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29 जुलाई 2013

इलायची उत्पादन में आएगी कमी

इडुक्की जिले में इलायची उत्पादकों की उम्मीदों की फसल को बीमारी लग गई है। बीमारी जिले के कई अन्य हिस्सों में भी फैली हुई है। इस इलाके में पिछले लगभग 50 दिनों से भारी बारिश हुई है जिससे यह बीमारी तेजी से फैल रही है और किसान और मसाला बोर्ड इस पर काबू पाने में विफल रहे हैं। इसलिए इस बार उत्पादन 18,000 टन के सामान्य दायरे से कम से कम 30 फीसदी कम रह सकता है। बीमारी की चपेट में आए कट्टïापना और उडुमबंचोला जैसे कुछ इलाकों में हालात काफी खराब हैं और उत्पादन में 40 फीसदी तक की कमी की आशंका है। फसल में इस बीमारी की वजह से ज्यादातर मामलों में अंकुर, फूलों और जड़ों को नुकसान पहुंचा है। यह नुकसान कट्टïापना इलाके में काफी अधिक है। मसाला बोर्ड के अधिकारियों ने किसानों को बोर्डऑक्स मिक्स्चर छिड़कने को कहा है। यह फफूंद को मारने वाला स्प्रे है, लेकिन यह बीमारी एक से दूसरे बागान में तेजी से फैल रही है। मौजूदा बारिश और ठंडे मौसम के कारण भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इस महीने फसल की कटाई शुरू हो गई है और कुछ बागानों में इलायची तोड़े जाने का पहला दौर पूरा हो चुका है। इस बीमारी के हमले से फसल को काफी नुकसान हुआ है। कट्टïापना के इलायची किसान रेजी नल्लानी ने कहा कि यह स्प्रे इस बीमारी की पूरी तरह से रोकथाम में सक्षम नहीं है और कई दूसरी तरह के कीटों के हमले के संकेत मिले हैं। मसाला बोर्ड भी इस स्थिति के बारे में कुछ नहीं बता पा रहा है। किसानों के अनुसार इस बीमारी और भारी बारिश की वजह से इस बार उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा। उत्पादन में कम से कम 30 फीसदी तक की कमी आने की आशंका है, क्योंकि फसल की कटाई अभी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई है। रेजी ने कहा कि इस समय इलायची बागानों में काम करना काफी कठिन है। श्रमिक इनमें काम करने से परहेज कर रहे हैं। पिछले लगभग 25 दिनों से इस जिले में बारिश हो रही है। पिछले लगभग 50 दिनों से अच्छी धूप नहीं निकलने से बागानों में फूल नहीं खिल रहे हैं। इलायची बागानों में फूल खिलने के लिए धूप जरूरी है। इससे फसल की कटाई का अगला चरण प्रभावित हो सकता है। (BS Hindi)

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