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17 अप्रैल 2014

रॉ शुगर निर्यात पर इंसेंटिव में संशोधन लेट होने की आशंका

आर एस राणा : नई दिल्ली... | Apr 17, 2014, 00:04AM IS मिलों की कठिनाई अप्रैल से एक्सपोर्ट इंसेंटिव में संशोधन होना था लेकिन अभी तक सीसीईए की बैठक भी तय नहीं 3,333 रुपये प्रति टन सब्सिडी रॉ शुगर निर्यात पर सब्सिडी न बढऩे से निर्यात के नए सौदे नहीं रॉ-शुगर के निर्यात पर चीनी मिलों को दिए जा इंसेंटिव में संशोधन करने पर फैसला आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति करेगी। हालांकि चीनी का चालू पेराई सीजन समाप्ति की और है जबकि अभी तक सीसीईए की बैठक के लिए तारीख भी तय नहीं हुई है। ऐसे में रॉ-शुगर पर इंसेंटिव में संशोधन के फैसले के लिए चीनी मिलों का इंतजार और लंबा हो सकता है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चीनी मिलों को रॉ-शुगर के निर्यात पर दिए जा रहे इंसेंटिव को रिवाइज करने से सब्सिडी का बोझ तय अनुमान से बढ़ रहा है, इसलिए मंत्रालय ने इंसेंटिव रिवाइज करने की फाइल को सीसीईए के पास भेज दिया है, इसीलिए इस पर फैसला अब सीसीईए की बैठक में होगा। केंद्र सरकार ने फरवरी महीने में चीनी मिलों को रॉ-शुगर के निर्यात पर 3,333 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी देने की मंजूरी दी थी, साथ ही इस स्कीम को दो महीने बाद रिवाइज करना था। इसलिए अप्रैल महीने से इस स्कीम को रिवाइज करना था लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से इंसेंटिव का बोझ पिछले अनुमान से बढ़ गया है। फरवरी महीने में केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव देने की योजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत चालू पेराई सीजन और अगले पेराई सीजन में 20-20 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव दिया जाना है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने बताया कि चीनी का चालू पेराई सीजन समाप्ति की ओर है, साथ ही घरेलू बाजार में चीनी की दाम बढऩे के साथ ही विश्व बाजार में दाम घटने से रॉ-शुगर के निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं। सरकार को रॉ-शुगर पर इंसेंटिव को पहली अप्रैल से रिवाइज करना था लेकिन आधा महीना बीतने के बावजूद भी अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ है जोकि उद्योग के लिए चिंताजनक है। इस समय विश्व बाजार में रॉ-शुगर के दाम 16.68 सेंट प्रति पाउंड है जबकि घरेलू बाजार में चीनी की मौजूदा कीमतों के आधार पर विश्व बाजार में दाम 18.50 सेंट प्रति पाउंड से ऊपर हों, तभी निर्यात पड़ते लग सकते हैं। वैसे भी फरवरी महीने में रुपये के मुकाबले डॉलर 62.44 के स्तर पर था जबकि इस समय 60 के आसपास चल रहा है। उन्होंने बताया कि पहली अप्रैल से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 14.5 लाख टन चीनी (6.5 लाख टन व्हाइट और 8 लाख टन रॉ-शुगर) के निर्यात सौदे हुए हैं। चालू चीनी पेराई सीजन समाप्ति की ओर है इसलिए रॉ-शुगर का ज्यादा निर्यात होने की संभावना कम है। घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में 300-400 रुपये की तेजी आकर उत्तर प्रदेश में चीनी की एक्स-फैक्ट्री कीमतें 3,200 से 3,300 रुपये और दिल्ली में थोक कीमतें 3,350-3,400 रुपये प्रति क्विंटल हैं। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का कुल उत्पादन 5 फीसदी घटकर 238 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में 251 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar....R S Rana)

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