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20 जुलाई 2013

प्याज बढ़ाएगा सरकार की मुसीबत

नई दिल्ली। चुनावी साल में प्याज की कम पैदावार सरकार की मुसीबतें बढ़ा सकती है। प्याज की कीमतों ने कई बार सरकार को सांसत में डाला है। इसकी पैदावार घटने के साथ मानसून की हालिया बारिश ने प्याज के मूल्य में और तड़का लगा दिया है। इससे देश के लगभग सभी क्षेत्रों में प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं। प्याज की महंगाई से आने वाले दिनों में भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। प्याज उत्पादक बड़े राज्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और गुजरात के सूखा प्रभावित होने की वजह से खेती का रकबा घटा वहीं उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित रहा है। बीते सीजन में प्याज का रकबा 10.87 लाख हेक्टेयर था, जो चालू सीजन घटकर 9.92 लाख हेक्टेयर रह गया। इसी वजह से बीते साल में प्याज का कुल उत्पादन 1.76 करोड़ टन था। वहीं, चालू सीजन में प्याज उत्पादन घटकर 1.66 करोड़ टन तक रहने का अनुमान है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक प्याज की पैदावार में और भी कमी आ सकती है। नासिक स्थित राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिकारी व नैफेड के सदस्य बी होल्कर ने 'जागरण' को बताया कि महाराष्ट्र की प्रमुख प्याज मंडी लासलगांव और नासिक में चार लाख टन से अधिक का स्टॉक है। नासिक में प्याज की दैनिक आवक घट रही है। होल्कर ने बताया कि महाराष्ट्र में भीषण सूखा होने के बावजूद किसानों ने जैसे तैसे प्याज की फसल को बचाकर उत्पादन किया है। इससे प्याज खेती की लागत बढ़ी है। कीमतों के बढ़ने की एक प्रमुख वजह यह भी है। नासिक की उत्पादक मंडी में भी प्याज का थोक भाव गुरुवार को 2,400 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल रहा। भला ऐसे में दिल्ली पहुंच इस प्याज का महंगा होना तय है। लेकिन दिल्ली के बजाय प्याज की आपूर्ति अच्छी कीमत मिलने के चलते दक्षिण भारत के राज्यों में हो रही है। दक्षिण भारत के राज्यों में पिछले सप्ताह ही प्याज के मूल्य सातवें आसमान पर पहुंच गए। इसका नतीजा यह हुआ कि महाराष्ट्र से उत्तरी क्षेत्र की मंडियों में आने वाली प्याज सीधे दक्षिणी क्षेत्र की मंडियों में जाने लगीं। इससे दिल्ली समेत उत्तरी राज्यों में प्याज की सप्लाई प्रभावित हुई है। लिहाजा खुदरा बाजार में प्याज के दाम 15 रुपये से बढ़कर 40 रुपये किलो तक पहुंच गए। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में वहां की लोकल प्याज के बाजार में आने में अभी लगभग एक महीने का समय और लग सकता है। छिटपुट जगहों से प्याज मंडियों में पहुंच रही है, लेकिन बहुत कम। पूर्वी क्षेत्र में प्याज की मांग में इजाफा होने से मूल्य बढ़े हैं। कोलकाता में प्याज का मूल्य 35 रुपये किलो चल रहा है।

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