 जुलाई तक राज्य में केवल 86.70 लाख हैक्टेयर में ही फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि राज्य सरकार ने चालू खरीफ में 159.57 लाख हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य तय किया है। हालांकि माना जा रहा है कि बुवाई ने जोर पकड़ा है तथा आगामी दिनों में अन्य के अन्य जिलों मंे बारिष होने से बुवाई लक्ष्य तक पहुंच जायेगी। राज्य में ग्वार की बुवाई अभी तक सामान्य के मुकाबले केवल 24.9 फीसदी ही हो पाई है।
राज्य के कृषि विभाग के अनुसार राज्य में किसान मूंग, सोयाबीन, बाजरा, ज्वार और मूंगफली की फसलों की बुवाई को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं जबकि ग्वार की बुवाई की तरफ कम रुझान है। इसीलिए ग्वार सीड की बुवाई काफी कम क्षेत्रफल में हुई है। किसान ग्वार के बजाय दलहनी फसलों की बुवाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। अभी तक राज्य के पष्चिमी क्षेत्र में मानसूनी ने जोर नहीं पकड़ा है।
अभी तक राज्य में मूंग की बुवाई 74.6 फीसदी, मोठ की 26 फीसदी, उड़द की 99.7 फीसदी, चौला की 88 फीसदी और ज्वार की बुवाई 75.4 फीसदी हो चुकी है। इसके अलावा बाजरा की बुवाई 52.2 फीसदी, मक्का की 93.1 फीसदी, मूंगफली की 75.4 फीसदी, सोयाबीन की 84.4 फीसदी और कपास की बुवाई 78.9 फीसदी पूरी हो चुकी है।........आर एस राणा

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