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25 सितंबर 2013

बंदरगाहों पर रुकी प्याज के आने का रास्ता साफ

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगे प्याज की चौतरफा मार झेल रही सरकार ने इसे सस्ता करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। उत्पादक मंडियों से प्याज को उपभोक्ता मंडियों तक पहुंचाने के प्रबंध कर लिए गए हैं। इसके अलावा आयातित प्याज को जल्द से जल्द उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का फैसला सोमवार को लिया गया। बैठक के दौरान आयातित प्याज के बाजार तक पहुंचने में आने वाली मुश्किलों पर चर्चा हुई। प्याज आयातकों के साथ बैठक में नैफेड के प्रबंध निदेशक संजीव चोपड़ा ने आयातित प्याज को देश की विभिन्न मंडियों तक पहुंचाने के बंदोबस्त का जायजा लिया। उन्होंने अपील की कि आयातित प्याज का परीक्षण बंदरगाह पर ही करा लिया जाए। इससे मंडियों तक प्याज को पहुंचाने में देरी नहीं होगी। बैठक में प्याज आयातकों के साथ निर्यातकों ने भी हिस्सा लिया। बैठक में ज्यादातर समस्याओं का समाधान ढूंढ लेने का दावा किया गया है। अगले हफ्ते तक बंदरगाहों पर 600 टन अतिरिक्त प्याज की खेप पहुंच जाएगी। वहीं, खरीफ सीजन की प्याज के उत्पादन में होने वाली वृद्धि से कीमतों में गिरावट के आसार बनने लगे हैं। दिल्ली के थोक बाजार में प्याज की कीमत में सोमवार को 10 रुपये की कमी दर्ज की गई है। यह अब यहां 45-50 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। वहीं, खुदरा बाजारों में इसका भाव 60-70 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। सोमवार को करीब 12 हजार क्विंटल प्याज आजादपुर मंडी पहुंचा। कर्नाटक का प्याज भी जल्द बाजार में पहुंचने वाला है। इससे कीमतों में जल्द ही और नरमी की उम्मीद जगी है। (Dainik Jagran)

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