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15 अप्रैल 2015

चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय को लिखेंगे-पासवान


किसान संगठनों ने चीनी मिलों के बजाए सीधे किसान को इनसेंटिव देने की मांग की
आर एस राणा
नई दिल्ली। खाद्य मंत्रालय चीनी पर आयात शुल्क को बढ़कर 45 फीसदी करने के लिए वित्त मंत्रालय को लिखेगा। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने किसान संगठनों से मुलाकात के बाद कहां कि चीनी मिलों पर किसानों के बकाया का बोझ लगातार बढ़ रहा है जिसके हल के लिए किसान संगठनों से मिलें सुझाव पर विचार-विमर्श किया जायेगा। गन्ना के बकाया भुगतान के लिए 16 अप्रैल को खाद्य मंत्री प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी बैठक करेंगे।
उन्होंने बताया कि चालू सीजन में चीनी का उत्पादन सालाना खपत से ज्यादा होने का अनुमान है। देश में चीनी का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक मौजूद है इसलिए चीनी के आयात शुल्क में बढ़ोतरी की जाए। उन्होंने बताया कि इस समय आयातित चीनी पर 25 फीसदी आयात शुल्क है इसे बढ़ाकर 45 फीसदी करने के लिए वित्त मंत्री से बात करेंगे।
इस अवसर पर किसान संगठनों ने खाद्य मंत्री से मांग की है कि केंद्र सरकार चीनी मिलों को इनसेंटिव देने के बजाए सीधे किसान को ही इनसेंटिव दे। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने चालू पेरेाई सीजन में 14 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर चीनी मिलों को 4,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से इनसेंटिव देने की घोषणा की हुई है। हालांकि यह अलग बात है कि विदेशी बाजार में दाम नीचे होने के कारण रॉ-शुगर का निर्यात सीमित मात्रा में ही हो रहा है।
किसान संगठनों ने खाद्य मंत्री से गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में भी बढ़ोतरी करने की मांग की है, साथ ही उन्होंने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की भी मांग की है। केंद्र सरकार 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनायेगी, तो चीनी मिलें किसानों को जल्द भुगतान कर पायेंगी। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों पर करीब 17,000 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है।......आर एस राणा

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