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11 मार्च 2014

एफसीआई कर्मियों को मिलेगी पेंशन!

आर एस राणा : नई दिल्ली... | Mar 11, 2014, 08:30AM IST Email Print Comment 25,000 निगम कर्मचारी लाभान्वित होंगे पेंशन की स्कीम लागू होने के बाद : इस सौगात से सरकारी खजाने पर 118 करोड़ की सब्सिडी का पड़ेगा बोझ : चुनाव आचार संहिता के चलते सरकार को इस बारे में पहले चुनाव आयोग से लेनी होगी इसकी अनुमति केंद्र सरकार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के कर्मचारियों को पेंशन की सौगात देने की तैयारी कर रही है। इससे सरकारी खजाने पर सालाना करीब 118 करोड़ रुपये की सब्सिडी का अतिरिक्त भार तो पड़ेगा, लेकिन पेंशन की स्कीम लागू होने के बाद निगम के लगभग 25,000 कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार को इस आशय के प्रस्ताव के लिए पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने 'बिजनेस भास्कर' को बताया कि देश के अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की तरह केंद्र सरकार का एफसीआई के कर्मचारियों को भी पेंशन देने का प्रस्ताव है। इससे केंद्र सरकार पर सालाना करीब 118 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी का भार पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 से ही इस आशय के प्रस्ताव को लागू करने की योजना है। अगर यह वर्ष 2007 से लागू होता है तो इससे बकाया राशि के रूप में करीब 700 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। इसके अलावा पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल बेनेफिट स्कीम के तहत लगभग 45 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च भी पड़ेगा। उन्होंने बताया कि देश के ज्यादातर सार्वजनिक उपक्रमों ने अपने कर्मचारियों को पेंशन देने का प्रावधान किया हुआ है। केंद्र सरकार और एफसीआई के कर्मचारियों के मध्य भी हुए समझौते के आधार पर सरकार ने निगम के कर्मचारियों को पेंशन देने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर तो किए हुए हैं लेकिन पेंशन स्कीम अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। पेंशन स्कीम शुरू हो जाती है तो निगम की एक से चार कैटेरिगी तक के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव-2014 की अधिसूचना लागू होने के कारण इस समय देशभर में चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए सरकार को इस आशय के प्रस्ताव से पहले चुनाव आयोग से इसकी अनुमति लेनी होगी। चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद ही इस आशय का प्रस्ताव पहले उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में पेश किया जाएगा। ईजीओएम की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पास हो जाता है तो फिर आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) में इस प्रस्ताव को भेजा जाएगा। (Business Bhaskar...R S Rana)

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