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13 मार्च 2014

एनएमसीई को भाव में गड़बड़ी रोकने को निगरानी के निर्देश

फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) ने नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज को निर्देश दिया है कि मूल्य में गड़बड़ी रोकने के लिए सौदों की कड़ी निगरानी की जाए। यह जानकारी एफएमसी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दी है। रिपोर्ट के अनुसार कमीशन ने 20 फरवरी को इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। एनएमसीई से कहा गया कि वह अपने प्लेटफार्म पर हो रहे कारोबार में सभी सौदों की कड़ी निगरानी करे। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कमोडिटी अनुबंधों के प्रचलित मूल्य में किसी तरह की बनावटीपन नहीं है। एनएमसीई प्लांटेशन उपज, मसालों, खाद्यान्न, मेटल्स और तिलहन के तमाम अनुबंधों में इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर वायदा कारोबार की सुविधा मुहैया कराता है। एफएमसी ने अपनी रिपोर्ट में कारोबार के बारे में कहा कि पिछले अप्रैल से फरवरी तक देश के सभी कमोडिटी एक्सचेंजों का कुल कारोबार 40 फीसदी घटकर 95.13 लाख करोड़ रुपये रह गया। पिछले साल समान अवधि में 157.82 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। देश में 17 एक्सचेंज काम कर रहे हैं। इनमें से एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स, एनएमसीई, आईसीईएक्स, एसीई और यूसीएक्स राष्ट्रीय स्तर के एक्सचेंज हैं। एफएमसी के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान बुलियन कमोडिटी का कारोबार 44 फीसदी घटकर 40.83 लाख करोड़ रुपये रह गया। पिछले साल समान अवधि में 73.26 लाख करोड़ रुपये रह गया। इसी तरह एनर्जी कमोडिटी में कारोबार 34.41 लाख करोड़ से घटकर 23.39 लाख करोड़ रुपये रह गया। कॉपर जैसी मेटल्स का कारोबार 45 फीसदी घटकर 16.46 लाख करोड़ रुपये रह गया। पिछले साल इस अवधि में 29.95 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। एग्री कमोडिटी का कारोबार 20.20 लाख करोड़ से घटकर 14.44 लाख करोड़ रुपये रह गया। कमोडिटी फ्यूचर्स से जुड़े जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (सीटीटी) लगाए जाने और एनएसईएल में 5500 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद निवेशकों का रुझान कम हो गया। सीटीटी से जहां निवेशकों की लागत बढ़ गई जबकि एनएसईएल से भरोसे में कमी आई। एमसीएक्स के सिस्टर एक्सचेंज एनएसईएल में निवेशकों के 5500 करोड़ रुपये के भुगतान संकट में फंस गए। एमसीएक्स को कोल्ड स्टोरों को पंजीयन में छूट : नई दिल्ली... एफएमसी ने आलू के कोल्ड स्टोरों को वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) से पंजीकृत कराने से चालू सीजन के लिए छूट दे दी है। एमसीएक्स ने इस संबंध में एफएमसी से अनुरोध किया था। एमसीएक्स ने कहा था कि चालू सीजन में आलू की सुचारु रूप से आपूर्ति और प्राइस डिस्कवरी के लिए अभी पंजीयन की अनिवार्यता लागू न की जाए। एक्सचेंज को चालू सीजन खत्म होने के बाद अपने पंजीकृत कोल्ड स्टोरों का डब्ल्यूडीआरए से पंजीकरण कराना होगा। (Business Bhaskar)

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