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18 नवंबर 2015

आभूषण निर्यात में आई गिरावट


इन दिनों भारतीय आभूषण निर्यातकों के लिए सबसे बड़ी चिंता क्रिसमस सीजन के दौरान विदेशों से मिलने वाले ऑर्डर में 25 फीसदी गिरावट आई है, वैश्विक आर्थिक मंदी और सोने की कीमतों में और गिरावट की उम्मीद में नई खरीद थम जाने की वजह से यह गिरावट देखने को मिली है। सोने की कीमतों में भारी गिरावट के मद्देनजर भारतीय आभूषण विनिर्माताओं को अमेरिका में आर्थिक वातावरण में हो सुधार की खबरों के बीच सकारात्मक क्रिसमस सीजन की उम्मीद थी। पूरी दुनिया में होने वाले आभूषण उत्पादन के करीब एक तिहाई हिस्से का उपभोग अमेरिका में होता है जिसमें भारत की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। क्रिसमस सीजन की शुरुआत नवंबर के आखिरी सप्ताह में में थैंक्स गिविंग समारोह से होती है और यह नए साल तक जारी रहता है। पांच हफ्तों तक चलने वाले इस सीजन की कुल बिक्री में हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है और इस सीजन में ही शेष बचे सीजन का रुझान भी तय हो जाता है और इसलिए इस सीजन पर दुनिया भर के आभूषण विक्रेताओं की नजर लगी रहती है। जेम्स ऐंड ज्वैलरी एक्सपोट्र्स प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन प्रवीण शंकर पंड्या ने कहा, 'आभूषण निर्यात ऑर्डरों की आवक सामान्य के मुकाबले 75 फीसदी रह गई है जिसका सीधा आशय यह है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इसमें 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा रही है।
पूरी दुनिया से ऑर्डरों की आवक में गिरावट है। हालांकि अमेरिका में कुछ हद तक सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन दुनिया के बाकी हिस्सों में ऑर्डर की आवक में कमी आई है और इसकी वजह आर्थिक मंदी है। आर्थिक तंगी के दौर में सबसे पहले लग्जरी क्षेत्र पर असर पड़ता है जिससे भारतीय निर्यातक प्रभावित होते हैं।' दरअसल विदेशी बाजारों से आभूषणों की मांग में कमी जीजेईपीसी द्वारा पेश किए गए सात महीनों के आंकड़ों में देखने को मिली है। अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कुल आभूषण निर्यात 13 फीसदी घटकर 1,80,930 करोड़ डॉलर का रहा गया।
दुनिया में पैदा होने वाले प्रत्येक 13 हीरों में से 11 का प्रसंस्करण करने वाले भारतीय आभूषण विक्रेता अपने कारोबारी फैसलों पर फिर से विचार कर रहे हैं। अच्छे क्रिसमस सीजन की उम्मीद पाले भारतीय आभूषण विक्रेताओं ने अपना कच्चा माल खरीद बंद कर दिया है। परिणामस्वरूप कच्चे और पॉलिश वाले हीरों का आयात अप्रैल-अक्टूबर के दौरान करीब 30 फीसदी घटकर 1,37,390 लाख डॉलर रह गया। दिलचस्प बात यह है कि पूरी दुनिया में आभूषणों की मांग कम हो गई जबकि अमेरिका में तेजी देखने को मिल रही है।
गीतांजलि जेम्स के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी ने कहा, 'मध्यम आकार के आभूषणों के ऑर्डरों के लिहाज से अमेरिका में मामूली वृद्घि दर्ज की गई है, मांग यूरोप और सुदूर पूर्व के बाजारों में कमजोर बनी हुई है।' दरअसल सोने और बहुमूल्य रत्नों की गिरती कीमतों से वैश्विक आभूषण खरीदार सोना खरीदने के लिए प्रेरित नहीं हो रहे हैं। सोने और कच्चे हीरे दोनों की कीमतों में पिछले एक महीने में करीब 5-10 फीसदी गिरावट आई है। हीरे का प्रसंस्करण करने वालों और डीलरों ने इसी अनुपात में पॉलिश वाले हीरों की कीमत में भी कटौती कर दी है।  (BS hindi)

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