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16 अक्तूबर 2013

एनएसईएल में था लाभ बंटवारा करार

चंडीगढ़ की एलईएएफ के साथ समझौते से लाभ बराबर बांटने का चलता है पता नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) और इसके खरीदारों के बीच संबंध कुछ ज्यादा ही गहरा था। एक सामान्य एक्सचेंज में एक सदस्य का नामांकन फीस लेकर किया जाता है और उसे प्लेटफॉर्म पर कारोबार करने की स्वीकृति दी जाती है। एक्सचेंज सदस्य के कारोबार में कोई रुचि नहीं लेता है। हालांकि एनएसईएल में स्थिति कुछ अलग थी। मुश्किल में फंसे एक्सचेंज के अपने 24 खरीदार सदस्यों के साथ वाणिज्यिक शर्तों के करार थे, जिनमें लाभ का बंटवारा और धन की व्यवस्था करना आदि शामिल थे। इन समझौतों में दोनों पार्टियों पर कारोबारी जिम्मेदारी तय की गई थीं। जहां खरीदार खरीद और भंडारण आदि के लिए जिम्मेदार था, वहीं एनएसईएल वित्तीय व्यवस्था, गोदाम और बिक्री के लिए जिम्मेदार था। चंडीगढ़ की लक्ष्मी एनर्जी ऐंड फूड्स (एलईएएफ) और एनएसईएल के बीच समझौते को बिज़नेस स्टैंडर्ड ने देखा तो पता चला, 'शुद्ध बिक्री में से परिचालन के दौरान आई लागत को घटाने के बाद बचे लाभ का बंटवारा एलईएएफ और एनएसईएल में बराबर-बराबर किया जाएगा।Ó इस समझौते पर हस्ताक्षर अक्टूबर, 2012 में एनएसईएल के पूर्व प्रमुख अंजनी सिन्हा और एलईएएफ के एमडी बलबीर सिंह उप्पल द्वारा किए गए थे। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने यह भी पाया कि इसी तरह का करार मुंबई की लोटस फार्मा केमिकल्स के साथ भी किया गया था। लोटस ने बकाये के निपटान को लेकर बंबई उच्च न्यायालय में एनएसईएल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। समझौतों में यह भी कहा गया है कि एनएसईएल माल की खरीद के लिए धन की व्यवस्था करेगा। यह धन बैंक, ऑफलाइन बल्क डील और ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिये जुटाया जाएगा। समझौते की एक धारा में यह भी कहा गया है, 'एनएसईएल और एलईएएफ संयुक्त रूप से बासमती धान की संपूर्ण खरीद के लिए धन की व्यवस्था निम्न स्रोतों से करेंगी। (क) एनएसईएल द्वारा जारी भंडारण रसीद के आधार पर बैंकों से। (ख) एनएसईएल के पास रखे स्टॉक पर ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिये। (ग) अन्य (ऑफलाइन बड़े सौदों के जरिये।)Ó समझौते में किसी विवाद की स्थिति में तीसरी पार्टी के हस्तक्षेप को रोकने का भी प्रावधान है। ये समझौते इन आरोपों को मजबूत करते हैं कि एक्सचेंज और इसके कर्जदारों के बीच वित्तीय व्यवस्था को लेकर स्पष्ट सहमति थी, जबकि इसे किसानों, कारोबारियों और मिल मालिकों के बीच एक प्लेटफॉर्म के रूप में पेश किया गया था। एनएसईएल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'लोटस के संबंध में हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि हमें एनएसईएल के पक्ष में पूर्व प्रबंधन द्वारा किए गए ऐसे समझौतों का पता नहीं है। एनएसईएल के कारोबार के बारे में आपके अन्य सवालों पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है और जांच चल रही है।Ó इस समझौतों को देखने वाले एनएसईएल निवेश समूह के एक अधिकारी ने कहा, 'एक्सचेंज ने संयुक्त रूप से धन की व्यवस्था की। यह धन एनएसईएल द्वारा जारी भंडारण रसीद के आधार पर बैंकों से या एनएसईएल के पास रखे स्टॉक पर ऑनलाइन ट्रेडिंग के तहत जुटाया गया। यह दर्शाता है कि ऐसे समझौते नियमों और एक्सचेंज की प्रक्रिया के खिलाफ हैं।Ó इसके अलावा एलईएएफ जैसे खरीदारों को किसानों से खरीद में केवल सहायक का काम करना था और किसानों का ब्योरा एनएसईएल को रखना था। लेकिन हकीकत में किसानों से कोई भी जिंस सीधे नहीं खरीदी गई और एनएसईएल के पास किसानों का कोई ब्योरा नहीं था। (BS Hindi)

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