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12 नवंबर 2013

कॉटन निर्यात घटकर 90 लाख गांठ रहने के आसार

भारत के निर्यात में 9% गिरावट संभव : यूएसडीए मौजूदा मार्केटिंग वर्ष 2013-14 के दौरान भारत से कॉटन का आयात 9 फीसदी घटकर 90 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) रह सकता है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान पेश करते हुए कहा है कि विश्व बाजार में मांग की कमी और घरेलू बाजार में दाम ज्यादा होने के कारण निर्यात प्रभावित हो सकता है। पिछले मार्केटिंग सीजन 2012-13 (अगस्त-जुलाई) के दौरान 99 लाख गांठ कॉटन का निर्यात किया गया था। यूएसडीए की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वर्ष का निर्यात अनुमान पिछले स्तर 90 लाख गांठ पर रखा गया है। भारत में कॉटन के दाम ज्यादा चल रहे हैं। जबकि चीन की मांग काफी हल्की है। भारत से इसका निर्यात काफी हद तक इस पर निर्भर करेगा कि चीन में आयात के लिए कैसी नीति अपनाई जाती है। रिपोर्ट में कहा गया ह कि अगर भारत सबसे सस्ती कॉटन सप्लायर के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रख पाता है तो निर्यात मांग के अनुरूप बढ़ सकता है। पिछले तीन माह के दौरान भारत से 492,565 गांठ कॉटन का निर्यात हो चुका है। घरेलू मूल्य के बारे में यूएसडीए का कहना है कि कॉटन के दाम घटने लगे हैं क्योंकि मंडियों में इसका इजाफा होने लगा है। (Business Bhaskar)

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