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07 जुलाई 2015

आयातित दलहन की कीमतों में तेजी, घरेलू मंडियों में भी बढ़े भाव


दलहन की कीमतों पर अंकुष के लिए राज्यों को दिए अधिकार
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान नई दिल्ली में राज्यों के खाद्य मंत्रियों से दलहन की कीमतों पर नकेल लगाने की मांग कर रहे थे लेकिन दूसरी और आयात के साथ ही घरेलू दालों की कीमतों में मंगलवार को तेजी देखी गई। घरेलू बाजार में जहां दालों की कीमतों में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई वहीं आयातित दालों की कीमतों में भी 5 से 20 डॉलर प्रति टन का इजाफा हुआ।
दलहन आयातक कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत की आयात मांग बढ़ने से आयातित दलहन की कीमतों में तेजी आई है। म्यंमार से आयातित लेमन अरहर के भाव में 20 डॉलर की तेजी आकर मुंबई पहुंच भाव 1,175 डॉलर प्रति हो गए। एफएक्यू उड़द के भाव 1,160 डॉलर, एसक्यू उड़द के 1,200 डॉलर प्रति हो गए। उड़द की कीमतों में 5 डॉलर प्रति टन की तेजी दर्ज की गई। अन्य दालों में मूंग पेड़ीसेवा के भाव 1,240 डॉलर, मूंग अन्नासेवा के भाव 1,230 डॉलर तथा राजमा पॉलिस के भाव 780 डॉलर प्रति टन रहे। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव बढ़कर मुंबई में 4,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दलहन कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि मंगलवार को उत्पादक राज्यों में भी दालों की कीमतों में 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। इंदौर मंडी में उड़द की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 7,600 रुपये, मूंग की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आकर भाव 6,500 रुपये, मसूर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,675 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। गुलबर्गा मंडी में चना के भाव 4,525 रुपये, अरहर के भाव 7,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि अकोला मंडी में अरहर के भाव 7,400 रुपये, उड़द 7,200 से 7,400 रुपये, मूंग के 6,000 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दलहन व्यापारी रजनीष मित्तल ने बताया कि इस समय बेसन में मांग अच्छी बनी हुई है जबकि चालू महीने के आखिर तक दालों की मांग में भी बढ़ोतरी होगी। चालू सीजन में घरेलू दलहन की पैदावार में कमी आई है जबकि आयातित दालों के भाव उंचे बने हुए हैं। इसलिए आगामी दिनों में दालों की कीमतों में तेजी की ही संभावना है। हालांकि राजस्थान में राज्य सरकार ने दलहन पर स्टॉक लिमिट लगा रखी है, तथा केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को नई दिल्ली में राज्यों के खाद्य मंत्रियों से दलहन की कीमतों पर अंकुष लगाने के लिए जरुरी कदम उठाने को कहां। उन्होंने पत्रकारों से कहां कि राज्यों को दालों की कीमतों को काबू में रखने के लिए राज्यों को अधिकार दे दिए। मिततल ने बताया आयात पड़ता ही महंगा हो तो फिर भाव में गिरावट कैसे आ पायेगी।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आंरभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में दलहन की पैदावार घटकर 173.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2013-14 में देष में रिकार्ड 192.5 लाख टन दालों की पैदावार हुई थी।...............आर एस राणा

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