कुल पेज दृश्य

13 दिसंबर 2013

प्याज ने पलटी मारी... अब किसानों के रोने की बारी

चंद हफ्ते पहले प्याज के नाम पर आम आदमी की आंखों में आंसू आ रहे थे और अब यही प्याज किसानों और कारोबारियों का रुला रहा है। दरअसल महीने भर में प्याज करीब 70 फीसदी सस्ता हो गया है। इससे बौखलाए किसानों ने महाराष्ट्र में प्याज की सबसे बड़ी मंडियों नासिक और लासलगांव में माल बेचने से ही इनकार कर दिया है। अब वे इसके विरोध में सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। लासलगांव में प्याज का आदर्श भाव आज लुढ़ककर 1,511 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। राजस्थान के अलवर में इसका भाव 1,450 रुपये, दिल्ली में 1,993 रुपये और इंदौर में 1,250 रुपये प्रति क्ंिवटल ही रह गया है। अक्टूबर महीने के मुकाबले दिसंबर में सभी मंडियों में आवक भी बढ़कर दोगुनी हो गई है। भाव इतने गिरे हैं कि महीने भर पहले खुदरा बाजारों में 50 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला प्याज अब 20 से 30 रुपये किलो बिक रहा है। राष्टï्रीय बागवानी एवं अनुसंधान विकास प्रतिष्ठïान के निदेशक आर पी गुप्ता ने कहा कि खरीफ में प्याज की पैदावार बढऩे के कारण मंडियों में आवक जोरों पर है, जिससे प्याज के भाव लगातार घट रहे हैं। गुप्ता कहते हैं कि भाव 1200 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे जाते हैं, तो किसानों को घाटा होने लगेगा। बढ़ती आपूर्ति को देखते हुए भाव अभी और गिर सकते हैं। महाराष्टï्र के मंडी अधिकारियों के मुताबिक नई फसल की जोरदार आवक से प्याज के भाव फिलहाल इसी दायरे में रहेंगे। इसी बात से परेशान किसान पिछले दो दिन से नासिक मंडी में प्याज बिकने से रोक रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार अगर उन्हें प्याज का उचित मूल्य नहीं देगी तो वे प्रदर्शन करेंगे। इधर राजनेता इस पर भी सियासत कर रहे हैं। हाल के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में बुरी तरह पिटी कांग्रेस को यहां भी प्याज की कीमतों में साजिश नजर आ रही है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता किसानों से कह रहे हैं कि कीमत बढ़ाने और गिराने का काम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का है। पहले उसने प्याज महंगा कराया और चुनाव जीतते ही कीमतें गिराने पर तुल गई है। लेकिन भाजपा के महाराष्ट्र प्रवक्ता माधव भंडारी कहते हैं कि कांग्रेस अपनी नाकामी को दूसरे के सिर मढऩे की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्याज उपजाने वाले प्रमुख राज्यों में भाजपा सरकार नहीं है। वहां कांग्रेस या संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के घटक दल सत्ता में हैं। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: