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25 सितंबर 2013

खाद्य सुरक्षा के लिए जीएम फसलें अपनाई जाएं : पवार

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू करके आम लोगों को भोजन की सुलभता सुनिश्चित करने के लिए जेनेटिकली मॉडीफाइड (जीएम) फसलों को अपनाया जाना चाहिए। नेशनल रबी कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के लिए देश में अतिरिक्त खाद्यान्न की जरूरत होगी। इसके लिए कृषि क्षेत्र का तेज विकास आवश्यक है। उन्होंने जीएम फसलों के प्रति सरकार के रुख को अत्यधिक अनुदारवादी बताते हुए कहा कि हमें वैज्ञानिकों की सलाह पर जीएम फसलें अपनाने के बारे में सोचना चाहिए। जहां संभव हो, उन फसलों का फील्ड ट्रायल कराया जाना चाहिए और इसकी सफलता के बाद इनकी खेती के बारे में हिचकना नहीं चाहिए। वैज्ञानिक रिसर्च के लाभ उठाने से हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा कृषि उत्पादन हमारी वर्तमान जरूरत के लिए कमोबेश पर्याप्त हो जाता है। सूखा और बाढ़ आने के बावजूद कृषि क्षेत्र में लगातार विकास करना हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार ने बीटी कॉटन की खेती की अनुमति दी हुई है, जबकि बीटी बैंगन पर रोक लगा दी गई। प्राइवेट कंपनियों को पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और गुजरात में कपास, मक्का और मक्का की जीएम फसलों के फील्ड ट्रायल की अनुमति दी गई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तकनीकी कमेटी ने हाल में अपनी रिपोर्ट में जीएम फसलों के खुले फील्ड ट्रायल पर अनिश्चितकालीन रोक लगाने की सिफारिश की है। कमेटी ने रेगुलेटरी और सेफ्टी सिस्टम के जुड़ी दिक्कतें दूर होने तक रोक लगाए रखने की सिफारिश की है। कमेटी की सिफारिशों के बारे में पवार ने कहा कि हम कोर्ट के फैसला का इंतजार कर रहे हैं। हम कोर्ट के सामने जीएम फसलों की अहमियत बताने के लिए तथ्य रखने का प्रयास कर रहे हैं। (Business Bhaskar...R S Rana)

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