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24 अप्रैल 2013

कालीमिर्च वायदा होगा शुरू!

विवादास्पद मिनरल ऑयल का मामला सुलझने पर विभिन्न जिंस एक्सचेंजों पर कालीमिर्च वायदा फिर शुरू हो सकता है। मिनरल ऑयल मामले की वजह से भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) में हड़कंप मच गया था, जिसकी वजह से कोच्चि में 8,000 टन कालीमिर्च सील कर दी गई और पिछले साल दिसंबर में कारोबार स्थगित कर दिया गया था। वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) से कहा कि उसके अनुबंधों को फिर से शुरू करने की मंजूरी देने से पहले वह मामले को सुलझाए। इन अनुबंधों को कुछ महीने पहले अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था। एनसीडीईएक्स ने दिशानिर्देश मिलने के बाद एफएसएसएआई द्वारा सील की गई कालीमिर्च के नमूनों की जांच के लिए भुगतान कर दिया है और नए अनुबंधों के लिए नए सिरे से आवेदन किया है। जिंस बाजार नियामक ने अनुबंध ब्योरे में मिनरल ऑयल जांच का कोई विशेष जिक्र नहीं किया था, इसलिए एफएमसी ने विवाद से बचने के लिए अनुबंध को स्थगित करना बेहतर समझा। इस बीच एफएसएसएआई द्वारा कोच्चि के विभिन्न गोदामों में मिनरल ऑयल के स्टॉक में मिनरल ऑयल पाए जाने के मुद्दे ने धीरे-धीरे अपनी प्रासंगिकता खो दी है, क्योंकि एक समय के बाद प्रतिबंधित पदार्थ स्वत: ही खत्म हो जाता है। मिनरल ऑयल का इस्तेमाल घटिया कालीमिर्च को पॉलिश करने के लिए किया जाता है, लेकिन यह अपने रासायनिक गुणों के चलते तीन महीने के बाद स्वत: ही वाष्पित होकर उड़ जाता है। एफएसएसएआई सील की हुई कालीमिर्च को छोडऩे की जल्दी में नहीं है। यह इस तथ्य से साफ है कि फरवरी में 9 टन और 24 टन के दो लॉट में की गई औचक (रैंडम) जांच में मिनरल ऑयल के अंश नहीं मिले हैं। ये दो लॉट वास्तविक किसानों द्वारा भंडारित किए गए थे। विशेषज्ञों के अनुसार इन दोनों लॉटों के स्वामियों के पास मिनरल ऑयल की पॉलिश करने के लिए पर्याप्त संसाधन और कौशल नहीं था। इसके बाद एफएसएसएआई के पास दो लॉट को डिलिवरी के लिए जारी करने के अलावा कोई चारा नहीं था। लेकिन अब एफएसएसएआई ने जांच का अपना तरीका बदल लिया है। पहले यह रैंडम जांच करता था, लेकिन अब स्टॉक का मूल्यांकन क्लेंजिंग पद्धति से करता है। इसका मतलब है कि एक स्वतंत्र प्रयोगशाला में जांच के लिए नमूने सभी पैकेट में से लिए जा रहे हैं। एफएसएसएआई (त्रिवेंद्रम, केरल) के संयुक्त आयुक्त अनिल कुमार ने कहा, 'हमें यह पता है कि कालीमिर्च मिनरल ऑयल को सोख लेती है और इस बात की संभावना है कि अगर मिनरल ऑयल के अंश होंगे भी तो एक समय के बाद वाष्पित हो जाएंगे। इसलिए हमने पहले की रैंडम जांच के बजाय नमूनों के लिए क्लींजिंग पद्धति अपना रहे हैं, जिसमें सभी पैकेटों से आवश्यक रूप से नमूने लिए जाते हैं। (BS Hindi)

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