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05 दिसंबर 2012

दिसंबर से पेट्रोल में पांच फीसदी एथनॉल का मिश्रण हर हाल में

केंद्र सरकार ने पेट्रोल में पांच फीसदी एथनॉल का मिश्रण करना अनिवार्य रूप से और सख्ती के साथ लागू करने का फैसला किया है। पांच फीसदी एथनॉल का मिश्रण का प्रावधान पहले से ही है लेकिन कई राज्यों में इसे लागू नहीं किया जा रहा था। पूरे देश में पांच फीसदी एथनॉल मिश्रण लागू होने से क्रूड ऑयल के आयात पर निर्भरता थोड़ी कम होगी। पेट्रोलियम कंपनियों को इससे सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण से जहां उपभोक्ताओं को ज्यादा माइलेज मिलेगी, वहीं एथनॉल का भाव बाजार आधारित होने से चीनी मिलों को इसका लाभ मिलेगा। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने चालू पेराई सीजन 2012-13 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए पहली दिसंबर 2012 से देशभर में तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को पेट्रोल में 5 फीसदी एथनॉल मिश्रण की अनिवार्य रूप से लागू करने का फैसला किया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इसके लिए अधिसूचना जारी करेगा। एथनॉल की कीमतों को तय करने की जिम्मेदारी तेल कंपनियों और चीनी मिलों की होगी। इसके अलावा एथनॉल की घरेलू आपूर्ति में कमी आने पर तेल विपणन कंपनियां और केमिकल उद्योग इसका आयात भी कर सकेगा। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अबिनाश वर्मा ने बताया कि पेट्रोलियम कंपनियां भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन को पहली दिसंबर 2012 से अनिवार्य रूप से पेट्रोल में 5 फीसदी एथनॉल का मिश्रण करना होगा। इससे पेट्रोलियम कंपनियों को सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। वर्तमान में पेट्रोल के दाम करीब 70 रुपये प्रति लीटर है जबकि एथनॉल का दाम 40 रुपये प्रति लीटर के लगभग है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पेट्रोल की कुल खपत को देखते हुए सालाना करीब 105 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता होगी जबकि घरेलू उद्योग की सालाना उत्पादन क्षमता लगभग 250 करोड़ लीटर की है। यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन के सचिव श्याम लाल गुप्ता ने बताया कि एथनॉल की कीमतें बाजार आधारित कर देने से चीनी मिलों को एथनॉल का बेहतर भाव मिल सकेगा, जिसका फायदा गन्ना चीनी मिलों के अलावा किसानों को भी मिलेगा। (Business Bhaskar)

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