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16 अगस्त 2013

सप्लाई बढ़ाकर घटाया जाएगा प्याज का कहर

निर्यात पर रोक के साथ ही आयात करने पर विचार प्याज की कीमतों में आई तेजी रोकने के लिए सरकार इसकी सप्लाई सुगम बनाने पर जोर देगी। सरकार प्याज के निर्यात पर रोक लगाने के साथ ही इसका आयात करने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। उपभोक्ता मामला मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्याज की सप्लाई सुगम बनाने के लिए सरकार निर्यात पर रोक लगाने के साथ ही एमईपी तय करने और आयात करने के तीनों विकल्पों पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। गुरुवार को सचिवों की समिति की बैठक में घरेलू बाजार में प्याज की सप्लाई सुगम बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ। प्याज आयात के लिए नेफेड को अधिकृत किया गया है। नेफेड प्याज का आयात करके घरेलू बाजार में सप्लाई बढ़ाएगा। इसके अलावा राजस्थान के उत्पादक क्षेत्रों से नेफेड सीधे किसानों से हर रोज 4 से 5 टन प्याज की खरीद करके घरेलू बाजार में उचित भाव पर बेचेगी। सूत्रों के अनुसार उत्पादक राज्यों में बारिश होने की वजह से प्याज की आवक प्रभावित हो रही है जिससे इसकी कीमतों में तेजी आई है। जैसे ही बारिश कम होगी, कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी। गुजरात ओनियन कंपनी के प्रबंधक सुरेंद्र साहनी ने बताया कि खराब मौसम के कारण प्याज की दैनिक आवक सामान्य से करीब 40 फीसदी कम हो रही है। दिल्ली की आजादपुर फल-सब्जी मंडी में दैनिक आवक 58-60 मोटरों की हो रही है, जबकि सामान्यत: 100 मोटरों से ज्यादा की आवक होती है। प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 650 डॉलर नई दिल्ली - प्याज की आसमान छूती कीमतों ने आम जनता के साथ-साथ सरकार को भी भारी चिंता में डाल दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 650 डॉलर प्रति टन तय कर दिया है ताकि इसके निर्यात पर लगाम लग सके और कीमतों पर काबू पाना संभव हो जाए। मालूम हो कि सरकार ने पिछले साल मई महीने में न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करने की प्रक्रिया खत्म कर दी थी। (Business Bhaskar,.....R S Rana)

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