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20 जुलाई 2015

अप्रैल-मई में दलहन आयात में 16 फीसदी की हुई बढ़ोतरी


आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में दालों के आयात में 16 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 5.9 लाख टन का हो चुका है। चालू खरीफ में मानसूनी बारिष कम होने की आषंका के कारण आयातक ज्यादा आयात सौदे कर रहे हैं हालांकि आयात बढ़ने के बावजूद भी घरेलू बाजार में दालों की कीमतें उंची ही बनी हुई हैं।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले दो महीनों अप्रैल से मई के दौरान 5.9 लाख टन दालों का आयात हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5.1 लाख टन दालों का आयात हुआ था। वित्त वर्ष 2014-15 में देष में दालों का रिकार्ड आयात 45.8 लाख टन का हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में 31.7 लाख टन दालों का आयात ही हुआ था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चालू खरीफ में मानसनी बारिष कम होने की आषंका जताई है जिसका दलहन की पैदावार पर पड़ सकता है।
आस्ट्रेलिया से आयातित चने के भाव मुंबई में सोमवार को 4,625 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि आयातित उड़द के भाव 7,650 रुपये, लेमन अरहर के भाव 7,350 रुपये, मसूर के भाव 6,600 से 6,850 रुपये कनाडा की पीली मटर के भाव 2,521 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
कृषि मंत्रालय के अनुसार जून महीने में हुई बारिष से खरीफ में दलहन की बुवाई बढ़कर 55.99 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल 23.92 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जून महीने में तो बारिष अच्छी हुई थी लेकिन जुलाई महीने में मध्य प्रदेष, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात और कर्नाटका के कुछ हिस्सों में बारिष कम हुई है जबकि खरीफ में इन राज्यों में दालों की पैदावार सबसे ज्यादा होती है।
मानसून कमजोर रहने के कारण ही फसल सीजन 2014-15 में देष में दालों की पैदावार घटकर 173.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले सीजन 2013-14 में रिकार्ड पैदावार 192.5 लाख टन की हुई थी। दालों का सबसे ज्यादा उत्पादन तो भारत में होता ही है साथ ही इसकी सबसे ज्यादा खपत भी हमारे यहां ही होती है इसलिए हमें हर साल म्यांमार, कनाडा, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, तंजानिया और टर्की से बड़े पैमाने पर दालों का आयात करना पड़ता है। दलहन में सबसे ज्यादा आयात मटर, अरहर, उड़द और चना तथा मूंग और राजमा का होता है।........आर एस राणा

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