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02 नवंबर 2015

मिलों की मांग से चना की कीमतों में तेजी


प्रारंभिक चरण में चने की पिछले साल की तुलना में 15 फीसदी ज्यादा
आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल एवं बेसन मिलांे की मांग से चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। पिछले दो-तीन दिनों से चना की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। त्यौहारी सीजन को देखते हुए दाल एवं बेसन मिलों की मांग अभी जारी रहेगी, जबकि चना की उपलब्धता इस समय उत्पादक मंडियों में मांग के मुकाबले कम है। ऐसे में उत्पादक मंडियों में चना की कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है।
गुजरात की राजकोट मंडी में चना के भाव 4,900 से 5,450 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 40 टन की हुई। राजस्थान की जयपुर मंडी में चना के भाव 4,400 से 4,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 2.3 टन की हुई। उत्तर प्रदेष की झांसी मंडी में चना के भाव 4,700 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 2 टन की हुई।
चना की बुवाई का सीजन चल रहा है। कृषि मंत्रालय के अनुसार अभी चना की बुवाई 17.47 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा है। जानकारों के अनुसार कर्नाटक में चना की बुवाई ज्यादा हुई है तथा अन्य राज्यों में बुवाई पर खेतों में नमी कम होने का असर पड़ सकता है। वैसे भी चना दाल अन्य दालों की तुलना में सस्ती है साथ ही नई फसल की आवक बनने में अभी करीब चार से पांच महीने का समय बचा हुआ है इसलिए मांग अभी अच्छी रहने का ही अनुमान है।
रबी में चना की पैदावार में भारी कमी आई थी, साथ ही फसल की कटाई के समय बेमौसम बारिष से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता के साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित हुई थी। हालांकि आस्ट्रेलिया से चना का आयात अच्छा हो रहा है, साथ ही अनुकूल मौसम से आस्ट्रेलिया में चना की पैदावार भी पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन भारत की आयात मांग ज्यादा होने से आस्ट्रेलियाई चना के भाव भी तेज बने हुए है।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2014-15 में चना की पैदावार घटकर 71.7 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 95.3 लाख टन की हुई थी।........आर एस राणा

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