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03 नवंबर 2012

जिंक में अल्पावधि का निवेश मुनाफे का सौदा

वैश्विक स्तर पर अमेरिका में औद्योगिक उत्पादन के सकारात्मक आंकड़ों के साथ ही जापान में बैंक की ओर से प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के कारण फिलहाल बेस मेटल्स की कीमतों में तेजी का रुख दर्ज किया जा रहा है। ऐसे में जिंक की कीमतों में भी तेजी का रुख अल्पावधि में बरकरार रहने के संकेत हैं। इस कारण निवेशक जिंक में अल्पावधि निवेश से लाभ कमा सकते हैं। दूसरी ओर सितंबर तक जिंक में सबसे ज्यादा उछाल के बाद इसमें गिरावट दर्ज की गई। अब भाव बहुत नीचे आ चुके हैं ऐसे में निचले भावों पर खरीद से निवेशकों को लाभ मिल सकता है। विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिका के मैन्यूफैक्चरिंग आंकड़ों में तेजी के कारण पिछले कुछ समय से जिंक की कीमतों में तेजी का रुख दर्ज किया जा रहा है। संभावना है कि आने वाले कुछ दिनों में बेस मेटल्स की कीमतों में तेजी के कारण जिंक के भावों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जाए। इसे देखते हुए निवेशकों को जिंक में अल्पावधि के निवेश से बेहतर लाभ मिल सकता है। जापान के केंद्रीय बैंक की ओर से प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने की वजह से भी कीमतों में तेजी आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर पिछले एक महीने में तो जिंक के नवंबर वायदा का भाव 111.5 रुपये प्रति किलो के भाव से शुक्रवार को 101.5 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है। हालांकि, अक्टूबर के अंत में इसका भाव 99 रुपये प्रति किलो के स्तर पर आ गया था। जिसमें फिलहाल तेजी का रुख दर्ज किया जा रहा है। अल्पावधि में चीन की ओर से मांग बढऩे के कारण तथा एशिया में भी मांग में उछाल की वजह से जिंक की कीमतों में तेजी को समर्थन मिलेगा। हाजिर बाजार में जिंक की कीमतों में तेजी की बात की जाए तो पिछले एक माह में इसमें भी गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन पिछले दस दिन में इसकी कीमतों में तेजी का रुख रहा है। विश्लेषकों के मुताबिक अभी कुछ समय के लिए जिंक की कीमतों में तेजी रहेगी। हालांकि, दीर्घावधि में कीमतें नीचे आ सकती हैं। कर्वी कॉमट्रेड के मेटल विश्लेषक सुमित मुखर्जी के मुताबिक जिंक में ओवरसप्लाई की स्थिती के चलते कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही थी। लेकिन वैश्विक संकेतों के कारण इसकी कीमतों में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि दीर्घावधि में जिंक के भाव में फिर से गिरावट आ सकती है। इनके मुताबिक पहले संभावना थी कि वर्ष 2013 के मध्य तक जिंक की प्रमुख खदानों आयरलैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में माइनिंग हो जाए। ऐसे में सप्लाई प्रभावित होने से लंबी अवधि के दौरान जिंक की कीमतों में तेजी की उम्मीद थी। लेकिन 60 फीसदी जिंक की मेल्टिंग करने वाली ग्लेनकोर कंपनी द्वारा किसी अन्य कंपनी द्वारा अधिग्रहण किए जाने के संकेतों से ग्लेनकोर के हाथ में अकेले 90 फीसदी जिंक की सप्लाई आ जाएगी। ऐसे में जिंक की कीमतों पर असर पड़ेगा। इंडियाबुल्स कमोडिटीज के विश्लेषक (कमोडिटी-रिसर्च) बदरुद्दीन ने बताया कि पिछले दो महीने में ही जापान बैंक की ओर से अपने एसेट परचेज प्रोग्राम को दो बार बढ़ाए जाने के कारण बेस मेटल्स की कीमतों में तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसलिए पिछले कुछ समय से जिंक की कीमतों में तेजी आई है। जापान के केंद्रीय बैंक की ओर से फंड को 11 ट्रिलियन येन से बढ़ाकर 66 ट्रिलियन येन कर दिए जाने से कीमतों में अल्पावधि के लिए भी तेजी की संकेत हैं। इसके अलावा यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ सप्लाई मैनेजमेंट की ओर से परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) भी पिछले पांच माह के रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज किया गया है। फरवरी के बाद से इसमें सबसे ज्यादा उछाल दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में कंज्यूमर स्पेंडिंग्स के आंकड़े भी सितंबर माह के अनुमान से अधिक दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा हाउसहोल्ड परचेज जो कि कुल अर्थव्यवस्था का 70 फीसदी हिस्सा है, में भी 0.8 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। इस कारण बेस मेटल्स की कीमतों में फिलहाल तेजी का रुख है। वैश्विक संकेतों को देखते हुए आगामी कुछ दिनों में जिंक की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है। ऐसे में निवेशक अल्पावधि निवेश से जिंक में लाभ कमा सकते हैं। (Business Bhaskar)

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