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15 मई 2013

सोने के आयात में अप्रैल जैसा उछाल संभव नहीं

अप्रैल में सोने का आयात 138 फीसदी बढऩे से देश का व्यापार घाटा बढ़ा पिछले अप्रैल में सोने के आयात में 138 फीसदी बढ़ोतरी को असामान्य बताते हुए सरकार ने उम्मीद जताई है कि आगामी महीनों में आयातित सोने की मांग कम होगी। विश्लेषकों का भी मानना है कि सोने के आयात में हुई बढ़ोतरी आगे जारी नहीं रह पाएगी। आयात में पिछले कुछ समय के दौरान हुई बढ़ोतरी सोने व अन्य कमोडिटी के मूल्य में आई भारी गिरावट के कारण दर्ज की गई है। आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने संवाददाताओं को बताया कि आगामी महीनों में मूल्य वृद्धि से बचने के लिए हेजिंग के मकसद से सोने का बड़ी मात्रा में आयात किया गया। यह असामान्य बढ़ोतरी रही है। लेकिन इसकी भी सीमा है कि सोने का कितना आयात किया जा सकता है क्योंकि आयात करने की भी ऊंची लागत आती है। इस वजह से हमें उम्मीद है कि अगले महीनों में सोने के आयात में गिरावट आएगी। आगामी महीनों में भी सोना आयात बढऩा मुश्किल है। सोने के आयात में बढ़ोतरी नीति निर्धारकों के लिए समस्याएं पैदा कर रही है क्योंकि इससे देश के करेंट एकाउंट डेफिसिट (सीएडी) पर भारी दबाव पड़ रहा है। इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडारण पर प्रभाव पड़ रहा है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी कहा कि चालू वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान सोने के आयात में गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि व्यापारी सोना आयात करने के लिए कई महीनों पहले फैसला करते हैं। हमें नहीं पता कि फरवरी व मार्च में कितना सोना आयात के ऑर्डर दिए गए। लेकिन यह तय है कि सोना आयात का मौजूदा रुख जारी नहीं रहेगी। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक स्थिति बदलेगी और सोने के आयात में कमी आएगी। देश में सोने का सामान्य आयात पिछले साल हुए आयात के मुकाबले आधा रहना चाहिए। पिछले वित्त वर्ष 2012-13 में देश में 830 टन सोने का आयात किया गया था। जबकि अप्रैल में आयात 138 फीसदी बढ़ गया। इस दौरान 7.5 अरब डॉलर का सोना आयात होने से व्यापार घाटा बढ़कर 17.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे सीएडी पर प्रतिकूल असर पडऩे की आशंका है। सरकार ने सोने के आयात पर अंकुश लगाने के लिए पिछले महीनों में ड्यूटी बढ़ाने और कई अन्य तरह की पाबंदियां लगाई थीं। दूसरी ओर ब्रोकरेज फर्म नोमुरो की चीफ इकोनॉमिस्ट सोनल वर्मा ने कहा कि अनायास सोने के मूल्य में आई गिरावट के कारण मांग सुधर गई और इसकी वजह से पिछले माह सोने के आयात में भारी बढ़ोतरी हुई। लेकिन अगले महीनों में सोने के आयात में कमी आ सकती है। विदेश में नरमी के बाद भी सोना उछला नीचे भाव पर गहने निर्माताओं की मांग निकलने से मंगलवार को घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में 380 रुपये की तेजी आकर भाव 27,900 रुपये प्रति दस ग्राम हो गए। चांदी की कीमतें इस दौरान 45,500 रुपय प्रति किलो पर स्थिर बनी रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को निवेशकों की मुनाफावसूली से सोने की कीमतों में 2 डॉलर की गिरावट आकर भाव 1,428 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करते देखे गए। 13 मई को विदेशी बाजार में सोने का भाव 1,430 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था। चांदी का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस दौरान 23.65 डॉलर प्रति औंस से नरम होकर 23.43 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करते देखा गया। (Business Bhaskar)

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