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14 दिसंबर 2013

रबर उत्पादन महज 8.70 लाख टन होगा : रबर बोर्ड

स्थानीय प्राकृतिक रबर के उत्पादन में भारी गिरावट से इसकी आपूर्ति को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है, क्योंकि इस वित्त वर्ष में नवंबर तक कुल उत्पादन पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11 फीसदी गिरा है। इससे अगले 4-5 महीनों में इस जिंस की उपलब्धता बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। रबर बोर्ड की चेयरमैन शीला थॉमस ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस वित्त वर्ष में कुल उत्पादन 8,70,000 टन रहेगा। यह इससे भी नीचे जा सकता है। उन्होंने कहा, 'हम उत्पादन की स्थिति की जायजा ले रहे हैं। लेकिन इस वित्त वर्ष में उत्पादन निश्चित रूप से कम रहेगा। उत्पादन में गिरावट की मुख्य वजह भारी बारिश और असामान्य रूप से पत्तियों का गिरना है।' रबर बोर्ड ने इससे पहले अनुमान जताया था कि 2013-14 में उत्पादन 9,60,000 टन और खपत 10,20,000 टन रहेगा। उत्पादकों ने कहा कि वर्तमान रुझान को देखते हुए उत्पादन गिरकर 8,00,000 रहने की संभावना है। वर्ष 2012-13 के दौरान देश में प्राकृतिक रबर का उत्पादन 0.9 फीसदी बढ़कर 9,12,000 टन रहा था। लेकिन चालू वित्त वर्ष के दौरान उत्पादन में 10 फीसदी गिरावट लगभग तय है। थॉमस ने कहा कि वर्तमान रुझान को देखते हुए खपत पहले के अनुमान से भी कम रहेगी। अप्रैल से नवंबर के दौरान खपत 2.3 फीसदी गिरकर 6,48,530 टन रहा था। वहीं नवंबर के दौैरान खपत 5 फीसदी गिरकर 22,872 टन रही है, जो नवंबर, 2012 में 23,968 टन थी। वैश्विक बाजारों में भी रबर की कीमतें बढ़ चुकी हैं और ये ज्यादा आकर्षक नहीं हैं, इसलिए फिलहाल उद्योग के लिए आयात भी ज्यादा बेहतर विकल्प नहीं होगा। इससे आने वाले महीनों में स्थिति और विकराल हो सकती है। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक स्थानीय कीमतें नीचे हैं और सबसे अच्छा टैपिंग का सीजन चल रहा है, लेकिन फिर भी बाजार में उपलब्धता की कमी है। रबर आपूर्ति में कमी से विभिन्न कंपनियों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। (BS Hindi)

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