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14 फ़रवरी 2015

एनएमसीई में नीलामी ट्रेडिंग 26 फरवरी से

अहमदाबाद स्थित नैशनल मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) 26 फरवरी को रबर में नीलामी-आधारित वायदा कारोबार के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके कुछ दिन बाद एक्सचेंज अरंडी और सरसों में भी वायदा अनुबंध शुरू करेगा। इन अनुबंधों की सफलता के आधार पर यह इस तरह के कारोबार का विस्तार अन्य कृषि जिंसों में भी करेगा। एक्सचेंज ने इस तरह के जिंसों की संख्या बढ़ा कर 23 किए जाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए उसे वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) से मंजूरी मिल चुकी है।

जहां अन्य एक्सचेंजों पर मौजूदा वायदा अनुबंधों को 'ऑर्डर मैचिंग सिस्टम' के जरिये पूरा किए जाने की अनुमति होती है वहीं एनएमसीई पर वायदा सेगमेंट के अनुबंधों के लिए खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए रियल प्राइस डिस्कवरी के लिए अनुमति होगी। एनएमसीई के प्रबंध निदेशक अनिल मिश्रा ने कहा, '26 फरवरी को रबर के साथ वायदा सेगमेंट में पहला अनुबंध शुरू किए जाने के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और मानव श्रम को प्रशिक्षित किए जाने जैसे कार्य चल रहे हैं। इसके बाद इसकी शुरुआत अरंडी बीज और सरसों और फिर बाद में इनकी सफलता के आधार पर अन्य जिंसों में भी की जाएगी।'
 
एनएमसीई सभी सेगमेंटों के कारोबारियों के लिए अनुकूल तीन तरह के अनुबंध शुरू कर रहा है। इनमें उत्पादकों के लिए, खरीदारों के लिए और स्वतंत्र कारोबारियों के लिए अनुबंध शामिल हैं। उत्पादों के लिए अनुबंध के तहत एक्सचेंज उन्हें मात्रा, डिलीवरी के स्थान और व्यापार की निर्धारित अवधि के लिए गुणवत्ता आदि के साथ न्यूनतम कीमत भाव घोषित करने की अनुमति देता है। हालांकि खरीदारों को इस भाव को बढ़ाने की अनुमति है। लेकिन अवधि के अंत में सर्वाधिक कोट (सबसे अधिक भाव) को इसकी अनुमति होगी। वहीं खरीदारों के लिए सर्वाधिक कीमत भाव के साथ मात्रा, डिलिवरी स्थान और गुणवत्ता घोषित करने की अनुमति होगी। इसी तरह स्वतंत्र कारोबारियों के लिए इन दो खंडों के अलावा एक्सचेंज कीमत अनुबंध निर्धारित करने की अनुमति देगा जिसके तहत सिर्फ मात्रा और डिलीवरी स्थान में बदलाव होगा। (BS Hindi)

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