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13 फ़रवरी 2014

राइस ब्रान तेल खरीदना चाहे थाईलैंड

थाईलैंड ने भारत से राइस ब्रान तेल के आयात में रुचि दिखाई है। दूसरी ओर, भारत अपनी घरेलू मांग पूरी करने के लिए खाद्य तेल का शुद्ध आयातक है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, 'थाईलैंड ने भारत से राइस ब्रान तेल का आयात करने में दिलचस्पी दिखाई है। थाईलैंड राइस ब्रान तेल का बड़ा बाजार है। हालांकि सरकारी नीति के मुताबिक बड़ी मात्रा में खाद्य तेल के निर्यात की इजाजत नहीं है।Ó भारत दुनियाभर में राइस ब्रान तेल का मुख्य उत्पादक है। देश में हर साल 9 लाख टन राइस ब्रान तेल का उत्पादन होता है, जबकि इसका वैश्विक उत्पादन करीब 12 लाख टन है। हर साल जापान 70,000 टन, थाईलैंड 60,000 टन और चीन करीब 50,000 टन राइस ब्रान तेल का उत्पादन करता है। भारत हर साल उत्पादन में 50,000 टन की बढ़ोतरी कर रहा है। देश में उत्पादित होने वाले कुल 9 लाख टन तेल में से केवल 3 लाख टन का उपभोग ही खाद्य तेल के रूप में होता है। शेष तेल का इस्तेमाल या तो वनस्पति उद्योग या अन्य तेलों के साथ मिश्रण में किया जाता है। मेहता ने कहा कि देश में 90 लाख टन राइस ब्रान का उत्पादन होता है। इसमें से करीब 50 लाख टन का इस्तेमाल तेल उत्पादन में और शेष का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में होता है। देश में धान का उत्पादन 2004-05 में 12.5 करोड़ टन था, जो 2013-14 में बढ़कर 15.8 करोड़ टन होने का अनुमान है। मेहता ने कहा, 'देश में राइस ब्रान की अच्छी उपलब्धता है। अगर चावल मिल मालिकों को अच्छी कीमत मिलेगी हो ज्यादा राइस ब्रान का इस्तेमाल तेल उत्पादन में होगा। इससे हमारा खाद्य तेल आयात कम हो सकता है।' देश हर साल पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल समेत 1 करोड़ टन खाद्य तेल का आयात करता है। एसईए के मुताबिक इससे आयात बिल 60,000 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच जाता है। देश की खाद्य तेल की सालाना जरूरत करीब 1.8 करोड़ टन अनुमानित है। पिछले साल जापान ने भी भारत से तेल आयात करने में रुचि दिखाई थी। जापान की भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर राइस ब्रान के मूल्य संवर्धित उत्पाद तैयार करने में ज्यादा दिलचस्पी है, जिन्हें जापान में चावल तेल या 'हृदय तेलÓ के नाम से जाना जाता है। हालांकि सरकार की वर्तमान नीति बड़ी मात्रा में खाद्य तेल के निर्यात की इजाजत नहीं देती है। मेहता ने दावा किया कि अगर स्वीकृति दी जाए तो भारत में हर साल 25,000 टन राइस ब्रान तेल के निर्यात की संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कुछ कंटेनरों का पहले ही निर्यात किया जा चुका है। एसईए का मानना है कि राइस ब्रान तेल की भारतीय बाजार में भी भारी संभावनाएं हैं। राइस ब्रान तेल में ओरिजानोल होता है स्वास्थ्य की दृष्टिï से इसके कई फायदे हैं। राइस ब्रान तेल की कीमत जैतून तेल की 1/5 है और सूरजमुखी तेल से करीब 10 फीसदी ज्यादा है। देश में इसकी खपत पिछले 4-5 वर्षों में 20-25 फीसदी की दर से बढ़ रही है। इस समय राइस ब्रान तेल की कीमत 115-125 रुपये प्रति लीटर है। (BS Hindi)

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