कुल पेज दृश्य

25 मई 2013

कॉफी उत्पादन हो सकता है कम

देश में कॉफी उत्पादन में पिछले 9 ïवर्षों के दौरान पहली बार भारी गिरावट आने की संभावना है। लंबे समय तक सूखे और असमान बारिश से अरेबिका और रोबस्टा किस्मों में फूल आने और बीज बनने पर असर पड़ा है। भारत विश्व का छठा सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक है। अक्टूबर 2013 से शुरू होने वाले आगामी फसल वर्ष में काफी का उत्पादन 3 लाख टन के आंकड़े से नीचे आ सकता है। यद्यपि भारतीय कॉफी बोर्ड ने अभी नई फसल के आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए निजी उत्पादकों ने उत्पादन न्यूनतम 2,65,000 टन और अधिकतम 2,75,000 टन के बीच रहने का अनुमान जताया है, जो पिछले साल से 5-9 फीसदी कम है। वर्ष 2007-08 में देश में 2,62,000 टन कॉफी का उत्पादन हुआ था, जो पिछले दशक का सबसे निचला स्तर है। उत्पादकों की संस्था कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन (केपीए) ने फसल वर्ष 2012-13 के दौरान कॉफी का उत्पादन 2,90,000 टन रहने और कॉफी बोर्ड ने 3,14,000 टन रहने का अनुमान जताया है। हालांकि बोर्ड ने अभी फसल के अंतिम आंकड़े जारी नहीं किए हैं। पिछले तीन वर्षों से कॉफी उत्पादन 3,00,000 टन के आसपास बना हुआ है और 2007-08 के बाद पहली बार उत्पादन तेजी से गिरने की संभावना है। केपीए के चेयरमैन निशांत आर गुर्जर ने कहा, 'सूखे का भारी असर पड़ा है। चिकमगलूर, कोडागु और हासन जिलों के ज्यादातर उत्पादक क्षेत्रों में फूल खिलने के समय होने वाली बारिश असमान थी। चिकमगलूर जिले में तापमान 38-40 फीसदी दर्ज किया गया, जो मार्च और अप्रैल महीने में असामान्य है और ऐसा पिछले 20 सालों में पहली बार देखा गया है।' केपीए का अनुमान है कि 2013-14 में अरेबिका का उत्पादन 75,000 टन और रोबस्टा का उत्पादन 1,90,000 से 2,00,000 टन रहेगा। वर्ष 2012-13 में उत्पादन अरेबिका का 80,000 टन और रोबस्टा का 2,15,000 टन रहा था। रोबस्टा किस्म सूखे के प्रति ज्यादा संवेदनशील है और सूखे से इसके पौधों में व्हाइट स्टेम बोरर कीट का प्रकोप बढ़ सकता है। चिकमगलूर जिले का अरेबिका के कुल उत्पादन में योगदान करीब 35 फीसदी और रोबस्टा में 25-30 फीसदी होता है। उन्होंने कहा कि सभी उत्पादक क्षेत्रों में अप्रैल में बारिश नहीं हुई जिससे फूल खिलने और बीज बनने में देरी हुई है। गुर्जर ने कहा, 'आमतौर पर 15 मार्च से अप्रैल के अंत तक राज्य के उत्पादक क्षेत्रों में 8 से 10 इंच बारिश होती है। हालांकि इस साल यह लगभग के बराबर थी। इस तरह की स्थिति इससे पहले 1983 में रही थी।Ó भारतीय कॉफी निर्यातक संघ के अध्यक्ष रमेश राजा ने कहा कि इस साल कॉफी के वास्तविक उत्पादन के बारे में पुख्ता अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी। मॉनसून के बाद जारी अनुमान से ही सही तस्वीर सामने आएगी। उन्होंने कहा, 'इस साल रोबस्टा का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम हो सकता है और अरेबिका का उत्पादन पिछले साल के लगभग 85,000 टन के आसपास ही रहेगा। हमारा मानना है कि उत्पादन 10 फीसदी कम हो सकता है और कुल उत्पादन 3 साल बाद एक बार फिर 3,00,000 टन के स्तर से नीचे गिर सकता है।' (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: