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04 मई 2015

आयात पड़ते महंगे होने से दालों की कीमतों में भारी तेजी


आर एस राणा
नई दिल्ली। आयात पड़ते मंहगे होने होने से दालों की कीमतों में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। सोमवार को दिल्ली में चना के भाव बढ़कर 4,600 रुपये और उड़द के भाव बढ़कर 8,000 से 8,200 रुपये, अरहर के भाव 7,000 से 7,300 रुपये और मसूर के भाव बढ़कर 7,200 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दलहन के थोक कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि आयात पड़ते महंगे होने से दालों की कीमतों में एकतरफा तेजी बनी हुई है। हालांकि उंचे भाव में दालों की खपत में कमी आने का अनुमान है। वैसे भी मई-जून में दालों की खपत कम रहती है लेकिन घरेलू पैदावार में कमी आने के कारण इस समय स्टॉकिस्टों खरीद बराबर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि मुंबई से आयातित चने के भाव बढ़कर मुंबई में 4,550 रुपये, उड़द के भाव बढ़कर 8,150 रुपये और लेमन के भाव बढ़कर 7,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। केनेडियन मसूर के भाव बढ़कर मुंबई में 5,300 से 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दलहन व्यापारी संजीव गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में रबी दलहन की बुवाई में कमी आने से पैदावार तो कम होने का अनुमान है ही साथ ही प्रतिकूल मौसम से चना की फसल को नुकसान भी हुआ है। इसलिए स्टॉकिस्टों की खरीद बनी हुई है। उन्होंने बताया कि उंचे भाव में स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली से भाव में आंषिक गिरावट तो आ सकती है लेकिन फिर तेजी आने का ही अनुमान है।
कृशि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में दालों की पैदावार 129.3 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल पैदावार 137.9 लाख टन हुई थी। फसल सीजन 2014-15 में दालों की पैदावार 184.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 197.8 लाख टन की पैदावार हुई थी। पैदावार में कमी आने के कारण ही वित वष 014-15 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी के दौरान 41 लाख टन दालों का आयात भी हो चुका है।......आर एस राणा

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