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02 जून 2015

स्टॉकिटों की सक्रियता से मैंथा तेल की कीमतों में तेजी


आर एस राणा
नई दिल्ली। मेंथा तेल की नई फसल की आवकों का दबाव चालू महीने के मध्य तक उत्पादक मंडियों में बन जायेगा। हालांकि चालू सीजन में मेंथा की बुवाई पिछले साल की तुलना में कम हुई है लेकिन नई फसल को देखते हुए इस समय निर्यात सौदे भी नहीं के बराबर हो रही है। इसके बावजूद भी मैंथा तेल में स्टॉकिस्टों की सक्रियता बनी हुई है जिससे सप्ताहभर में ही उत्पादक मंडियों में 80 से 90 रुपये की तेजी आकर मेंथा तेल के भाव 1,080 से 1,090 रुपये प्रति किलो हो गए।
मैंथा तेल के निर्यातक जुगल किशोर ने बताया कि मैंथा उत्पादों में निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है। नई फसल को देखते हुए आयातक इंतजार करो ओर देखों की नीति अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में मैंथा की बुवाई में तो कमी आई है जिससे पैदावार पिछले साल की तुलना में कम रहेगी, लेकिन एक तो उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक बचा हुआ है दूसरा स्ंिथेटिक तेल की मांग बढ़ने से मैंथा तेल की मांग भी कम हुई है। ऐसे में इस समय स्टॉकिस्टों की सक्रियता बनी हुई है जिससे भाव में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि निर्यातकों ने पिछले महीने क्रिस्टल बोल्ड के निर्यात सौदे 20 डॉलर प्रति टन की दर से कर रखे थे जबकि इस समय कोई नए सौदे नहीं हो रहे हैं।
मेंथा कारोबारी अनुराग रस्तोगी ने बताया कि चालू महीने के मध्य तक उत्पादक मंडियों में मैंथा तेल की आवक का दबाव बन जायेगा। हालांकि उत्पादक क्षेत्रों में मौसम खराब होने से फसल को नुकसान भी हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले साल देश में 50,000 टन मैंथा तेल का उत्पादन हुआ था जबकि चालू सीजन में इसमें 8 से 10 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। उत्पादक मंडियों में इस समय मैंथा तेल की दैनिक आवक 300 से 350 ड्रम (एक ड्रम-180 किलो) की आवक हो रही है। चंदौसी मंडी में मंगलवार को मैंथा तेल का भाव 1,090 रुपये और संभल मंडी में 1,080 रुपये प्रति किलो रहा। क्रिस्टल बोल्ड का भाव 1,100 से 1,150 रुपये प्रति किलो रहा।
मैंथा व्यापारी फूलप्रकाश ने बताया कि पिछले दो-तीन सालों से कई बड़ी नामी कंपनियों स्थिेंटिक मैंथा उत्पादों का उपयोग ज्यादा कर रही है क्योंकि स्थिेंटिक मैंथा उत्पादों की उत्पादन लागत काफी कम है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान मैंथा उत्पादों के निर्यात में 11 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 21,700 टन का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 19,546 टन का हुआ था।.....आर एस राणा

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