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27 जून 2013

राष्ट्रीय पहचान बनाने को तैयार मदर डेयरी

मदर डेयरी ने लगभग चार साल पहले मुंबई के बाजार में प्रवेश किया था और अब वह इस साल शीर्ष तीन आइसक्रीम कंपनियों की सूची में शुमार होने के लिए तैयार है। मुंबई बाजार में सफलता के बाद नैशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक कंपनी अब राष्ट्रीय तौर पर विस्तार की राह पर तेजी से बढ़ रही है। मदर डेयरी में डेयरी उत्पाद व्यवसाय के प्रमुख सुभाशिष बसु का कहना है कि पूरे देश में अपनी आइस क्रीम परोसे जाने का विश्वास पूर्ववर्ती वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष तौर पर स्पष्टï हुआ जब पूरे देश में टेस्ट मार्केटिंग में अच्छे परिणाम दिखने शुरू हुए। तीन वर्ष के अंतराल के बाद पूरे देश में लोगों तक पहुंच बनाने के लिए कंपनी ने सिर्फ दो टेलीविजन कमर्शियल शुरू किए हैं। कंपनी देश में शीर्ष 25 शहरों की जरूरतें पूरी करने की योजना बना रही है जिनका योगदान देश के 1800 करोड़ रुपये के आइसक्रीम बाजार में लगभग 80 फीसदी का है। उनका कहना है, 'हम नई दिल्ली में दिग्गज हैं, लेकिन यह ऐसा समय है जब हम राष्ट्रीय तौर पर लोगों पर ध्यान दे रहे हैं। इस नए कमर्शियल के साथ आगे बढऩे का वास्तविक दृष्टिïकोण अपने राष्टï्रीय विस्तार की प्रतिबद्घता को दोहराना है। हमारी आइसक्रीम शुद्घ हैं और कोई फ्लेवर्ड वस्तु इसमें शामिल नहीं है। यही वजह है कि हमारा अभियान भी 'रियल गुड' के तौर पर मूल थीम से संबद्घ है। बासु का मानना है कि राष्ट्रीय तौर पर विस्तार के बाद उनका वर्टिकल अगले चार-पांच वर्षों में 900 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज करेगा। मदर डेयरी में महा प्रबंधक (विपणन) मुनीश सोनी कहते हैं कि डेयरी उत्पाद व्यवसाय में आइसक्रीम का योगदान मौजूदा समय में लगभग 275 करोड़ रुपये का है और इसे 25 फीसदी की दर से बढ़ाए जाने का लक्ष्य है। अपनी आइसक्रीम के लिए उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने के लिए मदर डेयरी मुख्य तौर पर एफएमसीजी वितरण मॉडल पर अमल करती है। बासु ने कहा, 'हम पारंपरिक रिटेल, अपनी स्वयं की गाडिय़ों, श्रेष्ठï लोकेशनों पर अपने स्वयं के विशेष बूथ और कियोस्क के इस्तेमाल के जरिये खपत बढ़ाए जाने के लिए अपनी ब्रांड पहुंच बढ़ाएंगे। इस साल हम सभी क्षेत्रों में बिक्री बढ़ाने के लिए रिटेल और वेंडिंग दोनों में परिसंपत्ति नियोजन पर भी अधिक ध्यान दे रहे हैं और उपभोक्ताओं के बड़े वर्ग तक पहुंच बनाने के लिए प्रयासरत हैं।' कंपनी के लिए एक प्रमुख चुनौती देश में विभिन्न राज्यों में स्थानीय कंपनियों से मुकाबला करने को लेकर होगी। उदाहरण के लिए, गुजरात और नई दिल्ली का सामूहिक तौर पर देश के 1800 करोड़ रुपये के आइसक्रीम बाजार में लगभग एक-तिहाई का योगदान है और गुजरात में वाडीलाल प्रमुख कंपनियों में से एक है। मुंबई में वाडीलाल, अमूल और क्वालिटी वाल्स प्रमुख दौड़ में शामिल हैं और मदर डेयरी भी जल्द इस क्लब में शामिल होने के लिए तैयार है।

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