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15 दिसंबर 2015

घरेलू मांग निकलने से सोयाबीन की गिरावट रुकने की संभावना


आर एस राणा
नई दिल्ली। खली में निर्यात मांग कमजोर होने से सोयाबीन की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है। हालांकि सप्ताहभर से सोया खली में दक्षिण भारत की मांग निकलनी षुरु हो गई है जिससे सोयाबीन की कीमतों में चल रही गिरावट रुकने की संभावना है। मंगलवार को मध्य प्रदेष की मंडियों में सोयाबीन के दाम 3,500 से 3,600 रुपये, कोटा में 3,300 से 3,650 रुपये और लातूर में 3,700 से 3,780 रुपये प्रति क्विंटल रहे। इंदौर में मंगलवार को सोया रिफाइंड तेल का भाव 635 से 638 रुपये प्रति 10 किलो रहा।
जानकारों के अनुसार सोया खली में निर्यात मांग तो अभी भी कमजोर है लेकिन दक्षिण भारत की मांग निकलनी षुरु हो गई है जिससे सोयाबीन की कीमतों में गिरावट रुकने का अनुमान है। सर्दियों का सीजन होने के कारण आगामी दिनों में दक्षिण भारत के साथ ही उत्तर भारत के पोल्ट्र निर्माताओं की मांग भी सोया खली में और बढ़ने का अनुमान है जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ेगा।
चालू खरीफ में सोयाबीन की पैदावार में कमी आने का अनुमान है लेकिन सोया खली की निर्यात मांग में भारी कमी के चलते इसकी कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है। सोया खली के भाव भारतीय बंदरगाह पर 32,000 से 32,600 रुपये प्रति टन चल रहे हैं। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (एसईए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 8 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान देष से केवल 55,889 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि मं 2,50,904 टन सोया खली का निर्यात हुआ था।
सोया खली के निर्यात सौदे नवंबर में 489 डॉलर प्रति टन भारतीय बंदरगाह पर हुए थे लेकिन अक्टूबर में इसके सौदे 511 डॉलर प्रति टन की दर से हुए थे। ब्राजील, अर्जेंटीना और अमेरिका की सोया खली भारत के मुकाबले सस्ती है जिसकी वजह से भारत से इस बार निर्यात में भारी गिरावट आई है।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ में सोयाबीन की पैदावार 118.32 लाख टन होने का अनुमान है हालांकि जानकारों की मानें तो पैदावार 100 लाख टन से भी कम ही रहेगी।........आर एस राणा

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