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11 अप्रैल 2015

कॉफी निर्यात 8.5 फीसदी घटकर 2,83,929 टन रहा

कॉफी का घरेलू उत्पादन रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के बावजूद मार्च, 2015 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान भारत का कॉफी निर्यात 8.5 फीसदी गिरकर 2,83,929 टन रहा। वर्ष 2013-14 के दौरान भारत ने 3,10,471 टन कॉफी का निर्यात किया था। निर्यात में गिरावट की मुख्य वजह इस साल जनवरी से मार्च के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें गिरना है। मूल्य के लिहाज से निर्यातकों की आमदनी 3.7 फीसदी बढ़कर 4,906 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष में 4,729 करोड़  रुपये थी। उनकी प्रति इकाई औसत आमदनी 13.4 फीसदी बढ़कर 1,72,783 रुपये प्रति टन रही, जो पिछले वित्त वर्ष में 1,52,306 रुपये प्रति टन रही। डॉलर के लिहाज से आमदनी 1.9 फीसदी बढ़कर 80.3 करोड़ डॉलर रही, जो पिछले वित्त वर्ष में 78.8 करोड़ डॉलर थी। निर्यातकों ने कहा कि हालांकि उद्योग ने वित्त वर्ष 2015 में गिरावट की संभावना जताई थी, लेकिन इस साल बेहतर उत्पादन के कारण फीसदी गिरावट ज्यादा नहीं रही।

कॉफी निर्यातक संघ के अध्यक्ष रमेश राजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'पिछले साल भी निर्यात कम रहा था। हमने सोचा था कि ज्यादा उत्पादन के कारण वित्त वर्ष 2015 में निर्यात बेहतर रहेगा। लेकिन ब्राजील में आगामी सीजन में उत्पादन बढऩे की खबरों के बाद जनवरी से मार्च के दौरान कीमतों में अचानक गिरावट आई है, जिससे पूरे वित्त वर्ष के दौरान निर्यात कम रहा।' उन्होंने कहा कि आगे भी कीमतों में ज्यादा तेजी आने की उम्मीद नहीं है। ब्राजील में 'ऑफ ईयर' होने के बावजूद जून से शुरू हो रहे कॉफी वर्ष में ज्यादा उत्पादन के आसार हैं और वर्ष 2016 में ब्राजील में और ज्यादा उत्पादन के अनुमानों से वर्ष 2015 के शेष महीनों के दौरान कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद धुंधली पड़ गई हैं। निर्यातक संभावना जता रहे हैं कि अगली तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान वैश्विक स्तर पर कीमतों में 5 से 10 फीसदी गिरावट और आएगी। जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान बीन कीमतों में गिरावट का रुझान रहा। अरेबिका की कीमतें 30 फीसदी गिरकर 125 सेंट प्रति पाउंड पर आ गईं, जो अक्टूबर, 2014 में 180 सेंट प्रति पाउंड थीं।

ब्राजील की मौसमी स्थितियों में सुधार से भी बिकवाली का दबाव बढ़ा है। कर्नाटक में फार्म गेट कीमतें जनवरी की शुरुआत से 20 से 22 फीसदी गिरी हैं। कर्नाटक देश के कॉफी उत्पादन में 70 फीसदी योगदान देता है। अरेबिका की कीमतें 11,000 रुपये प्रति बैग (50 किलोग्राम) से गिरकर 8,750 रुपये प्रति बैग पर आ गई हैं। रोबस्टा की कीमतें 20 फीसदी गिरकर 2,800 रुपये प्रति बैग पर आ गई हैं, जो दिसंबर और जनवरी में 3,500 रुपये प्रति बैग थीं। इससे चौथी तिमाही में निर्यात 13.7 फीसदी गिरकर 84,258 टन पर आ गईं, जो पिछले साल 97,684 टन था। भारतीय कॉफी के लिए प्रमुख बाजार इटली, जर्मनी, तुर्की और रूसी संघ बने हुए हैं। देश में शीर्ष पांच निर्यातक सीसीएल प्रॉडक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड, अमैल्गमैटिड बीन कॉफी ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड, अल्लानासंस प्राइवेट लिमिटेड और टाटा कॉफी लिमिटेड हैं। BS Hindi

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