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30 अक्तूबर 2013

एथेनॉल निविदा के लिए सुस्त प्रतिक्रिया

पहली निविदा के ऑर्डरों को अंतिम रूप देने में हुए विलंब की वजह से चीनी मिलों ने तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा तीन महीने पहले जारी की गई दूसरी एथेनॉल खरीद निविदा को लेकर धीमी प्रतिक्रिया दिखाई है। पिछले साल के अंत में पेट्रोल के साथ 5 फीसदी एथेनॉल मिश्रण को अनिवार्य बनाए जाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी के तहत ओएमसी ने चालू वित्त वर्ष में 105 करोड़ लीटर ईंधन की जरूरत के लिए पहली निविदा जारी की थी। लेकिन पेराई सत्र में सुस्ती की वजह से चीनी मिलों ने पहली निविदा के संदर्भ में सिर्फ 55 करोड़ लीटर की आपूर्ति की पेशकश की। पहली निविदा के लिए आपूर्ति अंतर को पाटने की कोशिश में ओएमसी ने दिसंबर 2013 और नवंबर 2014 के बीच 133.5 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदने के लिए जुलाई में दूसरी निविदा जारी की थी। इसकी प्रतिक्रिया में चीनी मिलों ने महज 62 करोड़ लीटर की आपूर्ति की पेशकश की जो निविदा में निर्धारित मात्रा का लगभग 46 फीसदी है। एथेनॉल आपूर्ति में कमी को चिंताजनक माना जा रहा है, क्योंकि चीनी मिलों ने इस साल स्वच्छ ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति का दावा किया था और तेल कंपनियां भी इसके लिए ऊंची कीमत चुकाने पर सहमत हो गई थीं। इस उद्योग के एक सूत्र ने आपूर्ति को लेकर धीमी प्रतिक्रिया की पुष्टिï करते हुए कहा कि ओएमसी द्वारा निर्धारित कीमतें भी कम हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में ओएमसी के लिए एथेनॉल आपूर्ति की एक्स-मिल कीमत 36 रुपये प्रति लीटर पर तय की गई थी, जबकि महाराष्टï्र और कर्नाटक में इसे 39-40 रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया। पेट्रोल पम्पों पर हालांकि एथेनॉल कीमत 7 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ी, लेकिन ओएमसी को अभी भी 7-8 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है। इस उद्योग के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'चीनी मिलों ने लगभग सात महीने के विलंब की वजह से असहजता महसूस की है। इस विलंब ने इस उद्योग को इतनी लंबी अवधि तक अनिश्चितता के घेरे में ला दिया। इसके अलावा पूरी पूंजी भी फंसी हुई थी जिस पर उद्योग को बैंकों के लिए लगातार ब्याज चुकाना पड़ रहा था।Ó तेल विपणन कंपनियों ने अधिक कीमत की वजह से पहली निविदा में चीनी मिलों के 15 करोड़ लीटर एथेनॉल के ऑफर को ठुकरा दिया था। जुलाई में 40 करोड़ लीटर के ऑर्डरों के बावजूद तेल कंपनियां अक्टूबर के पहले पखवाड़े तक मुश्किल से 8 करोड़ लीटर की खरीदारी में सफल रही हैं। तकनीकी तौर पर दूसरी निविदा के लिए बोलियों को मौजूदा समय में खोला जा रहा है जिसके लिए ऑर्डरों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निदेशक (मार्केटिंग) के के गुप्ता ने कहा, 'अभी इस मामले में कुछ भी तय नहीं किया गया है। मौजूदा समय में प्रक्रिया जारी है।Ó विश्वस्त सूत्रों के अनुसार दूसरी बोली प्रक्रिया के लिए औसतन कीमत ऑफर 36-38 रुपये प्रति लीटर (एक्स-मिल) के बीच तय किया गया है। चीनी उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, 'हम पर्याप्त मात्रा में एथेनॉल की आपूर्ति के लिए तैयार हैं। लेकिन ओएमसी को ऊंची कीमत चुकानी होगी। जब शोधित स्पिरिट को आराम से 40-42 रुपये प्रति लीटर और एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ईएनए) को 48 रुपये प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है तो मिलों को एथेनॉल उत्पादन प्रक्रिया की लागत का वहन क्यों करना होगा और इसे नुकसान पर क्यों बेचना होगा? (BS Hindi)

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