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22 अगस्त 2013

कसेगा एनएसईएल के ऑडिटरों पर फंदा

मोतीलाल ओसवाल और आनंद राठी की अगुआई में ब्रोकरों का संगठन नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के ऑडिटरों को अदालत ले जाने की योजना बना रहा है। ब्रोकरों का कहना है कि ऑडिटरों ने एक्सचेंज के गोदामों में मौजूद भंडार की सही जानकारी नहीं दी है। संगठन ऑडिट करने वाली कंपनियों के नियामक भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान के समक्ष भी इन कंपनियों के खिलाफ शिकायत करेगा। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के चेयरमैन मोतीलाल ओसवाल ने बताया, 'हम ऑडिटरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे क्योंकि उन्होंने 12 जुलाई के बाद भी हमें एक्सचेंज के गोदामों में पर्याप्त माल मौजूद होने का प्रमाण पत्र दिया था।Ó मुंबई के मुकेश पी शाह ने एनएसईएल का ऑडिट किया था और प्रमाणपत्र दिया था कि कंपनी के गोदामों में कारोबार के लिए पर्याप्त भंडार है। जब इस बारे में शाह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र 31 मार्च तक जमा भंडार के बारे में थे और उसके बाद उन्होंने कोई भी प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है। शाह ने कहा, '31 मार्च को भी एक्सचेंज के पास बहुत ज्यादा भंडार नहीं था। एनएसईएल ने इस साल मार्च के बाद माल बेचकर रकम जुटाई है। ऐसे में हम पर आरोप लगाने की क्या तुक है?Ó इस पूरे भुगतान संकट में ऑडिटर की भूमिका काफी अहम है क्योंकि ऑडिटर के प्रमाण पत्र के आधार पर ही निवेशकों से कहा गया था कि गोदामों में अच्छी खासी मात्रा में माल मौजूद है। 31 जुलाई को सभी सौदे पूरे होने के बाद भी एनएसईएल ने यही भरोसा दिलाया था। ब्रोकरों ने बताया कि उन्हें गलत जानकारी दी गई थी। उनसे कहा गया था कि कारोबार चलाने के लिए पर्याप्त भंडार है और अगर डिफॉल्टरों ने भुगतान नहीं किया तब भंडार की नीलामी की जाएगी। ओसवाल ने बताया, 'लेकिन अभी तक न गोदामों पर ताला लगाया गया है और न ही परिसर को सुरक्षित किया गया है।Ó ब्रोकरों का कहना है कि डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों के पास मौजूद भंडार की बिकवाली करना अब एक्सचेंज के लिए मुमकिन नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के राष्टï्रीय सचिव और इन्वेस्टर्स ग्रीवांसेज फोरम के अध्यक्ष किरीट सौमेया ने कहा कि गायब हुए भंडार की जिम्मेदारी ऑडिटर को लेनी होगी। सौमेया ने बताया, 'दिल्ली में गोदामों के दौरे में मैंने पाया कि वे खाली हैं और वहां चीनी का भंडार नहीं है। वे गोदाम महज 20,000 वर्ग फुट में बने हैं यानी वहां ज्यादा से ज्यादा 50,000 बोरियां ही रखी जा सकती हैं। मुझे हैरानी है कि किस आधार पर ऑडिटर ने इन्हें प्रमाण पत्र दिया।Ó कंपनी मामलों का मंत्रालय करेगा जांच कंपनी मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि उसने कंपनी कानून के किसी संभावित उल्लंघन के मामले की जांच शुरू कर दी है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, 'उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एनएसईएल मुद्दे पर हमें कुछ जानकारी भेजी है। हम उसकी जांच कर रहे हैं। (BS Hindi)

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