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28 सितंबर 2015

निर्यातकों की मांग से इलायची में रुकेगी गिरावट

निर्यातकों की मांग से इलायची में रुकेगी गिरावट
आर एस राणा
नई दिल्ली। ईद की छूट्टिया समाप्त होने के बाद अब इलायची में साउदी अरब के साथ ही अन्य खाड़ी देषों की आयात बढ़ेगी, ऐसे में नीलामी केंद्र पर आवक बढ़ने के बावजूद भी इलायची की कीमतों में चल रही गिरावट रुकने की संभावना है। नीलामी केंद्रों पर साप्ताहिक इलायची की आवक बढ़कर 6 से 7 लाख किलो की हो गई है।
साउदी अरब के साथ ही अन्य खाड़ी देषों की आयात मांग इलायची में बढ़ेगी, सूत्रों के अनुसार जून-जुलाई में देष से करीब 400 टन इलायची का निर्यात हो चुका है। मौजूदा मांग को देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2015-16 में इलायची के निर्यात में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। विष्व बाजार में भारतीय इलायची का भाव 1.98 डॉलर प्रति किलो है। ग्वाटेमाला के पास बोल्ड किस्म की इलायची का स्टॉक कम है जबकि ग्वाटेमाला में नई इलायची की फसल दिसंबर महीने में आयेगी। ऐसे में अगले 2-3 महीनों में भारत से निर्यात में और भी बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
चालू फसल सीजन में देष में इलायची की पैदावार पिछले साल की तुलना में ज्यादा होने का अनुमान है। तीसरी तुड़ाई षुरु होने के कारण बोल्ड क्वालिटी की इलायची की आवक निलामी केंद्रों पर ज्यादा हो रही है।
त्यौहारी सीजन के कारण उत्तर भारत की मांग इलायची में बढ़ेगी, साथ ही निर्यात मांग को देखते हुए मौजूदा कीमतों में और गिरावट की संभावना कम है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार नीलामी केंद्रों पर इलायची की दैनिक आवक 56,803 किलो की हुई तथा भाव 632 से 984 रुपये प्रति किलो क्वालिटीनुसार रहे।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 में देष से 4,460 टन इलायची का निर्यात हुआ है। वित्त वर्ष 2013-14 में देष से 4,710 टन इलायची का निर्यात हुआ था।......आर एस राणा

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