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19 जुलाई 2013

जून में कॉटन यार्न निर्यात रिकॉर्ड पर

रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से यार्न निर्यातकों के मार्जिन में बढ़ोतरी हुई है। इसीलिए जून महीने में 142.29 करोड़ किलो यार्न का रिकॉर्ड निर्यात हुआ है जबकि चालू वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में 348.4 करोड़ किलो यार्न का निर्यात हो चुका है। चालू फसल सीजन में करीब 107 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास के निर्यात सौदों का भी रजिस्ट्रेशन हो चुका है इसलिए कपास की कीमतों में तेजी की ही संभावना है। कपड़ा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यार्न का निर्यात बढ़कर 348.4 करोड़ किलो का हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 219.67 करोड़ किलो का हुआ था। इसके अलावा चालू कपास सीजन में अभी तक करीब 107 लाख गांठ कपास के निर्यात सौदों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है जिसमें से करीब 97 लाख गांठ की शिपमेंट भी हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 17 जुलाई को अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन का भाव 84.07 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ। मुक्तसर कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नवीन ग्रोवर ने बताया कि घरेलू बाजार में कच्चे माल के दाम बढ़े हैं लेकिन रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से यार्न निर्यातकों का मार्जिन बढ़ा है। नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि विश्व बाजार में भारतीय कपास अन्य देशों की तुलना में सस्ती है। हालांकि उत्पादक मंडियों में पिछले तीन-चार दिनों में कपास की कीमतों में करीब 500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की गिरावट आई है लेकिन घरेलू बाजार में कपास का बकाया स्टॉक कम है जबकि नई फसल आने में अभी ढाई महीने का समय शेष है। इसलिए कीमतों में मजबूती रहने की संभावना है। अहमदाबाद मंडी में गुरुवार को शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 42,300 से 42,500 रुपये प्रति कैंडी रहा जबकि 18 जून को इसका भाव 38,000 से 38,300 रुपये प्रति कैंडी था। कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निगम घरेलू बाजार में अभी तक 12 लाख गांठ कपास की बिक्री कर चुकी है तथा निगम के पास केवल 11 लाख गांठ का स्टॉक ही बचा हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू बुवाई सीजन में अभी तक कपास की बुवाई पिछले साल से आगे चल रही है लेकिन कुल बुवाई में 4-5 फीसदी कमी आने की आशंका है। हालांकि अनुकूल मौसम से उत्पादकता बढ़ेगी, इसलिए पैदावार पिछले साल से ज्यादा ही होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में 92.44 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 65.22 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। (Business Bhaskar R S Rana..)

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