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05 दिसंबर 2013

आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता और बढ़ी

आर एस राणा नई दिल्ली | Dec 05, 2013, 00:04AM IST खाद्य तेलों के परिदृश्य पर कृषि मंत्रालय की आंतरिक रिपोर्ट खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च तो कर रही है इसके बावजूद विदेशों से आयातित खाद्य तेलों पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। देश में वर्ष 2001-02 में कुल खपत के 56 फीसदी खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन हो रहा था जबकि वर्ष 2012-13 में यह केवल 44 फीसदी ही रह गया। इस दौरान खाद्य तेलों का आयात बिल 80 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया। कृषि मंत्रालय द्वारा तैयार की गई एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001-02 में देश में 6,785 करोड़ रुपये मूल्य के खाद्य तेलों का आयात हुआ था जबकि वर्ष 2012-13 में यह आंकड़ा 80 फीसदी से भी ज्यादा बढ़कर 61,273 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि इस दौरान देश में तिलहनों के उत्पादन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी जरूर हुई है लेकिन विदेशों से खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2001-02 में देश में कुल खपत के 56 फीसदी खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन हो रहा था जबकि वर्ष 2012-13 में यह आंकड़ा 44 फीसदी ही रह गया। हालांकि कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2001-02 में देश में 206.62 लाख टन तिलहनों का उत्पादन हुआ था जबकि वर्ष 2012-13 में 310.06 लाख टन तिलहनों का उत्पादन होने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान देशों में खाद्य तेलों की प्रति व्यक्ति खपत में जरूर इजाफा हुआ है। वर्ष 2001-02 में देश में खाद्य तेलों की प्रति व्यक्ति सालाना खपत 8.8 किलोग्राम थी, जबकि वर्ष 2012-13 में यह बढ़कर 13.8 किलो हो गई। देश को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत अनेक स्कीम चला रहा है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत भी खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ऑयल मिशन तक शुरू किया है। किसानों का तिलहन की फसलों की तरफ रुझान बढ़े, इसके लिए सरकार तिलहनों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी भी कर रही है। इन सबके बावजूद खाद्य तेलों के आयात बिल में लगातार भारी बढ़ोतरी हो रही है। आयातित पाम तेल की कीमतों में पिछले दस सालों में लगभग 147 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2001-02 में पाम तेल की कीमतें 337 डॉलर प्रति टन थी जबकि वर्ष 2012-13 में इसकी कीमतें बढ़कर 833 प्रति टन हो गई। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार तेल वर्ष 2012-13 (नवंबर-12 से अक्टूबर-13) के दौरान देश में रिकॉर्ड 106.8 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 4.77 फीसदी ज्यादा है। वर्ष 2011-12 में 101.9 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था।a (Business Bhaskar.....R S Rana)

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