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10 दिसंबर 2012

चीनी डिकंट्रोल पर राज्यों से होगा परामर्श

सिफारिशों से मुश्किल रंगराजन समिति की सिफारिशों में सिर्फ चीनी मिलों के हितों का ख्याल उत्तर भारत के गन्ना उत्पादक सिफारिशों से ज्यादा प्रभावित होंगे उत्तर भारत के गन्ने से कम चीनी का उत्पादन होता है उत्तरी राज्यों में गन्ने की प्रति हैक्टेयर पैदावार भी कम संसद पर धरने के बाद सरकार को आया करोड़ों किसानों का ख्याल : वीएम सिंह केंद्र सरकार को देश के करोड़ों किसानों के हितों का ख्याल आ गया है। सरकार ने चीनी उद्योग के डिकंट्रोल पर रंगराजन समिति की सिफारिशों को लागू करने की रफ्तार थोड़ी धीमी कर दी है। अब सरकार रंगराजन समिति की सिफारिशों पर अब संबंधित राज्य सरकारों से सलाह लेगी। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (आरकेएमएस) के संयोजक वी. एम. सिंह ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि केंद्र सरकार ने तय किया है कि वह फिलहाल रंगराजन समिति की किसी भी सिफारिश को लागू नहीं करने का जा रही है। केंद्र सरकार इस बारे में संबंधित राज्यों से सलाह-मशविरा करेगी। उन्होंने बताया कि देश के करोड़ों गन्ना किसानों की यह बड़ी जीत है। सरकार ने यह निर्णय हजारों किसानों के साथ 4 दिसंबर को संसद मार्ग पर दिए गए एक दिन के धरने के दबाव में लिया है। सिंह ने कहा कि पैनल की सिफारिशें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश के किसानों के हितों के खिलाफ हैं। हालांकि महाराष्ट्र और कर्नाटक के किसानों के लिए ये सिफारिशें फायदेमंद हो सकती हैं क्योंकि उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत में जहां गन्ने में रिकवरी की दर ज्यादा है और प्रति हैक्टेयर उत्पादकता भी बेहतर है। उत्तर भारत में प्रति क्विंटल गन्ने से 8-9 किलोग्राम चीनी निकलती है जबकि महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत के राज्यों में 12 से 14 किलोग्राम चीनी निकलती है। इसी तरह से उत्तर भारत में औसतन गन्ने की उपज 225 से 275 क्विंटल प्रति एकड़ है जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक में 450 से 500 क्विंटल प्रति एकड़ है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि रंगराजन समिति द्वारा प्रधानमंत्री को सौंपी सिफारिशों में केवल चीनी मिलों के हितों का ही ध्यान रखा है और किसानों के हितों की अनदेखी की गई है। चीनी क्षेत्र को विनियंत्रण करने की रंगराजन समिति की सिफारिशों को नामंजूर करने की मांग करते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष वी के सिंह भी गन्ना उत्पादक किसानों के संसद घेराव में शामिल हुए थे। आरकेएमएस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में इलोद प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुल्तान अहमद ने भी भाग लिया था। (Business bhaskar...R S Rana)

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