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27 दिसंबर 2013

एक्सचेंज बनें ज्यादा जवाबदेह

नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में प्रबंध निदेशक और निदेशक मंडल के बीच सूचनाओं का ठीक से आदान-प्रदान न होने के नतीजे में सामने आए 5,500 करोड़ रुपये के घोटाले से वायदा बाजार आयोग ने सबक लिया है। उसने गुरुवार को राष्ट्रीय जिंस एक्सचेंजों के बोर्ड की जवाबदेही बढ़ा दी है। एफएमसी ने सूचनाओं के खुलासे की न्यूनतम जरूरत के लिए वैधानिक दिशानिर्देश जारी किए हैं। एफएमसी के इस कदम से एक्सचेंज का पूरा वित्तीय नियंत्रण और जिम्मेदारी बोर्ड के कंधों पर होगी। एफएमसी ने सभी जिंस एक्सचेंजों के निदेशक मंडल से कहा है कि वह प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यकारी अधिकारी को वित्तीय शक्तियां सौंपने के लिए उचित प्रक्रिया बनाए। एक विशेष स्तर से ज्यादा खर्च के लिए बोर्ड या ऑडिट समिति से मंजूरी लेनी होगी। एफएमसी के एक सर्कुलर में कहा गया है कि व्यय की मदों जैसे पूंजीगत व्यय, ऋण या वित्तीय करार आदि के लिए बोर्ड या ऑडिट समिति से पहले मंजूरी लेनी होगी। नियामक ने सभी खर्च की जांच-पड़ताल और मंजूरी में उचित संतुलन के लिए बोर्ड को शक्तियां दी हैं। इन खर्चों में चंदा, कानूनी खर्च, आईटी से संबंधित खर्च, गोदाम का शुल्क, प्रचार, जनसंपर्क, मीडिया अभियान, पेशवेर शुल्क और अन्य खर्च शामिल हैं। एक्सचेंज के विभाग प्रमुख के स्तर पर वेतन, बोनस, वेतन वृद्धि और पारितोषिक से संबंधित सभी मसलों के लिए बोर्ड की क्षतिपूर्ति समिति से मंजूरी लेनी होगी। सर्कुलर में कहा गया है कि बोर्ड को जोखिम प्रबंधन पर एक बोर्ड समिति बनानी चाहिए। यह समिति एक्सचेंज के जोखिम प्रोफाइल की पहचान, पैमाने और निगरानी के लिए जिम्मेदार होगी। समिति पर उन जोखिम एïवं नियंत्रण उपायों पर भी नजर रखने की जिम्मेदारी होगी, जिन्हें समय-समय पर सिस्टम में शामिल करना होगा। इन उपायों के अनुपालन की निगरानी व इनमें सुधार के सुझाव और कंपनी की वित्तीय एवं जोखिम प्रबंधन नीतियों के निर्माण और समय-समय पर समीक्षा की की जिम्मेदारी भी समिति की होगी। इसके अलावा समिति को कंपनी की अधिकतम एक्सपोजर सीमा और उधारी सीमा तय करनी होगी। अब नियामकों, किसी सरकारी एजेंसी या अन्य वैधानिक या लाइसेंसिंग अथॉरिटी के आदेश या निर्देशों की अनुपालना से संबंधित सभी मसले सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए बोर्ड के सामने रखे जाएंगे। इस तरह के मामलों में कारण बताओ नोटिस, अनुपालना पर मांगा गया स्पष्टीकरण, एक्सचेंज के खिलाफ दायर दीवानी या आपराधिक मामले, इसके निदेशक और प्रबंधन, कथित अपराध के लिए अभियोजन, एक्सचेंज पर लगाया गया जुर्माना और न्यायालय में लंबित मामले आदि शामिल होंगे। (BS Hindi)

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