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05 फ़रवरी 2014

केरल सरकार करेगी रबर की खरीद

केरल सरकार खुले बाजार में रबर की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए उत्पादकों से इसकी खरीद करेगी। यह घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री उम्मेन चांडी ने आज राज्य विधानसभा में की। रबर की कीमतों में लगातार गिरावट के मसले पर विपक्षी सदस्य के सुरेश कुरूप द्वारा रखे गए एक प्रस्ताव के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से इसके लिए वित्तीय सहायता मांगी है। राज्य सरकार ने वाणिज्य मंत्रालय से भी रबर खरीदने का आग्रह किया है, ताकि कीमतों में स्थिरता आ सके। उन्होंने कहा कि मंत्रालय गंभीरता से इस पर विचार कर रहा है। खरीद से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए सरकार एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाएगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार की तर्ज पर रबर की स्थानीय कीमतों में भी गिरावट का रुझान बना हुआ है। लेकिन फिर भी केरल में रबर के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार से ज्यादा हैं। सुरेश कुरूप ने आरोप लगाया कि शुल्क मुक्त रास्तों से आयात और कम शुल्क पर आयात की वजह से बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद केंद्र सरकार इस मसले पर कोई कदम नहीं उठा रही है और यह देश में 10 लाख से ज्यादा उत्पादकों की चिंताओं की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार तेल विपणन कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए इतनी ज्यादा गंभीर है, लेकिन रबर कीमतों में तेजी से लगातार हो रही गिरावट और किसानों की दुर्दशा को लेकर गंभीर नहीं है। रबर की कीमतें गिरकर आज 142 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गईं, जो 10 दिन पहले 150 रुपये थी। अप्रैल से दिसंबर तक की अवधि के दौरान रबर का आयात बढ़कर 2,64,576 टन रहा है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1,73,441 टन था। इसमें 53 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया है। देश में रबर की आपूर्ति का मुख्य स्रोत आयात है। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में बढ़ोतरी का सवाल ही पैदा नहीं होता है, क्योंकि टायर उद्योग ने अपनी जरूरत के जितना ही आयात किया है। वित्त मंत्री के एम मणि ने कहा कि सरकार राज्य के रबर उत्पादक क्षेत्रों की खराब हालत को लेकर बहुत अधिक चिंतित है। केरल में 92 फीसदी रबर उत्पादन को बाजार में लाया जा रहा है। (BS Hindi)

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