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05 जून 2015

खली निर्यात में 36 फीसदी की भारी गिरावट

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित वर्ष के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में देष से खली के निर्यात में 36 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 2,65,859 टन का ही हो पाया है। भारतीय बंदरगाह पर खली की कीमतें मई महीने में बढ़ी है जबकि विष्व बाजार में नीचे बने हुए हैं।
साल्वेंट एक्सट्रेक्षन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार मई महीने में खली के निर्यात में अभी तक की सबसे बड़ी कमी आई है। मई महीने में देष से 83,221 टन खली का ही निर्यात हो पाया है जबकि पिछले साल मई महीने में इसका निर्यात 1,69,607 टन का हुआ था। चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले दो महीनों में देष से 2,65,859 टन खली का ही निर्यात हो पाया है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 4,18,052 टन खली का निर्यात हुआ था।
एसईए के अनुसार घरेलू बाजार में सोयाबीन के दाम उंचे बने हुए हैं जिसकी वजह से प्लांटों को सोया खली के निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं। विष्व बाजार में सोया खली के दाम नीचे है। सोया खली की कीमतें बढ़कर मई महीन में भारतीय बंदरगाह पर 592 डॉलर प्रति टन हो गई जबकि अप्रैल महीने में इसके भाव 515 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से सरसों खली के भाव इस दौरान 271 डॉलर से बढ़कर 300 डॉलर प्रति टन हो गए। मूंगफली खली की कीमतें 460 डॉलर से बढ़कर 463 डॉलर और केस्टर खली के भाव 106 डॉलर से बढ़कर 109 डॉलर प्रति टन हो गए।
अप्रैल और मई में खली की आयात मांग में सबसे ज्यादा कमी थाइलैंड की 73.23 फीसदी, ईरान की 85.66 फीसदी और ताइवान की 53.66 फीसदी तथा वितयनाम की 44.02 फीसदी रही है। हालांकि ओमान और म्यंमार की आयात मांग इस दौरान बढ़ी है। ......आर एस राणा

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