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29 अगस्त 2013

नकद सौदों और केवाईसी के उल्लंघन की जांच

नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) मामले की जांच कर रही उच्च स्तरीय समिति यह देखेगी कि ब्रोकरों के साथ किस तरह नकद लेनदेन हुआ और नो योर कस्टमर (केवाईसी) मानकों का सख्ती से पालन किया गया या नहीं। मामले की जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक समिति इस पर भी गौर कर रही है कि एनएसईएल का परिचालन ग्राहक कोड और पैन के मिलान, संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्टों के बावजूद आयकर विभाग की नजर में आने से कैसे बचा रहा। संदिग्ध लेनदेन की रिपोट से केंद्रीय एजेंसियां सचेत हो जाती हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'प्रवर्तन निदेशक की अगुआई वाला कार्य दल जांच करेगा कि एनएसईएल और उससे संबंधित पक्षों ने किसी कानून और नियम का उल्लंघन तो नहीं किया?Ó इस समूह में राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (सेबी) और वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं। एनएसईएल द्वारा संचालित हाजिर बाजार राज्य सरकार के विभागों और कृषि उत्पादन विपणन समितियों (एपीएमसी) के कार्यक्षेत्र में आता है। इन विभागों का ध्यान केवाईसी पर अमल करने, पैन के मिलान आदि पर नहीं होता है। बाजार से जुड़े एक सूत्र ने कहा, 'कोई भी इसे (नकदी सौदा) स्वीकार नहीं करेगा। लेकिन जहां तक चेक से भुगतान की बात है तो सेबी और एफएमसी से नियंत्रित बाजारों में इसके लिए स्पष्ट नियम हैं। यह नियामक एक्सचेंजों और उनके सदस्यों (ब्रोकरों) के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करता रहता है। इसके अलावा उपलब्ध स्थायी खाता संख्या (पैन) और ग्राहक कोड के बीच मिलान करना व जांच करने की सेबी की अपनी अलग व्यवस्था है। लेकिन एनएसईएल पर इसमें से कोई भी व्यवस्था लागू नहीं हुई।Ó अगस्त 2011 को जारी सेबी के दिशा-निर्देश के मुताबिक, 'प्रवर्तक/साझेदारों/कर्ता/ट्रस्टियों और पूर्णकालिक निदेशकों व कंपनी/अन्य की तरफ से सौदे में शामिल अधिकृत लोगों सहित सभी ग्राहकों के लिए पैन कार्ड की स्वप्रमाणित प्रति अनिवार्य है।Ó आयकर विभाग खुद भी ग्राहकों द्वारा दिए गए प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) के माध्यम से शेयर बाजार में हुए सौदों पर सीधे नजर रखता है। इस साल से जिंस वायदा बाजार भी इस तरह के कर सीटीटी के दायरे में आ गए हैं। बाजार से जुुड़े एक सूूत्र ने कहा, 'एनएसईएल का दावा है कि उसके ग्राहकों में कई किसान थे। यह कहना इसलिए भी आसान था, क्योंकि कृषि आय को कर से छूट है। इसलिए उनके पास पैन नहीं था।Ó विनियमित एक्सचेंजों में से एक के एक अधिकारी ने कहा कि एक्सचेंजों को अनिवार्य रूप से सदस्यों के परिसरों का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है और इन निरीक्षणों में सबसे पहले केवाईसी रिकॉर्ड की जांच की जाती है। सेबी जैसी एजेंसियों ने मध्यवर्ती संस्थाओं से नकदी लेनदेन की रिपोर्ट देने और संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट वित्तीय खुफिया इकाई को देने का आदेश दिया है। सेबी के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, 'केवाईसी नियम इसलिए लागू किया गया था, ताकि सौदा कर रहे शख्स की प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सके। यह तभी कारगर होगा जब जानकारियां जुटाने वाली एजेंसी नियामक के नियंत्रण के दायरे में आती हो।Ó एनएसईएल इन्वेस्टर्स फोरम के संयोजक शरद कुमार सर्राफ ने कहा, 'हम कई साल से अपने ब्रोकरों के साथ खाता चला रहे हैं। केवाईसी का सवाल ही नहीं उठता।Ó सर्राफ ने कहा कि उन्हें जांच के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है। कुछ ब्रोकरों का कहना है कि वे इक्विटी और जिंस कारोबार के लिए समान केवाईसी प्रक्रिया का पालन करते हैं। असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स की प्रबंध निदेशक दीना मेहता ने कहा, 'हमारे सभी ग्राहकों का केवाईसी है। हम चेक की व्यवस्था लागू कर सकते हैं। हम सेबी के केवाईसी मानकों को अन्य खंडों पर भी लागू करते हैं। हमें अपने ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड सौंपने में ज्यादा खुशी महसूस होगी। (BS Hindi)

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