कुल पेज दृश्य

03 जून 2015

चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 22,000 करोड़ हुआ


चालू पेराई सीजन में चीनी उत्पादन 283 लाख टन होने का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ना किसानों की मुष्किल कम होने के बजाए और बढ़ रही है। चालू पेराई
सीजन में अभी तक चीनी मिलों पर गन्ना किसानों को बकाया बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। चालू पेराई सीजन 2014-15 में देष में चीनी का उत्पादन बढ़कर 283 लाख टन होने का अनुमान है जबकि 31 मई तक देष में 279.57 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है तथा अभी भी 19 चीनी मिलों में पेराई चल रही है।
इंडियन षुगर मिल्स एसोसिएषन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 31 मई 2015 तक देष में 279.57 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 240.49 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन बढ़कर 104 लाख टन का हो चुका है जबकि उत्तर प्रदेष में 70.9 लाख टन और कर्नाटका में 48.99 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
इस्मा के अनुसार पिछले सीजन की तुलना में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 28 लाख टन, उत्तर प्रदेष में 6 लाख टन और कर्नाटका में 8 लाख टन चीनी का उत्पादन ज्यादा हुआ है। देष में 2006-2007 में चीनी का रिकार्ड उत्पादन 283.61 लाख टन का हुआ था।
चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर 22,000 करोड़ को पार कर गया है जिससे किसानों की मुष्किले और बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने किसानों के बकाया भुगतान के लिए चीनी मिलों को 14 लाख टन के रॉ-षुगर पर 4,000 रुपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव घोषित कर रखा है लेकिन विष्व बाजार में दाम कम होने के कारण रॉ-षुगर का निर्यात भी सीमित मात्रा में ही हो रहा है। चालू पेराई सीजन में व्हाईट और रॉ-षुगर को मिलाकर कुल 5.58 लाख टन का ही निर्यात हुआ है इसमें भी सरकार द्वारा रॉ-षुगर के निर्यात पर इनसेंटिव घोषित करने के लिए 3 लाख टन रॉ-षुगर का ही निर्यात हुआ है। केंद्र सरकार ने चीनी के आयात को रोकने के लिए आयात षुल्क को 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया है।.....आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: