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23 सितंबर 2015

मसाला कंपनियों की मांग घटने से हल्दी में गिरावट


आर एस राणा
नई दिल्ली। हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों में बारिश हुई है जिससे हल्दी की नई फसल को फायदा हुआ है। इसीलिए हल्दी में मसाला कंपनियों की मांग कमजोर रही, जिससे भाव में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग ने हल्दी उत्पादक राज्यों में और बारिश होने की भविष्यवाणी की हुई है, ऐसे में आगामी दिनों में उत्पादक राज्यों में होने वाली बारिश का असर हल्दी की कीमतों पर पड़ेगा। आंध्रप्रदेश की निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 7,600 रुपये, इरोड़ मंडी में हल्दी के भाव 7,200 रुपये और नानंदेड में 8,000 से 8,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
चालू सीजन में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल से कम हुई थी, लेकिन नई फसल की आवक के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ था इसलिए हल्दी की कुल उपलब्धता देष में सालाना खपत से ज्यादा ही है।
इस समय खाड़ी देशों की आयात मांग भी हल्दी में आनी शुरु हो गई है त्यौहारी सीजन को देखते उत्तर भारत के राज्यों की मांग भी बढ़ी है इसलिए जिन किसानों के पास हल्दी का स्टॉक है वह उत्पादक राज्यों में मौसम के साथ ही मंडियों में हल्दी के भाव पर नजर रखेंगे तो हल्दी बेचने के लिए बेहतर रणनीति बना सकेंगे। हल्दी की नई फसल आने में अभी करीब 6 महीने बचे हुए हैं, हल्दी की नई फसल की आवक फरवरी महीने में बनेगी।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के दौरान हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था। मसाला बोर्ड ने वित वर्ष 2014-15 में हल्दी के निर्यात का लक्ष्य 80,000 टन का रखा था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसके भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो थे।

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