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17 मई 2013

सेब की बंपर फ सल पर गिरे ओले

सत्र की शुरुआत में हुई अच्छी बर्फबारी से दो साल बाद सेब की बंपर पैदावार होने की संभावना थी लेकिन बीते कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर व हिमाचल के सेब उत्पादक क्षेत्रों में ओले पडऩे से फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे बंपर उत्पादन की संभावना खत्म होती दिख रही है। सेब उत्पादकों का कहना है कि कश्मीर में उत्पादन मौजूदा परिस्थितियों में पिछले साल के बराबर और हिमाचल में पिछले साल से ज्यादा उत्पादन की आस है। हालांकि दोनो राज्यों में उत्पादन सामान्य से कम ही रहेगा। क्योकि पिछले साल सामान्य उत्पादन के मुकाबले भारी कमी आई थी। हिमाचल में सेब की पैदावार सामान्यत: 4 से 5 लाख टन और कश्मीर में 15 से 16 लाख टन है। पिछले साल हिमाचल में 1.50 से 2 लाख टन और कश्मीर में 6 से 7 लाख टन सेब हुआ था। अखिल भारतीय सेब उत्पादक संघ के महासचिव और कश्मीर के सेब उत्पादक हाजी अब्दुल अहद रथर ने बताया कि पिछले माह की 28 तारीख से अगले 15 दिनों तक ओले पड़ते रहे। इस समय सेब के पेड़ों में फूल आ रहे थे। ओले पडऩे से इन्हें नुकसान पहुंचा है और बीमारी लगने का खतरा पैदा हो गया है। रथर ने कहा कि इससे पहले तक मौसम सेब की फसल के अनुकूल था, जिससे इस साल पैदावार बढऩे की उम्मीद थी, लेकिन बदले हालात में अब पैदावार पिछले साल के बराबर होने की उम्मीद है। संघ के अध्यक्ष और हिमाचल के सेब उत्पादक रवींद्र चौहान ने कहा कि ओले से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। फिर भी शुरुआती अनुमान के मुताबिक पिछले साल से ज्यादा सेब पैदा होगा। अगर ओले नहीं पड़ते तो हिमाचल में पैदावार सामान्य यानी 4-5 लाख टन हो सकती थी। लेकिन अब पैदावार 2.5 से 2.75 लाख टन तक रह सकती है। हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष लेखराज चौहान ने भी माना कि ओले पडऩे से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। वे इस वक्त पैदावार का आंकलन करने को सही नही मानते हैं। I(BS Hindi)

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